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बाइडेन भारत का जीएसपी दर्जा बहाल कर मजबूत संकेत भेज सकते हैं: मुकेश अघी

अमेरिका-भारत रणनीतिक एवं भागीदारी मंच ने कहा कि अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन अगर भारत के सामान्यीकृत तरजीही प्रणाली (जीएसपी) को बहाल कर नई दिल्ली को एक मजबूत संकेत भेज सकते हैं.

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Published : Nov 10, 2020, 5:16 PM IST

joe biden
जो बाइडेन

वॉशिंगटन : भारत केंद्रित एक प्रमुख अमेरिकी व्यावसायिक पैरवी समूह ने कहा है कि अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन और वॉशिंगटन द्वारा भारत के मामले में व्यापार से जुड़ी सामान्यीकृत तरजीही प्रणाली (जीएसपी) को बहाल कर देने से ही तुरंत एक छोटा व्यापार समझौता हो सकता है और इससे नई दिल्ली को एक मजबूत संकेत भी भेजा जा सकता है.

अमेरिका-भारत रणनीतिक एवं भागीदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) के अध्यक्ष मुकेश अघी ने एक साक्षात्कार में कहा कि भारत और अमेरिका जल्दी से इस तरह का एक छोटा सा व्यापार समझौता करके आगे बढ़ सकते हैं और आगे बड़े मुद्दों पर ध्यान लगा सकते हैं.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सितंबर में कहा कि भारत और अमेरिका के बीच सीमित व्यापार समझौता करने के मामले में जितने भी मुद्दे आड़े आ रहे थे, उनका समाधान कर लिया गया है. इसके बाद अमेरिका की राजनीतिक स्थिति यदि इसकी अनुमति देती है तो किसी भी समय यह समझौता हो सकता है.

भारत की ओर से अमेरिका के समक्ष जो मांगें रखी गई थीं उनमें इस्पात और एल्यूमीनियम उत्पादों पर लगाए जा रहे ऊंचे शुल्क से छूट देने, जीएसपी के तहत भारत को कुछ निर्यात सामानों पर दिए जाने वाले लाभ को बहाल करने पर जोर दिया गया. इसके अलावा कृषि, ऑटोमोबाइल, वाहन कलपुर्जे और इंजीनियरिंग उत्पादों को अमेरिका में बेहतर बाजार पहुंच उपलब्ध कराने को कहा गया.

यह भी पढ़ें- भारत और अमेरिका साथ आए तो दुनिया होगी सुरक्षित : बाइडेन

दूसरी तरफ अमेरिका की ओर से भारत के बाजारों में उसके कृषि और विनिर्मित उत्पादों, डेयरी सामानों और चिकित्सा उपकरणों के लिए अधिक बाजार पहुंच उपलब्ध कराने और साथ ही कुछ सूचना अैर दूरसंचार प्रौद्योगकी के उत्पादों पर आयात शुल्क कम करने की मांग की गई.

वॉशिंगटन : भारत केंद्रित एक प्रमुख अमेरिकी व्यावसायिक पैरवी समूह ने कहा है कि अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन और वॉशिंगटन द्वारा भारत के मामले में व्यापार से जुड़ी सामान्यीकृत तरजीही प्रणाली (जीएसपी) को बहाल कर देने से ही तुरंत एक छोटा व्यापार समझौता हो सकता है और इससे नई दिल्ली को एक मजबूत संकेत भी भेजा जा सकता है.

अमेरिका-भारत रणनीतिक एवं भागीदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) के अध्यक्ष मुकेश अघी ने एक साक्षात्कार में कहा कि भारत और अमेरिका जल्दी से इस तरह का एक छोटा सा व्यापार समझौता करके आगे बढ़ सकते हैं और आगे बड़े मुद्दों पर ध्यान लगा सकते हैं.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सितंबर में कहा कि भारत और अमेरिका के बीच सीमित व्यापार समझौता करने के मामले में जितने भी मुद्दे आड़े आ रहे थे, उनका समाधान कर लिया गया है. इसके बाद अमेरिका की राजनीतिक स्थिति यदि इसकी अनुमति देती है तो किसी भी समय यह समझौता हो सकता है.

भारत की ओर से अमेरिका के समक्ष जो मांगें रखी गई थीं उनमें इस्पात और एल्यूमीनियम उत्पादों पर लगाए जा रहे ऊंचे शुल्क से छूट देने, जीएसपी के तहत भारत को कुछ निर्यात सामानों पर दिए जाने वाले लाभ को बहाल करने पर जोर दिया गया. इसके अलावा कृषि, ऑटोमोबाइल, वाहन कलपुर्जे और इंजीनियरिंग उत्पादों को अमेरिका में बेहतर बाजार पहुंच उपलब्ध कराने को कहा गया.

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दूसरी तरफ अमेरिका की ओर से भारत के बाजारों में उसके कृषि और विनिर्मित उत्पादों, डेयरी सामानों और चिकित्सा उपकरणों के लिए अधिक बाजार पहुंच उपलब्ध कराने और साथ ही कुछ सूचना अैर दूरसंचार प्रौद्योगकी के उत्पादों पर आयात शुल्क कम करने की मांग की गई.

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