नई दिल्ली: देश में क्लीन ऑटो ईंधन मुहैया कराने की दिशा में उन्मुख सुधारों के तहत, सरकार जल्द ही हाइड्रोजन सीएनजी या एचसीएनजी पर एक पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च करेगी. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शनिवार को यह बात कही. पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर ने कहा कि दिल्ली में जल्द ही एचसीएनजी पर एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है, जिससे दक्षता में सुधार होगा और उत्सर्जन में भारी कमी आएगी.
कपूर ने यह बात सीएसआईडीसी, छत्तीसगढ़ सरकार के साथ मिलकर पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से आयोजित 'वाहनों के लिए वैकल्पिक ईंधन प्रौद्योगिकी : ए क्योर-ऑल फॉर सस्टेनेबल मोबिलिटी' के उद्घाटन सत्र में कही.
ये भी पढ़ें- विशेष: एयर इंडिया की बिक्री के लिए सरकार ने किया करोड़ों के कर्ज में कटौती
भारत सीएनजी के क्षेत्र में अग्रणी के तौर पर उभर रहा है और यह सीएनजी, इथेनॉल, बायोडीजल, और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे स्वच्छ या क्लीन ईंधन की ओर बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा, "हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि सीएनजी पर्याप्त रूप से उपलब्ध हो और यह सस्ती दरों पर भी सुनिश्चित हो, ताकि सीएनजी वाहनों को सुचारु रूप से शामिल करने के लिए तैयार किया जा सके."
सिटी गैस वितरण पर चर्चा करते हुए, उन्होंने कहा कि विशेष रूप से बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण कार्य हो रहा है, ताकि सीएनजी निर्बाध रूप से उपलब्ध हो. उन्होंने कहा, "हम एचसीएनजी पर दिल्ली में एक पायलट प्रोजेक्ट कर रहे हैं, जो दक्षता में सुधार करेगा और उत्सर्जन में भारी कमी करेगा."
इथेनॉल के बारे में बात करते हुए, उन्होंने उल्लेख किया कि अगले साल तक इथेनॉल के उत्पादन में वृद्धि होगी और भारत जल्द ही ई-12 और ई-15 को पेश करने की योजना बना रहा है.
पेट्रोलियम सचिव ने कहा, "हमें शुद्ध इथेनॉल उपलब्ध करना होगा, जो कई देशों में हो रहा है." उन्होंने कहा कि एक पायलट परियोजना है, जिसे शुद्ध इथेनॉल के लिए लागू किया जाएगा, जो शीघ्र ही पुणे में शुरू की जाएगी.
कपूर ने बायोडीजल को सस्ती और स्वतंत्र रूप से उपलब्ध कराने की जरूरत के बारे में भी विचार-विमर्श किया. बायोगैस के क्षेत्र पर, उन्होंने चर्चा की कि यह कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है और देश में उपलब्ध एक बहुत बड़ा स्रोत है. उन्होंने बायोगैस संयंत्र स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं के बारे में भी चर्चा की, जो कि बड़ी मात्रा में बायोगैस का उत्पादन करने में मदद करेगी, जो सीएनजी के साथ-साथ इसे उपलब्ध कराने वाले शहर के गैस वितरण नेटवर्क में भी प्रवाहित होगी.
(आईएएनएस)