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एस्ट्राजेनका का कोविड-19 टीका सुरक्षित, व्यक्ति पर पड़े दुष्प्रभाव के साथ उसका कोई संबंध नहीं: सीरम

पिछले हफ्ते चेन्नई में एक स्वयंसेवक ने टीके की परीक्षण खुराक लेने के बाद कई मानसिक और मनोवैज्ञानिक लक्षण उभरने का दावा किया था. व्यक्ति ने कंपनी एवं अन्य पर दावा ठोक कर पांच करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है.

एस्ट्राजेनका का कोविड-19 टीका सुरक्षित, व्यक्ति पर पड़े दुष्प्रभाव के साथ उसका कोई संबंध नहीं: सीरम
एस्ट्राजेनका का कोविड-19 टीका सुरक्षित, व्यक्ति पर पड़े दुष्प्रभाव के साथ उसका कोई संबंध नहीं: सीरम
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Published : Dec 1, 2020, 5:09 PM IST

नई दिल्ली: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने एस्ट्राजेनका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के कोविड-19 टीके से परीक्षण के दौरान एक स्वयंसेवक पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ने के आरोपों को मंगलवार को खारिज किया. कंपनी ने इस टीके को पूरी तरह सुरक्षित और रोग प्रतिरोधक बताया.

दुनिया की सबसे बड़ी टीका विनिर्माता कंपनी ने एक ब्लॉग में लिखा, "हम हर किसी को इस बात का आश्वासन देना चाहते हैं कि टीके को तब तक आम लोगों के इस्तेमाल के लिए जारी नहीं किया जाएगा जब तक इसके रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से स्थापित नहीं हो जाती."

पिछले हफ्ते चेन्नई में एक स्वयंसेवक ने टीके की परीक्षण खुराक लेने के बाद कई मानसिक और मनोवैज्ञानिक लक्षण उभरने का दावा किया था. व्यक्ति ने कंपनी एवं अन्य पर दावा ठोक कर पांच करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है.

'घटना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन टीका पूरी तरह सुरक्षित'

पुणे की इस कंपनी ने कहा, "चेन्नई में स्वयंसेवक के साथ हुई घटना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन इसका टीके से लेना देना नहीं है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को स्वयंसेवक की चिकित्सकीय स्थिति को लेकर हमदर्दी है."

सीरम इंस्टीट्यूट देश में एस्ट्राजेनका के टीके का परीक्षण कर रही है. यह कंपनी के टीका विनिर्माण समझौते का ही हिस्सा है.

कंपनी ने कहा, "टीकाकरण और रोग प्रतिरोधक क्षमता को लेकर मौजूदा अफवाहों और जटिलताओं को देखते हुए स्वयंसेवक को कानूनी नोटिस भेज दिया गया है. ऐसा कंपनी की प्रतिष्ठा की सुरक्षा को देखते हुए भी किया गया है."

(पीटीआई-भाषा)

ये भी पढ़ें: क्या होता है ई-इंश्योरेंस खाता और यह आपके पास क्यों होना चाहिए?

नई दिल्ली: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने एस्ट्राजेनका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के कोविड-19 टीके से परीक्षण के दौरान एक स्वयंसेवक पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ने के आरोपों को मंगलवार को खारिज किया. कंपनी ने इस टीके को पूरी तरह सुरक्षित और रोग प्रतिरोधक बताया.

दुनिया की सबसे बड़ी टीका विनिर्माता कंपनी ने एक ब्लॉग में लिखा, "हम हर किसी को इस बात का आश्वासन देना चाहते हैं कि टीके को तब तक आम लोगों के इस्तेमाल के लिए जारी नहीं किया जाएगा जब तक इसके रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से स्थापित नहीं हो जाती."

पिछले हफ्ते चेन्नई में एक स्वयंसेवक ने टीके की परीक्षण खुराक लेने के बाद कई मानसिक और मनोवैज्ञानिक लक्षण उभरने का दावा किया था. व्यक्ति ने कंपनी एवं अन्य पर दावा ठोक कर पांच करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है.

'घटना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन टीका पूरी तरह सुरक्षित'

पुणे की इस कंपनी ने कहा, "चेन्नई में स्वयंसेवक के साथ हुई घटना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन इसका टीके से लेना देना नहीं है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को स्वयंसेवक की चिकित्सकीय स्थिति को लेकर हमदर्दी है."

सीरम इंस्टीट्यूट देश में एस्ट्राजेनका के टीके का परीक्षण कर रही है. यह कंपनी के टीका विनिर्माण समझौते का ही हिस्सा है.

कंपनी ने कहा, "टीकाकरण और रोग प्रतिरोधक क्षमता को लेकर मौजूदा अफवाहों और जटिलताओं को देखते हुए स्वयंसेवक को कानूनी नोटिस भेज दिया गया है. ऐसा कंपनी की प्रतिष्ठा की सुरक्षा को देखते हुए भी किया गया है."

(पीटीआई-भाषा)

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