आरबीआई का कहना है कि इस ऐप के जरिए साइबर अपराधी मोबाइल और लैपटॉप डिवाइस में आपके बैंक खाते तक पहुंचकर मिनटों में आपके बैंक खाते को खाली कर सकते हैं. गुरुवार को जारी एक चेतावनी में आरबीआई ने कहा धोखेबाज पहले ऐप को डाउनलोड करने का लालच देते हैं.
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ऐप डाउनलोड करने के बाद व्यक्ति के डिवाइस पर एक नौ डिजिट का कोड जेनरेट होता है. जिसके बाद हैकर्स आपको इस कोड़ को शेयर करने के लिए कहते हैं. यह धोखाधड़ी करने वालों को पीड़ित के डिवाइस तक पहुंच प्रदान करता है, जो उन्हें पीड़ित के बैंक खातों के माध्यम से लेनदेन करने में सक्षम बनाता है.
एनी डेस्क एक रिमोट-कंट्रोल एप्लिकेशन है, जो लोगों को किसी अन्य डिवाइस से डिवाइस का उपयोग करने में मदद करता है. आरबीआई ने बैंकों और ई-वॉलेट कंपनियों को इस धोखाधड़ी को रोकने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाने के लिए कहा है.