नई दिल्ली: द इस्टीट्यूट ऑफ चाटर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने एक जुलाई से ऑडिट रपटों पर यूनिक डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (यूडीआईएन) का उल्लेख करना अनिवार्य बना दिया है.
यह घोषणा आईसीएआई परिषद द्वारा 17-18, 2018 को की गई बैठक में लिए गए फैसले के बाद की गई है.
आईसीएआई ने अपनी चार जून को जारी अधिसूचना में कहा, "सदस्यों को यह जानकारी दी जाती है कि परिषद की 17-18 दिसंबर, 2018 को हुई बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार 'विशिष्ट दस्तावेज पहचान संख्या (यूडीआईएन)' को अनिवार्य किया जाता है."
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अधिसूचना में कहा गया है, "एकरूपता लाने के उद्देश्य से, आईसीएआई सदस्यों को ऑडिट रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करते समय अपनी आईसीएआई सदस्यता संख्या के तुरंत बाद यूडीआईएन का उल्लेख करना होगा."
दिल्ली स्थित चाटर्ड अकाउंटेंट विकास गुप्ता ने इसे स्वागत योग्य कदम करार दिया है. उन्होंने कहा, "यूडीआईएन ऑनलाइन सत्यापित करने में मदद करेगा कि प्रस्तुत किया गया प्रमाणपत्र या रिपोर्ट वास्तव में चाटर्ड अकाउंटेंट द्वारा हस्ताक्षरित है."
गुप्ता ने कहा, "इससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और ऑडिटर्स पर अपने ऑडिट की जिम्मेदारी लेने का दबाव भी होगा. आईसीएआई के पास अपने सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित प्रमाणपत्रों का डेटा भी रहेगा."
एक जुलाई से ऑडिट रिपोर्ट के लिए यूडीआईएन होगा अनिवार्य
आईसीएआई ने अपनी चार जून को जारी अधिसूचना में कहा, "सदस्यों को यह जानकारी दी जाती है कि परिषद की 17-18 दिसंबर, 2018 को हुई बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार 'विशिष्ट दस्तावेज पहचान संख्या (यूडीआईएन)' को अनिवार्य किया जाता है."
नई दिल्ली: द इस्टीट्यूट ऑफ चाटर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने एक जुलाई से ऑडिट रपटों पर यूनिक डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (यूडीआईएन) का उल्लेख करना अनिवार्य बना दिया है.
यह घोषणा आईसीएआई परिषद द्वारा 17-18, 2018 को की गई बैठक में लिए गए फैसले के बाद की गई है.
आईसीएआई ने अपनी चार जून को जारी अधिसूचना में कहा, "सदस्यों को यह जानकारी दी जाती है कि परिषद की 17-18 दिसंबर, 2018 को हुई बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार 'विशिष्ट दस्तावेज पहचान संख्या (यूडीआईएन)' को अनिवार्य किया जाता है."
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अधिसूचना में कहा गया है, "एकरूपता लाने के उद्देश्य से, आईसीएआई सदस्यों को ऑडिट रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करते समय अपनी आईसीएआई सदस्यता संख्या के तुरंत बाद यूडीआईएन का उल्लेख करना होगा."
दिल्ली स्थित चाटर्ड अकाउंटेंट विकास गुप्ता ने इसे स्वागत योग्य कदम करार दिया है. उन्होंने कहा, "यूडीआईएन ऑनलाइन सत्यापित करने में मदद करेगा कि प्रस्तुत किया गया प्रमाणपत्र या रिपोर्ट वास्तव में चाटर्ड अकाउंटेंट द्वारा हस्ताक्षरित है."
गुप्ता ने कहा, "इससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और ऑडिटर्स पर अपने ऑडिट की जिम्मेदारी लेने का दबाव भी होगा. आईसीएआई के पास अपने सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित प्रमाणपत्रों का डेटा भी रहेगा."
एक जुलाई से ऑडिट रिपोर्ट के लिए यूडीआईएन होगा अनिवार्य
नई दिल्ली: द इस्टीट्यूट ऑफ चाटर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने एक जुलाई से ऑडिट रपटों पर यूनिक डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (यूडीआईएन) का उल्लेख करना अनिवार्य बना दिया है.
यह घोषणा आईसीएआई परिषद द्वारा 17-18, 2018 को की गई बैठक में लिए गए फैसले के बाद की गई है.
आईसीएआई ने अपनी चार जून को जारी अधिसूचना में कहा, "सदस्यों को यह जानकारी दी जाती है कि परिषद की 17-18 दिसंबर, 2018 को हुई बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार 'विशिष्ट दस्तावेज पहचान संख्या (यूडीआईएन)' को अनिवार्य किया जाता है."
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अधिसूचना में कहा गया है, "एकरूपता लाने के उद्देश्य से, आईसीएआई सदस्यों को ऑडिट रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करते समय अपनी आईसीएआई सदस्यता संख्या के तुरंत बाद यूडीआईएन का उल्लेख करना होगा."
दिल्ली स्थित चाटर्ड अकाउंटेंट विकास गुप्ता ने इसे स्वागत योग्य कदम करार दिया है. उन्होंने कहा, "यूडीआईएन ऑनलाइन सत्यापित करने में मदद करेगा कि प्रस्तुत किया गया प्रमाणपत्र या रिपोर्ट वास्तव में चाटर्ड अकाउंटेंट द्वारा हस्ताक्षरित है."
गुप्ता ने कहा, "इससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और ऑडिटर्स पर अपने ऑडिट की जिम्मेदारी लेने का दबाव भी होगा. आईसीएआई के पास अपने सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित प्रमाणपत्रों का डेटा भी रहेगा."
Conclusion: