नई दिल्ली : वाणिज्य मंत्रालय की जांच शाखा डीजीटीआर ने घरेलू विनिर्माताओं को सस्ते आयात से बचाने के लिए चीन के कुछ एल्यूमीनियम उत्पादों पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की है.
व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने अपनी जांच में निष्कर्ष निकाला है कि चीन से एल्यूमीनियम के कुछ फ्लैट-रोल्ड उत्पादों को औने-पौने दाम पर भारत भेजे जाने से घरेलू उद्योग प्रभावित हुए हैं. डीजीटीआर ने एक अधिसूचना में कहा है कि घरेलू उद्योग को हुई वास्तविक क्षति बड़े पैमाने पर सस्ते आयात की वजह से हुई है.
इसमें कहा गया है इसलिए प्राधिकरण चीन में उत्पन्न या निर्यात किए गए संबद्ध वस्तुओं के सभी आयातों पर निश्चित तौर पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश करना आवश्यक समझता है.
डीजीटीआर ने आयात पर 65 डॉलर प्रति टन और 449 डॉलर प्रति टन डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की है. वित्त मंत्रालय शुल्क लगाने का अंतिम निर्णय लेता है.
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अंतरराष्ट्रीय व्यापार में किसी भी माल की डंपिंग तब मानी जाती है जब कोई देश अथवा उसकी कंपनी किसी वस्तु का निर्यात अन्य देश को उस वस्तु की घरेलू बाजार कीमत से कम दाम पर करती है. ऐसे आयातित माल का आयात करने वाले देश के बाजार पर बुरा असर पड़ता है. उस देश की विनिर्माता कंपनियों के मार्जिन और मुनाफे पर दबाव बढ़ता है.
वैश्विक बाजार के नियमों के मुताबिक ऐसे आयात पर संबंधित देश डंपिंग रोधी शुल्क लगा सकता है ताकि घरेलू विनिर्माताओं को उनके उत्पादों के लिये समान अवसर उपलब्ध हो सकें.
(पीटीआई-भाषा)