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सरकार ने पैन के साथ आधार जोड़ने की समय सीमा 30 सितंबर तक बढ़ाई

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि यदि कोई विशिष्ट छूट नहीं दी जाती है तो, अब आधार संख्या के बारे में सूचना देने और पैन को आधार संख्या से जोड़ने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2019 है.

सरकार ने पैन के साथ आधार जोड़ने की समयसीमा 30 सितंबर तक बढ़ाई
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Published : Apr 1, 2019, 8:33 AM IST

Updated : Apr 1, 2019, 3:44 PM IST

नई दिल्ली: सरकार ने रविवार को स्थायी खाता संख्या (पैन) के साथ बायोमेट्रिक पहचान 'आधार' को जोड़ने की समय सीमा को छह माह और बढ़ाकर 30 सितंबर 2019 कर दिया. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है.

हालांकि, उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने में आधार नंबर का उल्लेख करना अनिवार्य बना रहेगा. यह छठा मौका है जब सरकार ने पैन को आधार से जोड़ने के लिये समय सीमा बढ़ाई है. सरकार ने पिछले साल जून में कहा था कि हर व्यक्ति को 31 मार्च तक अपनी बायोमेट्रिक पहचान वाली आधार संख्या को पैन के साथ जोड़ना है.

ये भी पढ़ें-रिजर्व बैंक चार अप्रैल को एक बार फिर रेपो दर में 0.25 प्रतिशत कटौती कर सकता है: विशेषज्ञ

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि यदि कोई विशिष्ट छूट नहीं दी जाती है तो, अब आधार संख्या के बारे में सूचना देने और पैन को आधार संख्या से जोड़ने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2019 है. सीबीडीटी ने कहा कि इस तरह की रपटें दिखाई दी हैं कि ऐसे पैन जो कि 31 मार्च तक आधार से नहीं जुड़े होंगे उन्हें अमान्य करार दिया जायेगा.

इसके बाद सरकार ने मामले पर विचार करते हुए इन्हें आपस में जोड़ने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया. बयान में कहा गया है कि बेशक आधार नंबर को पैन के साथ जोड़ने अथवा इस बारे में सूचना देने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2019 कर दी गई है, इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया जाता है कि एक अप्रैल 2019 से आयकर रिटर्न दाखिल करते समय आधार संख्या का उल्लेख करना अथवा उसे जोड़ना अनिवार्य होगा.

उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल सितंबर में केन्द्र सरकार की आधार योजना को संवैधानिक रूप से वैध माना था और इस बारे में निर्णय देते हुये कहा था कि पैन आवंटन करते समय और आयकर रिटर्न दाखिल करते हुये बायोमेट्रिक पहचान आधार का उल्लेख अनिवार्य बना रहेगा. पांच सदस्यों वाली संविधान पीठ ने अपने फैसले में यह भी कहा था कि बैंक खातों के साथ आधार नंबर को जोड़ना और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा नये कनेक्शन के लिये आधार मांगना अनिवार्य नहीं होगा.

पिछले साल सितंबर तक देश में 41 करोड़ पैन जारी किए गये. इनमें 21 करोड़ से अधिक को आधार से जोड़ा गया है. उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में आयकर कानून की धारा 139एए को सही ठहराया था. आयकर की इस धारा में कहा गया है कि एक जुलाई 2017 को जिस व्यक्ति के पास पैन है और वह आधार पाने के लिये पात्र है, उसे कर प्रशासन को अपनी आधार संख्या की जानकारी देनी होगी. पैन को आधार संख्या के साथ जोड़ने की इससे पहले की समय सीमा कई बार बढ़ाई गई. आखिरी बार इसे 31 मार्च 2019 तक जोड़ने की समय सीमा रखी गई जिसे अब बढ़ाकर सितंबर 2019 कर दिया गया.

नई दिल्ली: सरकार ने रविवार को स्थायी खाता संख्या (पैन) के साथ बायोमेट्रिक पहचान 'आधार' को जोड़ने की समय सीमा को छह माह और बढ़ाकर 30 सितंबर 2019 कर दिया. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है.

हालांकि, उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने में आधार नंबर का उल्लेख करना अनिवार्य बना रहेगा. यह छठा मौका है जब सरकार ने पैन को आधार से जोड़ने के लिये समय सीमा बढ़ाई है. सरकार ने पिछले साल जून में कहा था कि हर व्यक्ति को 31 मार्च तक अपनी बायोमेट्रिक पहचान वाली आधार संख्या को पैन के साथ जोड़ना है.

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केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि यदि कोई विशिष्ट छूट नहीं दी जाती है तो, अब आधार संख्या के बारे में सूचना देने और पैन को आधार संख्या से जोड़ने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2019 है. सीबीडीटी ने कहा कि इस तरह की रपटें दिखाई दी हैं कि ऐसे पैन जो कि 31 मार्च तक आधार से नहीं जुड़े होंगे उन्हें अमान्य करार दिया जायेगा.

