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जेट एयरवेज पर कर्मचारियों का 85 लाख रुपए तक बकाया, नए मालिक का 23000 देकर निपटाने का प्लान - Labour minister in india

कंपनी पर प्रत्येक कर्मचारी का लाखों का वेतन बकाया है जिसके एवज में जेट एयरवेज के नए मालिकों ने प्रत्येक कर्मचारी को करीब 23,000 रुपए तक का भुकतान करने का प्रस्ताव रखा था.

Jet Airways
जेट एयरवेज
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Published : Jul 11, 2021, 4:11 PM IST

नई दिल्ली: जेट एयरवेज (Jet Airways) के नए मालिक मुरारी लाल जालान और कलरॉक कैपिटल ने कंपनी के कर्मचारियों के सामने उनके बकाए वेतन के भुकतान से संबंधित एक प्रस्ताव रखा था जिसे कर्मचारियों ने ठुकरा दिया है और इस पर नाराजगी जताई है. दरअसल, कंपनी पर प्रत्येक कर्मचारी का लाखों का वेतन बकाया है जिसके एवज में नए मालिकों ने प्रत्येक कर्मचारी को करीब 23,000 रुपए तक भुकतान करने का प्रस्ताव रखा था.

प्रस्ताव कर्मचारियों के साथ एक मजाक: एयरवेज कर्मचारी संघ

जेट एयरवेज कर्मचारियों के संघ ने इस सिलसिले में श्रम मंत्री से जेट एयरवेज के पूर्व मालिक और रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल के साथ एक बैठक बुलाए जाने का अनुरोध किया है. मामले पर नागरिक उड्डयन मंत्री, श्रम मंत्री. ऑल इंडिया जेट एयरवेज के अधिकारियों को कर्मचारी संघ द्वारा लिखे गए एक पत्र में कहा गया था कि समाधान योजना के रुप में एक बहुत ही मामूली राशि का प्रस्ताव दिया गया है. आईबीसी (IBC) के तहत समझौता प्रस्ताव प्रकिया के लिए यह पूर्णतया मजाक है. इसमें कर्मचारियों और अधिकारियों के अधिकारों की पूरी तरह से उपेक्षा की गई है और हमें पूरी तरह गरीबी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है.

क्या है प्रस्ताव

कलरॉक-जालान द्वारा प्रस्तावित योजना के अनुसार, कर्मचारियों और कामगारों को क्रमशः 11,000 रुपए और 22,800 रुपए तक का भुगतान किया जाएगा और प्रत्येक कर्मचारियों को लॉटरी के आधार पर एक फोन, लैपटॉप या आईपैड और 10,000 रुपए के टिकट वाउचर दिए जाएंगे. बता दें कि जेट एयरवेज में लगभग 22,000 कर्मचारी कार्यरत थे जबकि 6,000 अनुबंध के आधार पर काम कर रहे थे.

इसे भी पढ़ें, जेट एयरवेज मामला : कंसोर्टियम ने एयरलाइन स्लॉट आवंटन के लिए टास्क फोर्स की मांग की

कितना है एयरवेज पर बकाया

जेट एयरवेज भारत की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी निजी एयरलाइन में से एक है. एयरवेज पर उसके लेनदारों का करीब 15,400 करोड़ रुपए का निर्विवाद रुप से बकाया है, जिसमें करीब 1,254 रुपए उसके कर्मचारियों का बकाया वेतन भी शामिल है. खबरों के मुताबिक, जेट के कर्मचारियों का दावा है कि कंपनी पर प्रत्येक कमांडर का लगभग 85 लाख रुपए और सबसे कम वेतन पाने वाले कर्मचारी का करीब 3 लाख रुपए बकाया है. पैसे की कमी के कारण साल 2019 मं एयरवेज को बंद कर दिया गया था.

नई दिल्ली: जेट एयरवेज (Jet Airways) के नए मालिक मुरारी लाल जालान और कलरॉक कैपिटल ने कंपनी के कर्मचारियों के सामने उनके बकाए वेतन के भुकतान से संबंधित एक प्रस्ताव रखा था जिसे कर्मचारियों ने ठुकरा दिया है और इस पर नाराजगी जताई है. दरअसल, कंपनी पर प्रत्येक कर्मचारी का लाखों का वेतन बकाया है जिसके एवज में नए मालिकों ने प्रत्येक कर्मचारी को करीब 23,000 रुपए तक भुकतान करने का प्रस्ताव रखा था.

प्रस्ताव कर्मचारियों के साथ एक मजाक: एयरवेज कर्मचारी संघ

जेट एयरवेज कर्मचारियों के संघ ने इस सिलसिले में श्रम मंत्री से जेट एयरवेज के पूर्व मालिक और रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल के साथ एक बैठक बुलाए जाने का अनुरोध किया है. मामले पर नागरिक उड्डयन मंत्री, श्रम मंत्री. ऑल इंडिया जेट एयरवेज के अधिकारियों को कर्मचारी संघ द्वारा लिखे गए एक पत्र में कहा गया था कि समाधान योजना के रुप में एक बहुत ही मामूली राशि का प्रस्ताव दिया गया है. आईबीसी (IBC) के तहत समझौता प्रस्ताव प्रकिया के लिए यह पूर्णतया मजाक है. इसमें कर्मचारियों और अधिकारियों के अधिकारों की पूरी तरह से उपेक्षा की गई है और हमें पूरी तरह गरीबी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है.

क्या है प्रस्ताव

कलरॉक-जालान द्वारा प्रस्तावित योजना के अनुसार, कर्मचारियों और कामगारों को क्रमशः 11,000 रुपए और 22,800 रुपए तक का भुगतान किया जाएगा और प्रत्येक कर्मचारियों को लॉटरी के आधार पर एक फोन, लैपटॉप या आईपैड और 10,000 रुपए के टिकट वाउचर दिए जाएंगे. बता दें कि जेट एयरवेज में लगभग 22,000 कर्मचारी कार्यरत थे जबकि 6,000 अनुबंध के आधार पर काम कर रहे थे.

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कितना है एयरवेज पर बकाया

जेट एयरवेज भारत की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी निजी एयरलाइन में से एक है. एयरवेज पर उसके लेनदारों का करीब 15,400 करोड़ रुपए का निर्विवाद रुप से बकाया है, जिसमें करीब 1,254 रुपए उसके कर्मचारियों का बकाया वेतन भी शामिल है. खबरों के मुताबिक, जेट के कर्मचारियों का दावा है कि कंपनी पर प्रत्येक कमांडर का लगभग 85 लाख रुपए और सबसे कम वेतन पाने वाले कर्मचारी का करीब 3 लाख रुपए बकाया है. पैसे की कमी के कारण साल 2019 मं एयरवेज को बंद कर दिया गया था.

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