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पश्चिम बंगाल में गैर-जरूरी वस्तुओं की भी होम डिलीवरी की अनुमति से छोटे व्यापारी खुश

व्यापारियों को आशंका है कि लाकडाउन बढ़ाया जा सकता है. इससे उनका नुकसान कई गुना बढ़ सकता था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुदरा व्यपारियों को होम डिलीवरी की इजाजत देने का आश्वासन दिया है लेकिन इस बाजारे में अभी राज्य सरकार की ओर से व्यापक दिशानिर्देश नहीं जारी किए गए हैं.

पश्चिम बंगाल में गैर-जरूरी वस्तुओं की भी होम डिलीवरी की अनुमति से छोटे व्यापारी खुश
पश्चिम बंगाल में गैर-जरूरी वस्तुओं की भी होम डिलीवरी की अनुमति से छोटे व्यापारी खुश
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Published : Apr 28, 2020, 7:05 PM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा कोराना वायर से जुड़ी पाबंदियों के बीच गैर-आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी की अनुमति दिये जाने से छोटे व्यापारी और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में मंगलवार को उत्साह दिखा. उनका कहना है कि इससे वित्तीय परेशनियां दूर होंगी.

व्यापारियों को आशंका है कि लाकडाउन बढ़ाया जा सकता है. इससे उनका नुकसान कई गुना बढ़ सकता था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुदरा व्यपारियों को होम डिलीवरी की इजाजत देने का आश्वासन दिया है लेकिन इस बाजारे में अभी राज्य सरकार की ओर से व्यापक दिशानिर्देश नहीं जारी किए गए हैं.

पश्चिम बंगाल व्यापार संघों के परिसंघ के अध्यक्ष सुशील पोद्दार ने कहा, "मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद हम आशान्वित हैं. हम चाहते हैं कि सरकार हमें अपनी दुकानों या गोदामों को खोले बिना ग्राहकों को उनकी जगह पर सामान पहुंचाने की अनुमति दे. यह दोनों के लिए फायदेमंद स्थिति होगी. सरकार सामाजिक दूरी बनाकर रखने के मानदंड को लागू कर सकती है और लाखों लोगों की आजीविका को बचाया भी जा सकता है."

उन्होंने कहा कि छोटे व्यापारी अपने ग्राहकों को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं और वे एक-दूसरे से मिले बिना फोन पर आसानी से लेन-देन कर सकते हैं, लेकिन माल की डिलीवरी तो करनी ही होगी.

उन्होंने कहा, "इसके अलावा, सरकार को आवश्यक वस्तुओं की अपनी परिभाषा को व्यापक बनाने की आवश्यकता है. यहां तक ​​कि आवश्यक सामग्रियों की ढुलाई करने वाले मालवाहक गाड़ी का कोई पूर्जा या हिस्सा अगर क्षतिग्रस्त हो जाता है तो वह कल पुर्जा एक आवश्यक वस्तु बन जाता है."

पोद्दार ने कहा कि वह मामले पर स्पष्ट आदेश का इंतजार कर रहे हैं. इस व्यापार परिसंघ के 10 लाख सदस्य हैं. केन्द्र सरकार द्वारा दुकानों को खोलने के बारे में कुछ निश्चित ढील दिये जाने की घोषणा के बाद व्यापार परिसंघ ने राज्य सरकार को लिखे पत्र कर अपने सुझाव दिए हैं.

ये भी पढ़ें: शेयर बाजार: प्रोत्साहन पैकेज आने की उम्मीद में सेंसेक्स 371 अंक चढ़ा

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (पश्चिम बंगाल) के महासचिव रबी शंकर रॉय ने कहा कि वे अंतिम दिशानिर्देश प्रकाशित होने तक प्रतीक्षा करेंगे और फिर टिप्पणी करेंगे. उन्होंने कहा कि कई व्यापारियों को डर है कि अगर इस निर्णय का लाभ ई-कॉमर्स कंपनियों को जाता है तो यह छोटे व्यवसायों के लिए अधिक घातक होगा. बड़े खुदरा विक्रेताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले, रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) ने कहा कि सभी प्रकार के स्टोरों को संचालन करने की अनुमति दी जानी चाहिए.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य सरकार द्वारा व्यवसायों को बढ़ावा देने और लोगों के जीवन को आसान बनाने के के लिए गैर-आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी की अनुमति देने के निर्णय की घोषणा की.

