नई दिल्ली: लोकसभा ने सोमवार को वित्त विधेयक 2020 को बिना किसी चर्चा के पारित कर दिया. कोरोना वायरस के प्रसार को देखते हुये सदन की बैठक के समय को कम किया गया है. वित्त विधेयक में सरकार ने 40 से अधिक संशोधन किये हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन संशोधनों को विचार एवं पारित करने के लिये सदन में पेश किया. इससे पहले, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में वित्त विधेयक को बिना चर्चा के पारित कराये जाने के बारे में निर्णय लिया गया.
वित्त विधेयक में विपक्ष की ओर से लाये गये कुछ संशोधनों को खारिज कर दिया गया. वित्त विधेयक के पारित होने से केन्द्र सरकार के वित्त वर्ष 2020-21 के प्रस्तावों को अमल में लाया जा सकेगा. देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुये वित्त विधेयक को बिना चर्चा के पारित कराने का फैसला किया गया.
ये भी पढ़ें- कोरोना वायरस: वाहन उद्योग संगठनों ने सदस्यों से संयंत्रों को बंद करने की अपील की
संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, "यह असाधारण स्थिति है, इसलिये सर्वदलीय बैठक में वित्त विधेयक को बिना चर्चा के पारित कराने का निर्णय लिया गया."
हालांकि, वित्त विधेयक 2020 के पारित होने से पहले प्रमुख विपक्षी दल, कांग्रेस और उसके सहयोगी द्रमुक ने कोविड-19 वायरस के फैलने के कारण लोगों को होने वाली वित्तीय कठिनाइयों से निपटने के लिए एक वित्तीय पैकेज की घोषणा करने की मांग की.
प्रधानमंत्री मोदी की सरकार द्वारा उठाए गए संशोधनों में हस्तक्षेप करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "आप बिल पास करवा लें, कृपया सभी संशोधन पास करवा लें. हमारे पास कोई मुद्दा नहीं है लेकिन मैं वित्त मंत्री से एक वित्तीय पैकेज की घोषणा करने का अनुरोध करूंगा."
डीएमके सदस्य टीआर बालू ने भी वित्तीय पैकेज की घोषणा की मांग की. डीएमके नेता ने कहा, "अध्यक्ष महोदय, आपके माध्यम से मैं वित्त मंत्री जी से अनुरोध करता हूं कि कोरोनोवायरस के प्रभाव से निपटने के लिए एक उचित वित्तीय पैकेज बढ़ाया जाना चाहिए."
सरकार की तरफ से पेश सभी संशोधनों के साथ वित्त विधेयक को सदन ने पारित कर दिया. संसद का मौजूदा बजट सत्र 3 अप्रैल को समाप्त होना था.
नहीं आया कोई वित्तीय राहत पैकेज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में एक आर्थिक प्रतिक्रिया कार्य बल का गठन हुआ है.
हालांकि, केंद्र सरकार ने अभी तक टास्क फोर्स का गठन नहीं किया है लेकिन स्थिति की तात्कालिकता को देखते हुए वित्त मंत्रालय ने हितधारकों के साथ परामर्श शुरू किया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह अपनी बैठकों के बाद कहा था, "टास्क फोर्स का गठन अभी नहीं किया गया है, लेकिन हम जिस स्थिति में हितधारकों के साथ बैठक कर रहे हैं."
उन्होंने कहा था कि सरकार जल्द ही कोविड-19 महामारी के आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिए एक वित्तीय पैकेज लेकर आएगी.
(कृष्णानंद त्रिपाठी की रिपोर्ट)