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रिलायंस ने कोविड-19 की संभावित दवा के लिए प्रस्ताव सौंपा - रिलायंस इंड्ट्रीज

रिलायंस की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार कि कंपनी ने कोविड-19 के इलाज के लिए संभावित दवा के तौर पर निक्लोसामाइड के इस्तेमाल का प्रस्ताव सौंपा है.

रिलायंस ने कोविड-19 की संभावित दवा के लिए प्रस्ताव सौंपा
रिलायंस ने कोविड-19 की संभावित दवा के लिए प्रस्ताव सौंपा
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Published : Jun 3, 2021, 7:56 PM IST

नई दिल्ली : रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिडेट की अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) इकाई ने कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए निक्लोसामाइड के इस्तेमाल का प्रस्ताव दिया है. यह दवा आंत में रहने वाले कीड़े के संक्रमण के इलाज में इस्तेमाल की जाती है.

निक्लोसामाइड (Niclosamide) विश्व स्वास्थ्य संगठन की आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल है. इसका फीताकृमि (टेपवॉर्म) के संक्रमण के इलाज में 50 वर्षों से ज्यादा समय से इस्तेमाल किया जाता रहा है.

इस ओरल एंटीवायरल दवा (Oral Antiviral Drug) का इस्तेमाल 2003-04 में सार्स बीमारी के प्रकोप के दौरान मरीजों के इलाज में भी किया गया था.

कंपनी की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 'कंपनी ने कोविड-19 के इलाज के लिए संभावित दवा के तौर पर निक्लोसामाइड के इस्तेमाल का प्रस्ताव सौंपा है.'

ये भी पढ़ें : मुकेश अंबानी ने कोविड-19 महामारी के बीच नहीं लिया वेतन

औषधि नियामक (Drug Regulator) लोगों में इस दवा के इस्तेमाल के लिए प्रस्ताव का मूल्यांकन करेगा.

हालांकि, कंपनी ने यह नहीं कहा कि वह दवा का उत्पादन करेगी या समूह द्वारा संचालित अस्पतालों में कोविड मरीजों के इलाज में इसका इस्तेमाल करेगी.

भारत सरकार वयस्क मरीजों में कोविड-19 के इलाज के लिए निक्लोसामाइड के दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल को पहले ही मंजूरी दे चुकी है.

रिलायंस की शोध एवं विकास टीम वैज्ञानिक और औद्योगिकी शोध परिषद (सीएसआईआर) की विभिन्न शोधशालाओं के साथ नेक्सर पालिमर के प्रमाणन के लिये भी काम कर रही है. इसे विभिन्न प्रकार के वायरस और बैक्टीरिया के असर को समाप्त करने में प्रभावी देखा गया है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिडेट की अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) इकाई ने कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए निक्लोसामाइड के इस्तेमाल का प्रस्ताव दिया है. यह दवा आंत में रहने वाले कीड़े के संक्रमण के इलाज में इस्तेमाल की जाती है.

निक्लोसामाइड (Niclosamide) विश्व स्वास्थ्य संगठन की आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल है. इसका फीताकृमि (टेपवॉर्म) के संक्रमण के इलाज में 50 वर्षों से ज्यादा समय से इस्तेमाल किया जाता रहा है.

इस ओरल एंटीवायरल दवा (Oral Antiviral Drug) का इस्तेमाल 2003-04 में सार्स बीमारी के प्रकोप के दौरान मरीजों के इलाज में भी किया गया था.

कंपनी की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 'कंपनी ने कोविड-19 के इलाज के लिए संभावित दवा के तौर पर निक्लोसामाइड के इस्तेमाल का प्रस्ताव सौंपा है.'

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औषधि नियामक (Drug Regulator) लोगों में इस दवा के इस्तेमाल के लिए प्रस्ताव का मूल्यांकन करेगा.

हालांकि, कंपनी ने यह नहीं कहा कि वह दवा का उत्पादन करेगी या समूह द्वारा संचालित अस्पतालों में कोविड मरीजों के इलाज में इसका इस्तेमाल करेगी.

भारत सरकार वयस्क मरीजों में कोविड-19 के इलाज के लिए निक्लोसामाइड के दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल को पहले ही मंजूरी दे चुकी है.

रिलायंस की शोध एवं विकास टीम वैज्ञानिक और औद्योगिकी शोध परिषद (सीएसआईआर) की विभिन्न शोधशालाओं के साथ नेक्सर पालिमर के प्रमाणन के लिये भी काम कर रही है. इसे विभिन्न प्रकार के वायरस और बैक्टीरिया के असर को समाप्त करने में प्रभावी देखा गया है.

(पीटीआई-भाषा)

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