(पीटीआई-भाषा)

कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा कोराना वायर से जुड़ी पाबंदियों के बीच गैर-आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी की अनुमति दिये जाने से छोटे व्यापारी और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में मंगलवार को उत्साह दिखा. उनका कहना है कि इससे वित्तीय परेशनियां दूर होंगी.

व्यापारियों को आशंका है कि लाकडाउन बढ़ाया जा सकता है. इससे उनका नुकसान कई गुना बढ़ सकता था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुदरा व्यपारियों को होम डिलीवरी की इजाजत देने का आश्वासन दिया है लेकिन इस बाजारे में अभी राज्य सरकार की ओर से व्यापक दिशानिर्देश नहीं जारी किए गए हैं.

पश्चिम बंगाल व्यापार संघों के परिसंघ के अध्यक्ष सुशील पोद्दार ने कहा, "मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद हम आशान्वित हैं. हम चाहते हैं कि सरकार हमें अपनी दुकानों या गोदामों को खोले बिना ग्राहकों को उनकी जगह पर सामान पहुंचाने की अनुमति दे. यह दोनों के लिए फायदेमंद स्थिति होगी. सरकार सामाजिक दूरी बनाकर रखने के मानदंड को लागू कर सकती है और लाखों लोगों की आजीविका को बचाया भी जा सकता है."

उन्होंने कहा कि छोटे व्यापारी अपने ग्राहकों को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं और वे एक-दूसरे से मिले बिना फोन पर आसानी से लेन-देन कर सकते हैं, लेकिन माल की डिलीवरी तो करनी ही होगी.

उन्होंने कहा, "इसके अलावा, सरकार को आवश्यक वस्तुओं की अपनी परिभाषा को व्यापक बनाने की आवश्यकता है. यहां तक ​​कि आवश्यक सामग्रियों की ढुलाई करने वाले मालवाहक गाड़ी का कोई पूर्जा या हिस्सा अगर क्षतिग्रस्त हो जाता है तो वह कल पुर्जा एक आवश्यक वस्तु बन जाता है."

पोद्दार ने कहा कि वह मामले पर स्पष्ट आदेश का इंतजार कर रहे हैं. इस व्यापार परिसंघ के 10 लाख सदस्य हैं. केन्द्र सरकार द्वारा दुकानों को खोलने के बारे में कुछ निश्चित ढील दिये जाने की घोषणा के बाद व्यापार परिसंघ ने राज्य सरकार को लिखे पत्र कर अपने सुझाव दिए हैं.

ये भी पढ़ें: शेयर बाजार: प्रोत्साहन पैकेज आने की उम्मीद में सेंसेक्स 371 अंक चढ़ा

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (पश्चिम बंगाल) के महासचिव रबी शंकर रॉय ने कहा कि वे अंतिम दिशानिर्देश प्रकाशित होने तक प्रतीक्षा करेंगे और फिर टिप्पणी करेंगे. उन्होंने कहा कि कई व्यापारियों को डर है कि अगर इस निर्णय का लाभ ई-कॉमर्स कंपनियों को जाता है तो यह छोटे व्यवसायों के लिए अधिक घातक होगा. बड़े खुदरा विक्रेताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले, रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) ने कहा कि सभी प्रकार के स्टोरों को संचालन करने की अनुमति दी जानी चाहिए.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य सरकार द्वारा व्यवसायों को बढ़ावा देने और लोगों के जीवन को आसान बनाने के के लिए गैर-आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी की अनुमति देने के निर्णय की घोषणा की.

(पीटीआई-भाषा)

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