नई दिल्ली: कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन के बाद लैपटॉप की बिक्री में उछाल देखने को मिला है। लॉकडाउन के बाद अधिकतर कॉपोर्रेट व बड़ी कंपनियां अपने कर्मचारियों को घर से ही काम करने की सुविधा देने के लिए लैपटॉप की खरीदारी कर रही हैं. यही वजह है कि एचपी और लेनोवो जैसी लैपटॉप निर्माता कंपनियों को खूब ऑर्डर मिल रहे हैं.
देश में 24 मार्च की मध्यरात्रि से 21 दिवसीय लॉकडाउन की घोषणा होने से पहले ही क्रोमबुक और व्यावसायिक लैपटॉप की बिक्री में बढ़ोतरी होनी शुरू हो गई थी. चूंकि मार्च की शुरुआत से ही विभिन्न कार्यालयों से कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आने लगे थे, जिसके बाद लाखों भारतीयों ने घर से काम करना शुरू कर दिया है.
लेनोवो के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया कि सामाजिक दूरी वाली इस समय अविध के दौरान लैपटॉप और अन्य सामान की मांग में तेजी आई है.
प्रवक्ता ने कहा, "दुनियाभर के व्यवसायों से अनिवार्य रूप से घर से ही काम करने की जरूरत को देखते हुए हमने लैपटॉप और सहायक उपकरणों की मांग में वृद्धि दर्ज की है."
उद्योग के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि एचपी इंक ने भी भारी मांग दर्ज की है और घरों में काम करने के लिए इसके उत्पादों की बिक्री में इजाफा देखने को मिला है.
उद्योग के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, "चूंकि क्लाउड पर डेटा संग्रहीत किया जा रहा है, इस वजह से क्रोमबुक ने सबसे अधिक मांग दर्ज की है. साइबर सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी इसे कंपनियों के लिए सुरक्षित माना गया है. कंपनियों द्वारा प्रमुख रूप से आईटी दिग्गज कंपनियों की ओर से एचपी क्रोमबुक/बिजनेस लैपटॉप की थोक में खरीदारी की गई है."
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लॉकडाउन के दौरान, पीसी और प्रिंटर निर्माताओं को उनके उपकरणों की आपूर्ति को लेकर सरकार की ओर से विशेष तौर पर छूट मिली हुई है. क्योंकि ये उपकरण अस्पतालों को कोविड-19 डेटा रिकॉर्ड रखने के साथ ही बैंकों और अन्य आवश्यक सेवाओं के लिए भी जरूरी है. जरूरी सेवाओं का संचालन निर्बाध रूप से चलता रहे, इसलिए इनकी आपूर्ति को छूट दी गई है.
साइबर मीडिया रिसर्च (सीएमआर) के अध्यक्ष थॉमस जॉर्ज के अनुसार, घर से काम करने की स्थिति के कारण लैपटॉप व पीसी की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. उनका कहना है कि बिक्री के साथ ही इन उपकरणों को किराए पर लिया जा रहा है.
जॉर्ज ने आईएएनएस को बताया, "यह प्रवृत्ति (ट्रेंड) सभी क्षेत्रों में देखी जा रही है. हालांकि बड़े संगठन नए ऑर्डर दे रहे हैं, क्योंकि वे पूरी प्रक्रिया को घरों से ही संचालित कर रहे हैं."
(आईएएनएस)