लेह: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार का कहना है कि एल्टिको कैपिटल में संकट के लिए निजी क्षेत्र के एक बैंक का 'स्वार्थ' जिम्मेदार है. अपने खुद के पैसे को सुरक्षित रखने के लिए उठाया गया यह एकतरफा कदम बड़े स्तर पर वित्तीय प्रणाली को संकट में डाल सकता है.
रीयल्टी क्षेत्र को प्रमुख तौर पर ऋण देने वाली गैर-बैंकिग कंपनी एल्टिको पर बैंकों का 4,500 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है. लेकिन पिछले हफ्ते बाहर से वाणिज्यिक ऋण (ईसीबी) लेने के मामले में उसने करीब 20 करोड़ रुपये के ब्याज भुगतान में चूक की.
एल्टिको के चूक करने से इसके व्यापक असर को लेकर चिंताएं होने लगीं.
रिपोर्ट के अनुसार एक निजी बैंक ने कथित तौर पर अपने ऋण का जोखिम करने और खुद को सुरक्षित करने के लिए एल्टिको के प्रबंधन वाले एक सावधि जमा से पैसे उठा लिए.
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कुमार ने सप्ताहांत पर यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा, "यदि कोई बैंक ऐसा स्वार्थी कदम उठाता है तो इसका नकारात्मक असर बाकी पूरी प्रणाली पर पड़ता है." उन्होंने कहा कि, आप अपने 50-100 करोड़ रुपये के ऋण की देखभाल कर सकते हैं और अपने पैसे की बचत करके खुश हो सकते हैं, लेकिन प्रणाली को नुकसान पहुंचाना उचित नहीं है.
हालांकि कुमार ने निजी क्षेत्र के बैंक का नाम नहीं लिया.
एसबीआई चेयरमैन का यह बयान इसका समाधान ढूंढने के लिए होने वाली बैठक से पहले आया है. इंडिया रेटिंग्स के अनुसार एल्टिको पर संयुक्त अरब अमीरात के माशरेक बैंक का 660 करोड़ रुपये, एसबीआई का 400 करोड़ रुपये,
यूटीआई म्यूचुअल फंड का 200 करोड़ रुपये और रिलायंस निप्पॉन का 150 करोड़ रुपये बकाया है.
एल्टिको पिछले हफ्ते माशरेक बैंक का 19.97 करोड़ रुपये का ब्याज भुगतान करने में चूक गयी थी.