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जानिए क्यों भारत के स्मार्टफोन बाजार में एलजी नहीं बना पाया जगह

एलजी समय के साथ प्रतिस्पर्धा को मापने में असमर्थ रहा. खासकरके वैल्यू मूल्य के अनुपात में उत्पाद नहीं दे पाया और उत्पाद को लेकर मजबूत संदेश नहीं दे पाया. साथ ही मार्केटिंग कौशल का भी अच्छे से उपयोग नहीं कर पाए.

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Published : Apr 5, 2021, 5:11 PM IST

जानिए क्यों भारत के स्मार्टफोन बाजार में एलजी नहीं बना पाया जगह
जानिए क्यों भारत के स्मार्टफोन बाजार में एलजी नहीं बना पाया जगह

नई दिल्ली : एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स जो कभी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी हैंडसेट निर्माता कंपनी थी और 10 साल पहले उसका फीचर फोन कारोबार बुलंदियां छू रहा था, उसके बारे में सोमवार को एक इंडस्ट्री वॉचर ने दोहराया कि वह भारत के बाजार में कभी भी गंभीर दावेदार नहीं थी.

एलजी ने अपने मोबाइल व्यवसाय को बंद कर दिया है और हाल के वर्षों में उसने अपने मोबाइल व्यवसाय में बदलाव लाने की कोशिशें की हैं. इसमें फोल्ड होने वाला फोन 'विंग' लॉन्च करना भी शामिल है. हालांकि इसकी बिक्री को लेकर स्थिति बहुत ही निराशाजनक रही.

काउंटरपॉइंट रिसर्च के एसोसिएट डायरेक्टर तरुण पाठक के मुताबिक एलजी का 2019 में मार्केट शेयर 0.15 फीसदी और 2020 में 0.30 फीसदी रहा.

पाठक ने आईएएनएस को बताया, '2020 में सामने आई यह बढ़ी हुई सेल भी त्योहारी सीजन में हुई बिक्री के कारण थी, वरना कंपनी का मार्केट शेयर 0.15 प्रतिशत पर स्थिर रहता.'

एलजी मध्यम स्तरीय चीनी ब्रांड के फोन और प्रीमियम सेगमेंट के एप्पल, सैमसंग, वनप्लस के बीच सैंडविच की तरह है.

ये भी पढ़ें : एलजी ने किया घाटे में चल रहे मोबाइल व्यापार बंद करने का ऐलान

इस साल एलजी उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स शो (सीईएस) 2021 में रोलेबल डिस्प्ले वाला एक स्मार्टफोन लॉन्च करने वाली थी, लेकिन फिर कंपनी ने इस योजना को रद्द कर दिया.

इंडस्ट्री इंटेलीजेंस ग्रुप (आईआईजी) सीएमआर के प्रमुख प्रभु राम ने कहा, 'एलजी समय के साथ प्रतिस्पर्धा को मापने में असमर्थ रहा. खासकरके वैल्यू मूल्य के अनुपात में उत्पाद नहीं दे पाया और उत्पाद को लेकर मजबूत संदेश नहीं दे पाया. साथ ही मार्केटिंग कौशल का भी अच्छे से उपयोग नहीं कर पाए.'

मार्केट रिसर्चर काउंटरपॉइंट रिसर्च के मुताबिक, पिछले साल 2.47 करोड़ स्मार्टफोन्स की शिपिंग के साथ ही एलजी दुनिया का नौवां सबसे बड़ा स्मार्टफोन विक्रेता था. हालांकि यह साल इसके एक साल पहले से 13 फीसदी कम थी.

नई दिल्ली : एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स जो कभी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी हैंडसेट निर्माता कंपनी थी और 10 साल पहले उसका फीचर फोन कारोबार बुलंदियां छू रहा था, उसके बारे में सोमवार को एक इंडस्ट्री वॉचर ने दोहराया कि वह भारत के बाजार में कभी भी गंभीर दावेदार नहीं थी.

एलजी ने अपने मोबाइल व्यवसाय को बंद कर दिया है और हाल के वर्षों में उसने अपने मोबाइल व्यवसाय में बदलाव लाने की कोशिशें की हैं. इसमें फोल्ड होने वाला फोन 'विंग' लॉन्च करना भी शामिल है. हालांकि इसकी बिक्री को लेकर स्थिति बहुत ही निराशाजनक रही.

काउंटरपॉइंट रिसर्च के एसोसिएट डायरेक्टर तरुण पाठक के मुताबिक एलजी का 2019 में मार्केट शेयर 0.15 फीसदी और 2020 में 0.30 फीसदी रहा.

पाठक ने आईएएनएस को बताया, '2020 में सामने आई यह बढ़ी हुई सेल भी त्योहारी सीजन में हुई बिक्री के कारण थी, वरना कंपनी का मार्केट शेयर 0.15 प्रतिशत पर स्थिर रहता.'

एलजी मध्यम स्तरीय चीनी ब्रांड के फोन और प्रीमियम सेगमेंट के एप्पल, सैमसंग, वनप्लस के बीच सैंडविच की तरह है.

ये भी पढ़ें : एलजी ने किया घाटे में चल रहे मोबाइल व्यापार बंद करने का ऐलान

इस साल एलजी उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स शो (सीईएस) 2021 में रोलेबल डिस्प्ले वाला एक स्मार्टफोन लॉन्च करने वाली थी, लेकिन फिर कंपनी ने इस योजना को रद्द कर दिया.

इंडस्ट्री इंटेलीजेंस ग्रुप (आईआईजी) सीएमआर के प्रमुख प्रभु राम ने कहा, 'एलजी समय के साथ प्रतिस्पर्धा को मापने में असमर्थ रहा. खासकरके वैल्यू मूल्य के अनुपात में उत्पाद नहीं दे पाया और उत्पाद को लेकर मजबूत संदेश नहीं दे पाया. साथ ही मार्केटिंग कौशल का भी अच्छे से उपयोग नहीं कर पाए.'

मार्केट रिसर्चर काउंटरपॉइंट रिसर्च के मुताबिक, पिछले साल 2.47 करोड़ स्मार्टफोन्स की शिपिंग के साथ ही एलजी दुनिया का नौवां सबसे बड़ा स्मार्टफोन विक्रेता था. हालांकि यह साल इसके एक साल पहले से 13 फीसदी कम थी.

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