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शेयर बाजार में सूचीबद्ध हों छोटे उद्योग: गडकरी

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हम सरकार की तरफ से एमएसएमई कंपनियों में 10 प्रतिशत शेयर खरीदेंगे और जब शेयर का भाव चढ़ जाएगा तो हम 10,000 करोड़ रुपये की जगह एक लाख करोड़ रुपये के मालिक बन सकते हैं."

शेयर बाजार में सूचीबद्ध हों छोटे उद्योग: गडकरी
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Published : Sep 30, 2019, 7:36 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 3:30 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को शेयर बाजार पर सूचीबद्ध होने को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि ऐसी इकाइयों के शेयर खरीदने के लिए उन्होंने वित्त मंत्रालय से 10,000 करोड़ रुपये के आवंटन की मांग की है.

गडकरी ने पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के 114 वें वार्षिक सत्र के दौरान कहा, "मैं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज गया था और हमने पाया कि 20 एमएसएमई कंपनियां शेयर बाजार पर सूचीबद्ध हैं. मैंने वित्त मंत्रालय से हमें 10,000 करोड़ रुपये देने की सिफारिश की है. इससे हम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज या फिर किसी अन्य प्रतिभूति बाजार में जाएंगे और अपने लिए उनके शेयर खरीदेंगे."

जानकारी देते केंद्रीय मंत्री

ये भी पढ़ें- बुनियादी उद्योगों का उत्पादन अगस्त में 0.5 प्रतिशत गिरा

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हम सरकार की तरफ से एमएसएमई कंपनियों में 10 प्रतिशत शेयर खरीदेंगे और जब शेयर का भाव चढ़ जाएगा तो हम 10,000 करोड़ रुपये की जगह एक लाख करोड़ रुपये के मालिक बन सकते हैं."

उन्होंने कहा कि जिन छोटी एवं मझोली कंपनियों का बही खाता अच्छा है और निर्यात कर रही हैं, उन्हें शेयर बाजार का रुख करना चाहिए क्योंकि यह उन्हें पूंजी बाजार से धन जुटाने में मदद करेगा.

गडकरी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य एमएसएमई क्षेत्र की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में मौजूदा 29 प्रतिशत की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने और निर्यात में उसके योगदान को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने का है.

नई दिल्ली: केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को शेयर बाजार पर सूचीबद्ध होने को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि ऐसी इकाइयों के शेयर खरीदने के लिए उन्होंने वित्त मंत्रालय से 10,000 करोड़ रुपये के आवंटन की मांग की है.

गडकरी ने पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के 114 वें वार्षिक सत्र के दौरान कहा, "मैं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज गया था और हमने पाया कि 20 एमएसएमई कंपनियां शेयर बाजार पर सूचीबद्ध हैं. मैंने वित्त मंत्रालय से हमें 10,000 करोड़ रुपये देने की सिफारिश की है. इससे हम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज या फिर किसी अन्य प्रतिभूति बाजार में जाएंगे और अपने लिए उनके शेयर खरीदेंगे."

जानकारी देते केंद्रीय मंत्री

ये भी पढ़ें- बुनियादी उद्योगों का उत्पादन अगस्त में 0.5 प्रतिशत गिरा

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हम सरकार की तरफ से एमएसएमई कंपनियों में 10 प्रतिशत शेयर खरीदेंगे और जब शेयर का भाव चढ़ जाएगा तो हम 10,000 करोड़ रुपये की जगह एक लाख करोड़ रुपये के मालिक बन सकते हैं."

उन्होंने कहा कि जिन छोटी एवं मझोली कंपनियों का बही खाता अच्छा है और निर्यात कर रही हैं, उन्हें शेयर बाजार का रुख करना चाहिए क्योंकि यह उन्हें पूंजी बाजार से धन जुटाने में मदद करेगा.

गडकरी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य एमएसएमई क्षेत्र की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में मौजूदा 29 प्रतिशत की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने और निर्यात में उसके योगदान को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने का है.

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शेयर बाजार में सूचीबद्ध हों छोटे उद्योग: गडकरी

नई दिल्ली: केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को शेयर बाजार पर सूचीबद्ध होने को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि ऐसी इकाइयों के शेयर खरीदने के लिए उन्होंने वित्त मंत्रालय से 10,000 करोड़ रुपये के आवंटन की मांग की है.

गडकरी ने पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के 114 वें वार्षिक सत्र के दौरान कहा, "मैं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज गया था और हमने पाया कि 20 एमएसएमई कंपनियां शेयर बाजार पर सूचीबद्ध हैं. मैंने वित्त मंत्रालय से हमें 10,000 करोड़ रुपये देने की सिफारिश की है. इससे हम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज या फिर किसी अन्य प्रतिभूति बाजार में जाएंगे और अपने लिए उनके शेयर खरीदेंगे."

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केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हम सरकार की तरफ से एमएसएमई कंपनियों में 10 प्रतिशत शेयर खरीदेंगे और जब शेयर का भाव चढ़ जाएगा तो हम 10,000 करोड़ रुपये की जगह एक लाख करोड़ रुपये के मालिक बन सकते हैं."

उन्होंने कहा कि जिन छोटी एवं मझोली कंपनियों का बही खाता अच्छा है और निर्यात कर रही हैं, उन्हें शेयर बाजार का रुख करना चाहिए क्योंकि यह उन्हें पूंजी बाजार से धन जुटाने में मदद करेगा.

गडकरी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य एमएसएमई क्षेत्र की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में मौजूदा 29 प्रतिशत की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने और निर्यात में उसके योगदान को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने का है.

 


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Last Updated : Oct 2, 2019, 3:30 PM IST
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