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मदर डेयरी अब ब्रेड भी बेचेगी, पांच साल में 25,000 करोड़ रुपये कारोबार का लक्ष्य

दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मदर डेयरी दूध, आइसक्रीम और दूध के अन्य उत्पादों की प्रमुख आपूर्तिकर्ता कंपनी है. उसने 15-40 रुपये प्रति पैकेट की कीमत पर तीन तरह की डबलरोटी - सैंडविच, ब्राउन और फ्रूट एंड मिल्क- बाजार में उतारी हैं.

मदर डेयरी अब ब्रेड भी बेचेगी, पांच साल में 25,000 करोड़ रुपये कारोबार का लक्ष्य
मदर डेयरी अब ब्रेड भी बेचेगी, पांच साल में 25,000 करोड़ रुपये कारोबार का लक्ष्य
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Published : Jul 30, 2020, 7:23 PM IST

नई दिल्ली: प्रमुख दूध आपूर्तिकर्ता मदर डेयरी अब ब्रेड भी बेचेगी। कंपनी ने कारोबार बढ़ाने की अपनी रणनीति के तहत यह कदम उठाया है. अगले पांच साल में उसका राजस्व को दोगुने से अधिक बढ़ाकर 25,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य है.

दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मदर डेयरी दूध, आइसक्रीम और दूध के अन्य उत्पादों की प्रमुख आपूर्तिकर्ता कंपनी है. उसने 15-40 रुपये प्रति पैकेट की कीमत पर तीन तरह की डबलरोटी - सैंडविच, ब्राउन और फ्रूट एंड मिल्क- बाजार में उतारी हैं.

मदर डेयरी की ब्रेड शुरुआत में उसके राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) क्षेत्र स्थित मदर डेयरी के 1,800 दूध और 'सफल' बिक्री केन्द्रों पर उपलब्ध होंगी. कंपनी अगले तीन वर्ष के दौरान ब्रेड की बिक्री से 100 करोड़ रुपये की आय होने का लक्ष्य लेकर चल रही है.

मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संग्राम चौधरी ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में संवाददाताओं से कहा, "हम अपने ब्रेड की पेशकश के साथ कन्फेक्शनरी और बेकरी सेगमेंट में विविधता ला रहे हैं."

उन्होंने कहा कि भारत में ब्रेड के बाजार का आकार मौजूदा समय में 5,300 करोड़ रुपये का है और पिछले पांच वर्षों से यह औसतन 10 प्रतिशत की औसत दर से बढ़ रहा है. सबसे ज्यादा खपत सफेद डबलरोटी की है.

चौधरी ने कहा कि कंपनी ने बाजार में लगभग 20 नए उत्पादों को पेश किया है, जिसमें पाँच प्रकार की मिठाइयाँ शामिल हैं.

कंपनी के वर्तमान कारोबार और भविष्य के दृष्टिकोण के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि मदर डेयरी का वर्तमान वार्षिक राजस्व लगभग 10,000-11,000 करोड़ रुपये है.

उन्होंने कहा, "हम वर्ष 2025 तक 25,000 करोड़ रुपये कारोबार का लक्ष्य बना रहे हैं."

उन्होंने कहा कि इस साल कोविड ​​-19 की वजह से विकास धीमा रह सकता है. उन्होंने कहा कि महामारी के कारण उपभोग पद्धति में बहुत बदलाव आया है, जिसमें लोग उत्पादों की होम डिलीवरी को प्राथमिकता देते हैं.

ये भी पढ़ें: मार्केट अपडेट: सेंसेक्स 335 अंक लुढ़का, तेल के दाम स्थिर

डेयरी उत्पादों के व्यसाय प्रमुख संजय शर्मा ने कहा कि वर्तमान में ब्रेड का निर्माण तीसरे पक्ष द्वारा किया जा रहा है और पहले चरण में इसे मदर डेयरी के 1,800 बिक्री केन्द्रों के माध्यम से बेचा जाएगा.

चौधरी ने लुटियंस और दक्षिण दिल्ली के कुछ स्टोरों को छोड़कर, अन्य स्थानों पर फल और सब्जियों की गुणवत्ता संबंधी चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर कहा कि खरीद प्रणाली का पुनर्गठन किया गया है और पूरी खरीद सीधे किसानों से की जा रही है.

