मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने संकट में फंसी दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के निदेशक मंडल की जगह पर कंपनी का कामकाज चलाने के लिये बुधवार को प्रशासक नियुक्त किया. कंपनी संचालन से जुड़ी चिंताओं और बॉन्ड की देनदारी चुकाने में चूक के चलते आरबीआई ने यह कदम उठाया.
इस बीच, सेबी चेयरमैन ने बुधवार को कहा कि म्यूचुअल फंड डीएचएफएल की समाधान प्रकिया में शामिल हो सकते हैँ.
केंद्रीय बैंक ने इंडियन ओवरसीज बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक आर. सुब्रमण्यकुमार को कंपनी का प्रशासक नियुक्त किया है. सरकार की ओर से आरबीआई को संकटग्रस्त एनबीएफसी और एचएफसी को दिवाला अदालत भेजने में सक्षम बनाने के बाद यह घोषणा की गई है.
आरबीआई ने बयान में कहा, " रिजर्व बैंक ने कंपनी संचालन से जुड़ी चिंताओं और डीएचएफएल के विभिन्न देनदारियों को पूरा नहीं करने के चलते उसके निदेशक मंडल के स्थान पर प्रशासक बैठा दिया है."
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इसमें कहा गया है कि दिवाला संहिता 2019 के तहत कंपनी की समाधान प्रक्रिया को जल्द शुरू कर दिया जाएगा. प्रशासक को कंपनी का समाधान पेशेवर नियुक्त करने के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के पास आवेदन भी किया जाएगा.
इधर, सेबी चेयरमैन ने कहा कि म्यूचुअल फंड डीएचएफएल की समाधान प्रकिया में शामिल हो सकते हैँ. उल्लेखनीय है कि म्यूचुअल फंडों ने डीएचएफएल को अच्छी खासी रकम उधार दी है. हालांकि, वे कंपनी में वित्तीय संकट आने के बाद समाधान के प्रयासों से पहले शामिल नहीं हुए.
डीएचएफएल का नाम लिए बैगर सेबी प्रमुख अजय त्यागी ने संवाददाताओं से कहा, "दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता के तहत म्यूचुअल फंड को भी ऋणदाता के रूप में माना जाता है और वे इन नियमों का पालन करेंगे। हमें इस पर कुछ नहीं कहना है."