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भारत को विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रैकिंग में और सुधार की उम्मीद - India

भारत इस साल कारोबार सुगमता रिपोर्ट में अपनी रैंकिंग में सुधार की उम्मीद कर रहा है. खासकर कर भुगतान और सीमा पार व्यापार जैसे संकेतकों में सुधार की उम्मीद है.

भारत को विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रैकिंग में और सुधार की उम्मीद
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Published : May 8, 2019, 11:56 PM IST

नई दिल्ली: भारत विश्वबैंक की इस साल जारी होने वाली कारोबार सुगमता रिपोर्ट में अपनी रैंकिंग में सुधार की उम्मीद कर रहा है. खासकर कर भुगतान और सीमा पार व्यापार जैसे संकेतकों में सुधार की उम्मीद है.

एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह कहा. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) में सचिव रमेश अभिषेक समेत एक आधिकारिक प्रतिनिधियों ने सरकार द्वारा कारोबार करने की विभिन्न प्रक्रियाओं को सुगम बनाने की दिशा में उठाये गये कदमों के बारे में वाशिंगटन में विश्वबैंक की टीम को जानकारी दी.

ये भी पढ़ें- आम्रपाली को सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी, कहा- क्यों न अथॉरिटी को दे दिए जाएं प्रोजेक्ट

अभिषेक ने ट्विटर पर लिखा है, "एक बार फिर हमने विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रिपोर्ट में रैंकिंग में सुधार को लेकर व्यापार प्रक्रिया को बेहतर बनाने की दिशा में उठाये गये कदमों की जानकारी विश्वबैंक की टीम को वाशिंगटन डीसी में दी है."

उन्होंने लिखा है, "हम इस साल विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रिपोर्ट में रैंकिंग में खासकर कर भुगतान, ऋण शोधन अक्षमता समाधान, सीमा पार व्यापार तथा कारोबार शुरू करने के मामले में और सुधार की उम्मीद करते हैं."

विश्वबैंक की अगली रिपोर्ट अक्टूबर 2019 में आने की उम्मीद है. वर्ष 2018 की रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग 23 पायदान सुधरकर 77वें स्थान पर पहुंच गई. सरकार की कंपनी के गठन के लिये नियम में ढील तथा जीएसटी पंजीकरण के लिये बैंक खाते की जरूरत को हटाने जैसे कदमों से भारत को अपनी रैंकिंग सुधारने में और मदद मिल सकती है.

नई दिल्ली: भारत विश्वबैंक की इस साल जारी होने वाली कारोबार सुगमता रिपोर्ट में अपनी रैंकिंग में सुधार की उम्मीद कर रहा है. खासकर कर भुगतान और सीमा पार व्यापार जैसे संकेतकों में सुधार की उम्मीद है.

एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह कहा. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) में सचिव रमेश अभिषेक समेत एक आधिकारिक प्रतिनिधियों ने सरकार द्वारा कारोबार करने की विभिन्न प्रक्रियाओं को सुगम बनाने की दिशा में उठाये गये कदमों के बारे में वाशिंगटन में विश्वबैंक की टीम को जानकारी दी.

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अभिषेक ने ट्विटर पर लिखा है, "एक बार फिर हमने विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रिपोर्ट में रैंकिंग में सुधार को लेकर व्यापार प्रक्रिया को बेहतर बनाने की दिशा में उठाये गये कदमों की जानकारी विश्वबैंक की टीम को वाशिंगटन डीसी में दी है."

उन्होंने लिखा है, "हम इस साल विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रिपोर्ट में रैंकिंग में खासकर कर भुगतान, ऋण शोधन अक्षमता समाधान, सीमा पार व्यापार तथा कारोबार शुरू करने के मामले में और सुधार की उम्मीद करते हैं."

विश्वबैंक की अगली रिपोर्ट अक्टूबर 2019 में आने की उम्मीद है. वर्ष 2018 की रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग 23 पायदान सुधरकर 77वें स्थान पर पहुंच गई. सरकार की कंपनी के गठन के लिये नियम में ढील तथा जीएसटी पंजीकरण के लिये बैंक खाते की जरूरत को हटाने जैसे कदमों से भारत को अपनी रैंकिंग सुधारने में और मदद मिल सकती है.

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भारत को विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रैकिंग में और सुधार की उम्मीद

नई दिल्ली: भारत विश्वबैंक की इस साल जारी होने वाली कारोबार सुगमता रिपोर्ट में अपनी रैंकिंग में सुधार की उम्मीद कर रहा है. खासकर कर भुगतान और सीमा पार व्यापार जैसे संकेतकों में सुधार की उम्मीद है. 

एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह कहा. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) में सचिव रमेश अभिषेक समेत एक आधिकारिक प्रतिनिधियों ने सरकार द्वारा कारोबार करने की विभिन्न प्रक्रियाओं को सुगम बनाने की दिशा में उठाये गये कदमों के बारे में वाशिंगटन में विश्वबैंक की टीम को जानकारी दी. 

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अभिषेक ने ट्विटर पर लिखा है, "एक बार फिर हमने विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रिपोर्ट में रैंकिंग में सुधार को लेकर व्यापार प्रक्रिया को बेहतर बनाने की दिशा में उठाये गये कदमों की जानकारी विश्वबैंक की टीम को वाशिंगटन डीसी में दी है." 

उन्होंने लिखा है, "हम इस साल विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रिपोर्ट में रैंकिंग में खासकर कर भुगतान, ऋण शोधन अक्षमता समाधान, सीमा पार व्यापार तथा कारोबार शुरू करने के मामले में और सुधार की उम्मीद करते हैं." 

विश्वबैंक की अगली रिपोर्ट अक्टूबर 2019 में आने की उम्मीद है. वर्ष 2018 की रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग 23 पायदान सुधरकर 77वें स्थान पर पहुंच गई. सरकार की कंपनी के गठन के लिये नियम में ढील तथा जीएसटी पंजीकरण के लिये बैंक खाते की जरूरत को हटाने जैसे कदमों से भारत को अपनी रैंकिंग सुधारने में और मदद मिल सकती है.


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