नई दिल्ली: देश में यूट्यूब पर वीडियो देखने के समय में जुलाई 2020 के दौरान सालाना आधार पर 45 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. गूगल के वीडियो प्रसारण मंच यूट्यूब ने शुक्रवार को कहा कि इसमें अहम हिस्सेदारी क्षेत्रीय भाषाओं में बने वीडियो को देखने की रही.
सस्ते स्मार्टफोन और मोबाइल इंटरनेट की उपलब्धता के चलते पिछले कुछ सालों में ऑनलाइन वीडियो सामग्री देखने में वृद्धि दर्ज की गयी है.
वहीं कोविड-19 महामारी की वजह से किए गए लॉकडाउन के चलते ऑनलाइन वीडियो और संगीत प्रसारण की खपत में बढ़ोत्तरी हुई है.
यूट्यूब ने एक बयान में कहा, "इस साल जुलाई 2020 में वीडियो देखने के समय (वाचटाइम) में पिछले साल के समान महीने की तुलना में 45 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी है. क्षेत्रीय भाषा में बने वीडियो इस वृद्धि को आगे बढ़ाने वाले सबसे मजबूत कारकों में से एक रहे. सितंबर 2019 में हुए शोध 'गूगल/कैंटर वीडियो लैंडस्केप रिसर्च' के अनुसार यूट्यूब पर वीडियो देखने वालों में 93 प्रतिशत लोग स्थानीय भाषा में बने वीडियो को तरजीह देते हैं."
ये भी पढ़ें: कोरोना का कहर: कोका कोला करेगी दुनिया भर में 2,200 कर्मचारियों की छंटनी
हालांकि इस सर्वेक्षण में मंच पर बिताए जाने वाले कुल समय की जानकारी नहीं दी गयी है. यूट्यूब ने क्षेत्रीय भाषा में विज्ञापन दिखाने वाले अपने पहले लीडरबोर्ड को पेश किया है.
यह 2020 की दूसरी छमाही में सबसे अधिक देखे जाने वाले शीर्ष 10 विज्ञापन की रैकिंग करता है. इसमें छह भारतीय भाषाओं के विज्ञापन की रेटिंग की गयी है.
रिपोर्ट के अनुसार सबसे शीर्ष पर अमूल का विज्ञापन 'टेस्ट ऑफ इंडिया' (तमिल भाषा) रहा. इसके बाद मलयालम भाषा में एंट्री ऐप का 'मासएंट्री' और बांग्ला भाषा में 'गुडनाइट गोल्ड फ्लैश' विज्ञापन का स्थान रहा.
(पीटीआई-भाषा)