उन्होंने कहा कि फलों और सब्जियों की गुणवत्ता में अब सुधार हुआ है. मदर डेयरी, ताजे फल और सब्जियां अपने लगभग 400 सफ़ल दुकानों के माध्यम से बेचती है. इनमें सब्जियां, दालें और शहद 'सफल' ब्रांड के तहत बेचे जाते हैं.

कंपनी 'धारा' ब्रांड के तहत खाद्य तेल का विनिर्माण और विपणन करती है. मदर डेयरी को 1974 में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में शुरु किया गया था.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: प्रमुख दूध आपूर्तिकर्ता मदर डेयरी अब ब्रेड भी बेचेगी। कंपनी ने कारोबार बढ़ाने की अपनी रणनीति के तहत यह कदम उठाया है. अगले पांच साल में उसका राजस्व को दोगुने से अधिक बढ़ाकर 25,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य है.

दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मदर डेयरी दूध, आइसक्रीम और दूध के अन्य उत्पादों की प्रमुख आपूर्तिकर्ता कंपनी है. उसने 15-40 रुपये प्रति पैकेट की कीमत पर तीन तरह की डबलरोटी - सैंडविच, ब्राउन और फ्रूट एंड मिल्क- बाजार में उतारी हैं.

मदर डेयरी की ब्रेड शुरुआत में उसके राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) क्षेत्र स्थित मदर डेयरी के 1,800 दूध और 'सफल' बिक्री केन्द्रों पर उपलब्ध होंगी. कंपनी अगले तीन वर्ष के दौरान ब्रेड की बिक्री से 100 करोड़ रुपये की आय होने का लक्ष्य लेकर चल रही है.

मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संग्राम चौधरी ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में संवाददाताओं से कहा, "हम अपने ब्रेड की पेशकश के साथ कन्फेक्शनरी और बेकरी सेगमेंट में विविधता ला रहे हैं."

उन्होंने कहा कि भारत में ब्रेड के बाजार का आकार मौजूदा समय में 5,300 करोड़ रुपये का है और पिछले पांच वर्षों से यह औसतन 10 प्रतिशत की औसत दर से बढ़ रहा है. सबसे ज्यादा खपत सफेद डबलरोटी की है.

चौधरी ने कहा कि कंपनी ने बाजार में लगभग 20 नए उत्पादों को पेश किया है, जिसमें पाँच प्रकार की मिठाइयाँ शामिल हैं.

कंपनी के वर्तमान कारोबार और भविष्य के दृष्टिकोण के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि मदर डेयरी का वर्तमान वार्षिक राजस्व लगभग 10,000-11,000 करोड़ रुपये है.

उन्होंने कहा, "हम वर्ष 2025 तक 25,000 करोड़ रुपये कारोबार का लक्ष्य बना रहे हैं."

उन्होंने कहा कि इस साल कोविड ​​-19 की वजह से विकास धीमा रह सकता है. उन्होंने कहा कि महामारी के कारण उपभोग पद्धति में बहुत बदलाव आया है, जिसमें लोग उत्पादों की होम डिलीवरी को प्राथमिकता देते हैं.

ये भी पढ़ें: मार्केट अपडेट: सेंसेक्स 335 अंक लुढ़का, तेल के दाम स्थिर

डेयरी उत्पादों के व्यसाय प्रमुख संजय शर्मा ने कहा कि वर्तमान में ब्रेड का निर्माण तीसरे पक्ष द्वारा किया जा रहा है और पहले चरण में इसे मदर डेयरी के 1,800 बिक्री केन्द्रों के माध्यम से बेचा जाएगा.

चौधरी ने लुटियंस और दक्षिण दिल्ली के कुछ स्टोरों को छोड़कर, अन्य स्थानों पर फल और सब्जियों की गुणवत्ता संबंधी चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर कहा कि खरीद प्रणाली का पुनर्गठन किया गया है और पूरी खरीद सीधे किसानों से की जा रही है.

उन्होंने कहा कि फलों और सब्जियों की गुणवत्ता में अब सुधार हुआ है. मदर डेयरी, ताजे फल और सब्जियां अपने लगभग 400 सफ़ल दुकानों के माध्यम से बेचती है. इनमें सब्जियां, दालें और शहद 'सफल' ब्रांड के तहत बेचे जाते हैं.

कंपनी 'धारा' ब्रांड के तहत खाद्य तेल का विनिर्माण और विपणन करती है. मदर डेयरी को 1974 में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में शुरु किया गया था.

(पीटीआई-भाषा)

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