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रिजर्व बैंक ने लघु वित्त बैंकों को 'कभी भी' लाइसेंस संबंधी दिशानिर्देश जारी किया

रिजर्व बैंक ने बयान में कहा कि शहरी सहकारी बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी, सूक्ष्म वित्तीय संस्थान , स्थानीय क्षेत्रीय बैंक या भुगतान बैंक से परिवर्तित होकर परिचालन में आये निकायों के लिये 200 करोड़ रुपये की न्यूनतम आवश्यक पूंजी की शर्त लागू नहीं होगी.

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रिजर्व बैंक ने लघु वित्त बैंकों को 'कभी भी' लाइसेंस संबंधी दिशानिर्देश जारी किया
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Published : Dec 5, 2019, 11:38 PM IST

मुंबई: रिजर्व बैंक ने लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) को लाइसेंस के लिये 'कभी भी' (आन टैप) आवेदन करने की सुविधा को लेकर अंतिम दिशानिर्देश बृहस्पतिवार को जारी कर दिए. इसके तहत न्यूनतम आवश्यक पूंजी की सीमा को दोगुना कर 200 करोड़ रुपये किया गया है.

रिजर्व बैंक ने बयान में कहा कि शहरी सहकारी बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी, सूक्ष्म वित्तीय संस्थान , स्थानीय क्षेत्रीय बैंक या भुगतान बैंक से परिवर्तित होकर परिचालन में आये निकायों के लिये 200 करोड़ रुपये की न्यूनतम आवश्यक पूंजी की शर्त लागू नहीं होगी.

रिजर्व बैंक ने कहा कि जिन भुगतान बैंकों ने परिचालन के पांच साल पूरे कर लिये हैं, नियामकीय जरूरतों को पूरा करने की स्थिति में वे भी लघु वित्त बैंक बनने के पात्र हैं.

उसने कहा, "लघु वित्त बैंकों से जुड़े जोखिम को देखते उन्हें अपनी जोखिम भारांकित संपत्तियों पर निरंतर आधार पर न्यूनतम 15 प्रतिशत के बराबर पूंजी पर्याप्तता अनुपात रखना होगा."

ये भी पढ़ें: संसद ने कराधान विधि संशोधन विधेयक को मंजूरी दी

रिजर्व बैंक ने बैंकिंग तथा वित्त क्षेत्र में वरिष्ठ स्तर पर कम से कम 10 साल का अनुभव रखने वाले नागरिकों/पेशेवरों को भी लघु वित्त बैंक खोलने की पात्रता दे दी है.

निजी क्षेत्र की ऐसी कपनियां या सोसायटियां जिनका स्वामित्व किसी भारतीय नागरिक के पास है और जिसने कम से कम पांच साल सफल तरीके से परिचालन किया है, वे भी लघु वित्त बैंक के प्रवर्तक बन सकते हैं.

रिजर्व बैंक ने कहा कि यदि कोई एसएफबी पहली बार 500 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल कर लेता है तो उसे तीन साल के भीतर सूचीबद्ध होना पड़ेगा.

मुंबई: रिजर्व बैंक ने लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) को लाइसेंस के लिये 'कभी भी' (आन टैप) आवेदन करने की सुविधा को लेकर अंतिम दिशानिर्देश बृहस्पतिवार को जारी कर दिए. इसके तहत न्यूनतम आवश्यक पूंजी की सीमा को दोगुना कर 200 करोड़ रुपये किया गया है.

रिजर्व बैंक ने बयान में कहा कि शहरी सहकारी बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी, सूक्ष्म वित्तीय संस्थान , स्थानीय क्षेत्रीय बैंक या भुगतान बैंक से परिवर्तित होकर परिचालन में आये निकायों के लिये 200 करोड़ रुपये की न्यूनतम आवश्यक पूंजी की शर्त लागू नहीं होगी.

रिजर्व बैंक ने कहा कि जिन भुगतान बैंकों ने परिचालन के पांच साल पूरे कर लिये हैं, नियामकीय जरूरतों को पूरा करने की स्थिति में वे भी लघु वित्त बैंक बनने के पात्र हैं.

उसने कहा, "लघु वित्त बैंकों से जुड़े जोखिम को देखते उन्हें अपनी जोखिम भारांकित संपत्तियों पर निरंतर आधार पर न्यूनतम 15 प्रतिशत के बराबर पूंजी पर्याप्तता अनुपात रखना होगा."

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रिजर्व बैंक ने बैंकिंग तथा वित्त क्षेत्र में वरिष्ठ स्तर पर कम से कम 10 साल का अनुभव रखने वाले नागरिकों/पेशेवरों को भी लघु वित्त बैंक खोलने की पात्रता दे दी है.

निजी क्षेत्र की ऐसी कपनियां या सोसायटियां जिनका स्वामित्व किसी भारतीय नागरिक के पास है और जिसने कम से कम पांच साल सफल तरीके से परिचालन किया है, वे भी लघु वित्त बैंक के प्रवर्तक बन सकते हैं.

रिजर्व बैंक ने कहा कि यदि कोई एसएफबी पहली बार 500 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल कर लेता है तो उसे तीन साल के भीतर सूचीबद्ध होना पड़ेगा.

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