इसके बाद सरकार ने मामले पर विचार करते हुए इन्हें आपस में जोड़ने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया. बयान में कहा गया है कि बेशक आधार नंबर को पैन के साथ जोड़ने अथवा इस बारे में सूचना देने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2019 कर दी गई है, इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया जाता है कि एक अप्रैल 2019 से आयकर रिटर्न दाखिल करते समय आधार संख्या का उल्लेख करना अथवा उसे जोड़ना अनिवार्य होगा.

उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल सितंबर में केन्द्र सरकार की आधार योजना को संवैधानिक रूप से वैध माना था और इस बारे में निर्णय देते हुये कहा था कि पैन आवंटन करते समय और आयकर रिटर्न दाखिल करते हुये बायोमेट्रिक पहचान आधार का उल्लेख अनिवार्य बना रहेगा. पांच सदस्यों वाली संविधान पीठ ने अपने फैसले में यह भी कहा था कि बैंक खातों के साथ आधार नंबर को जोड़ना और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा नये कनेक्शन के लिये आधार मांगना अनिवार्य नहीं होगा.

पिछले साल सितंबर तक देश में 41 करोड़ पैन जारी किए गये. इनमें 21 करोड़ से अधिक को आधार से जोड़ा गया है. उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में आयकर कानून की धारा 139एए को सही ठहराया था. आयकर की इस धारा में कहा गया है कि एक जुलाई 2017 को जिस व्यक्ति के पास पैन है और वह आधार पाने के लिये पात्र है, उसे कर प्रशासन को अपनी आधार संख्या की जानकारी देनी होगी. पैन को आधार संख्या के साथ जोड़ने की इससे पहले की समय सीमा कई बार बढ़ाई गई. आखिरी बार इसे 31 मार्च 2019 तक जोड़ने की समय सीमा रखी गई जिसे अब बढ़ाकर सितंबर 2019 कर दिया गया.

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सरकार ने पैन के साथ आधार जोड़ने की समयसीमा 30 सितंबर तक बढ़ाई

नई दिल्ली: सरकार ने रविवार को स्थायी खाता संख्या (पैन) के साथ बायोमेट्रिक पहचान 'आधार' को जोड़ने की समयसीमा को छह माह और बढ़ाकर 30 सितंबर 2019 कर दिया. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है. 

हालांकि, उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने में आधार नंबर का उल्लेख करना अनिवार्य बना रहेगा. यह छठा मौका है जब सरकार ने पैन को आधार से जोड़ने के लिये समयसीमा बढ़ाई है. सरकार ने पिछले साल जून में कहा था कि हर व्यक्ति को 31 मार्च तक अपनी बायोमेट्रिक पहचान वाली आधार संख्या को पैन के साथ जोड़ना है. 

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केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि यदि कोई विशिष्ट छूट नहीं दी जाती है तो, अब आधार संख्या के बारे में सूचना देने और पैन को आधार संख्या से जोड़ने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2019 है. सीबीडीटी ने कहा कि इस तरह की रपटें दिखाई दी हैं कि ऐसे पैन जो कि 31 मार्च तक आधार से नहीं जुड़े होंगे उन्हें अमान्य करार दिया जायेगा. 

इसके बाद सरकार ने मामले पर विचार करते हुए इन्हें आपस में जोड़ने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया. बयान में कहा गया है कि बेशक आधार नंबर को पैन के साथ जोड़ने अथवा इस बारे में सूचना देने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2019 कर दी गई है, इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया जाता है कि एक अप्रैल 2019 से आयकर रिटर्न दाखिल करते समय आधार संख्या का उल्लेख करना अथवा उसे जोड़ना अनिवार्य होगा. 

उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल सितंबर में केन्द्र सरकार की आधार योजना को संवैधानिक रूप से वैध माना था और इस बारे में निर्णय देते हुये कहा था कि पैन आवंटन करते समय और आयकर रिटर्न दाखिल करते हुये बायोमेट्रिक पहचान आधार का उल्लेख अनिवार्य बना रहेगा. पांच सदस्यों वाली संविधान पीठ ने अपने फैसले में यह भी कहा था कि बैंक खातों के साथ आधार नंबर को जोड़ना और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा नये कनेक्शन के लिये आधार मांगना अनिवार्य नहीं होगा. 

पिछले साल सितंबर तक देश में 41 करोड़ पैन जारी किए गये. इनमें 21 करोड़ से अधिक को आधार से जोड़ा गया है. उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में आयकर कानून की धारा 139एए को सही ठहराया था. आयकर की इस धारा में कहा गया है कि एक जुलाई 2017 को जिस व्यक्ति के पास पैन है और वह आधार पाने के लिये पात्र है, उसे कर प्रशासन को अपनी आधार संख्या की जानकारी देनी होगी. पैन को आधार संख्या के साथ जोड़ने की इससे पहले की समयसीमा कई बार बढ़ाई गई. आखिरी बार इसे 31 मार्च 2019 तक जोड़ने की समयसीमा रखी गई जिसे अब बढ़ाकर सितंबर 2019 कर दिया गया.


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Last Updated : Apr 1, 2019, 3:44 PM IST
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