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भारत में पहली पहली बार मंदी​, जीडीपी 8.6 % गिरने का अनुमान : आरबीआई - जीडीपी में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है

कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के असर से देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) एक साल पहले की तुलना में 8.6 प्र​तिशत घटने का अनुमान है.पहली तिमाही में 23.9 प्रतिशत का संकुचन हुआ था. दूसरी तिमाही के जीडीपी के सरकारी आंकड़े अभी नहीं आए है पर केंद्रीय बैंक के अनुसंधानकर्ताओं ने तात्कालिक पूर्वानुमान विधि का प्रयोग करते हुए अनुमान लगाया है कि सितंबर तिमाही में संकुचन 8.6 प्रतिशत तक रहा होगा.

जीडीपी गिरने का अनुमान
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Published : Nov 12, 2020, 8:14 AM IST

Updated : Nov 12, 2020, 11:44 AM IST

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक अधिकारी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) एक साल पहले की तुलना में 8.6 प्र​तिशत घटने का अनुमान है. इस तरह लगातार दो तिमाहियों में जीडीपी घटने के साथ देश पहली बार मंदी में घिरा है.

कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के असर से पहली तिमाही में 23.9 प्रतिशत का संकुचन हुआ था. दूसरी तिमाही के जीडीपी के सरकारी आंकड़े अभी नहीं आए है पर केंद्रीय बैंक के अनुसंधानकर्ताओं ने तात्कालिक पूर्वानुमान विधि का प्रयोग करते हुए अनुमान लगाया है कि सितंबर तिमाही में संकुचन 8.6 प्रतिशत तक रहा होगा. इन अनुसंधानकर्ताओं के विचार बुधवार को जारी आरबीआई के मासिक बुलेटिन में प्रकाशित हुए हैं.

आरबीआई ने पहले ही अनुमान लगा रखा है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है. आरबीआई के अनुसंधानकर्ता पंकज कुमार द्वारा तैयार की गयी अध्ययन रपट में कहा गया है कि 'भारत तकनीकी रूप से 2020-21 की पहली छमाही में अपने इतिहास में पहली बार आर्थिक मंदी में चला गया है.

पढ़ें :भारत की जीडीपी ग्रोथ 2020-21 में निगेटिव रह सकती है: आरबीआई

इकोनॉमिक एक्टिविटी इंडेक्स' यानी आर्थिक कामकाज का सूचकांक शीर्षक से लिखे गये लेख में कहा गया है कि लगातार दूसरी तिमाही में आर्थिक संकुचन होने का अनुमान है. हालांकि इसमें यह भी कहा गया है कि गतिविधियां धीरे-धीरे सामान्य होने के साथ संकुचन की दर कम हो रही है और स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है।

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक अधिकारी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) एक साल पहले की तुलना में 8.6 प्र​तिशत घटने का अनुमान है. इस तरह लगातार दो तिमाहियों में जीडीपी घटने के साथ देश पहली बार मंदी में घिरा है.

कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के असर से पहली तिमाही में 23.9 प्रतिशत का संकुचन हुआ था. दूसरी तिमाही के जीडीपी के सरकारी आंकड़े अभी नहीं आए है पर केंद्रीय बैंक के अनुसंधानकर्ताओं ने तात्कालिक पूर्वानुमान विधि का प्रयोग करते हुए अनुमान लगाया है कि सितंबर तिमाही में संकुचन 8.6 प्रतिशत तक रहा होगा. इन अनुसंधानकर्ताओं के विचार बुधवार को जारी आरबीआई के मासिक बुलेटिन में प्रकाशित हुए हैं.

आरबीआई ने पहले ही अनुमान लगा रखा है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है. आरबीआई के अनुसंधानकर्ता पंकज कुमार द्वारा तैयार की गयी अध्ययन रपट में कहा गया है कि 'भारत तकनीकी रूप से 2020-21 की पहली छमाही में अपने इतिहास में पहली बार आर्थिक मंदी में चला गया है.

पढ़ें :भारत की जीडीपी ग्रोथ 2020-21 में निगेटिव रह सकती है: आरबीआई

इकोनॉमिक एक्टिविटी इंडेक्स' यानी आर्थिक कामकाज का सूचकांक शीर्षक से लिखे गये लेख में कहा गया है कि लगातार दूसरी तिमाही में आर्थिक संकुचन होने का अनुमान है. हालांकि इसमें यह भी कहा गया है कि गतिविधियां धीरे-धीरे सामान्य होने के साथ संकुचन की दर कम हो रही है और स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है।

Last Updated : Nov 12, 2020, 11:44 AM IST
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