नई दिल्ली : पिछले साल समान तिमाही में गोल्ड ईटीएफ में निवेश का आंकड़ा 2,040 करोड़ रुपये रहा था. क्वॉन्टम म्यूचुअल फंड के वरिष्ठ कोष प्रबंधक (वैकल्पिक निवेश) चिराग मेहता ने कहा कि कोविड-19 महामारी की स्थिति को देखते हुए पिछले साल जून तिमाही में गोल्ड ईटीएफ में निवेश उल्लेखनीय रहा था.' इस साल जून की तिमाही में अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद के बीच निवेश का प्रवाह कुछ कम रहा है.'
मार्केट पल्स के मुख्य उत्पाद अधिकारी अरशद फहौम ने कहा कि पिछले साल गोल्ड ईटीएफ में महामारी की वजह से संपत्ति की कीमतों को लेकर अनिश्चितता बढ़ने और मुद्रास्फीति की वजह से निवेश बढ़ा था.
इसी तरह की राय जताते हुए ग्रीन पोर्टफोलियो के सह-संस्थापक दिवम शर्मा ने कहा कि 2020-21 की पहली छमाही में गोल्ड ईटीएफ में निवेश का प्रवाह काफी मजबूत रहा था. कोविड-19 की पहली लहर के बीच अनिश्चितता के चलते गोल्ड ईटीएफ की ओर निवेशक आकर्षित हुए थे.
उन्होंने कहा, 'कारोबारी गतिविधियां शुरू होने तथा शेयर बाजारों के शानदार प्रदर्शन की वजह से अब निवेशक सोने से निवेश को स्थानांतरित कर रहे हैं. बिटकॉइन की वजह से भी सोने में आवंटन प्रभावित हुआ है.' एम्फी के आंकड़ों के अनुसार, 2021 के पहले तीन माह में गोल्ड ईटीएफ में 1,779 करोड़ रुपये का निवेश आया. उसके बाद के तीन महीनों में निवेश का आंकड़ा 1,328 करोड़ रुपये रहा.
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निवेश का प्रवाह घटने के बावजूद गोल्ड ईटीएफ के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) जून, 2021 के अंत तक बढ़कर 16,225 करोड़ रुपये पर पहुंच गईं. जून, 2020 के अंत तक एयूएम 10,857 करोड़ रुपये रहा था.
(पीटीआई-भाषा)