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आठ जनवरी को श्रमिक संगठनों की देशव्यापी हड़ताल - आठ जनवरी को श्रमिक संगठनों की देशव्यापी हड़ताल

राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ (आरसीएमएस) के महासचिव ए. के. झा ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय स्तर के श्रमिक संगठनों की यहां आयोजित एक बैठक में यह फैसला लिया गया.

आठ जनवरी को श्रमिक संगठनों की देशव्यापी हड़ताल
आठ जनवरी को श्रमिक संगठनों की देशव्यापी हड़ताल
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Published : Dec 27, 2019, 12:46 PM IST

धनबाद: राष्ट्रीय श्रमिक संगठनों के एक धड़े ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आठ जनवरी को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ (आरसीएमएस) के महासचिव ए. के. झा ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय स्तर के श्रमिक संगठनों की यहां आयोजित एक बैठक में यह फैसला लिया गया. राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ , इंटक की इकाई है.

उन्होंने कहा कि बैठक में इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), ऑल इंडिया ट्रेड यूनिटन कांग्रेस (एआईटीयूसी), सेंट्रल इंडस्ट्रियल टेड यूनियन (सीटू) और हिंद मजदूर सभा (एचएमएस) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.

ये भी पढ़ें- कृषि विशेषज्ञ बोले- कोहरे से आलू की फसल में आ सकता है झुलसा रोग

झा ने कहा, "केंद्र सरकार श्रमिकों के बुनियादी अधिकार और सुविधाएं घटा रही है. वह पूंजीपतियों के लिए सार्वजनिक कंपनियों का निजीकरण कर रही है. श्रमिक संगठनों के पास हड़ताल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है."

उन्होंने कहा कि झारखंड के कोयला खदानों में काम करने वाले चार लाख से अधिक श्रमिक हड़ताल में हिस्सा लेंगे. श्रमिक नेता ने कहा कि श्रम कानून को उद्योगपतियों के पक्ष में किया जा रहा है और कर्मचारियों की मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है.

धनबाद: राष्ट्रीय श्रमिक संगठनों के एक धड़े ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आठ जनवरी को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ (आरसीएमएस) के महासचिव ए. के. झा ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय स्तर के श्रमिक संगठनों की यहां आयोजित एक बैठक में यह फैसला लिया गया. राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ , इंटक की इकाई है.

उन्होंने कहा कि बैठक में इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), ऑल इंडिया ट्रेड यूनिटन कांग्रेस (एआईटीयूसी), सेंट्रल इंडस्ट्रियल टेड यूनियन (सीटू) और हिंद मजदूर सभा (एचएमएस) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.

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झा ने कहा, "केंद्र सरकार श्रमिकों के बुनियादी अधिकार और सुविधाएं घटा रही है. वह पूंजीपतियों के लिए सार्वजनिक कंपनियों का निजीकरण कर रही है. श्रमिक संगठनों के पास हड़ताल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है."

उन्होंने कहा कि झारखंड के कोयला खदानों में काम करने वाले चार लाख से अधिक श्रमिक हड़ताल में हिस्सा लेंगे. श्रमिक नेता ने कहा कि श्रम कानून को उद्योगपतियों के पक्ष में किया जा रहा है और कर्मचारियों की मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है.

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आठ जनवरी को श्रमिक संगठनों की देशव्यापी हड़ताल

धनबाद: राष्ट्रीय श्रमिक संगठनों के एक धड़े ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आठ जनवरी को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ (आरसीएमएस) के महासचिव ए. के. झा ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय स्तर के श्रमिक संगठनों की यहां आयोजित एक बैठक में यह फैसला लिया गया. राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ , इंटक की इकाई है. 

उन्होंने कहा कि बैठक में इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), ऑल इंडिया ट्रेड यूनिटन कांग्रेस (एआईटीयूसी), सेंट्रल इंडस्ट्रियल टेड यूनियन (सीटू) और हिंद मजदूर सभा (एचएमएस) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. 

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उन्होंने कहा कि झारखंड के कोयला खदानों में काम करने वाले चार लाख से अधिक श्रमिक हड़ताल में हिस्सा लेंगे. श्रमिक नेता ने कहा कि श्रम कानून को उद्योगपतियों के पक्ष में किया जा रहा है और कर्मचारियों की मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है.


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