नई दिल्ली: कारोबारियों के लिए एक बड़ी राहत की बात यह है कि सरकार छह महीने के लिए इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत नई इनसॉल्वेंसी कार्यवाही को स्थगित करने पर विचार कर रही है.
सरकार आईबीसी, 2016 में संशोधन कर सकती है. अध्यादेश को उसी के लिए प्रख्यापित किया जाना होगा और राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए अगली सूचना तक धारा 7, 9 और 10 को निलंबित करने की मांग करनी होगी.
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पिछले महीने डिफ़ॉल्ट सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये करने की घोषणा करते हुए, वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण ने कहा कि अगर कोरोना वायरस के प्रकोप की स्थिति 30 अप्रैल से आगे बढ़ जाती है तो मंत्रालय धारा 7, धारा 9 और आईबीसी की धारा 10 को निलंबित करने पर विचार करेगा. जिससे छह महीने की अवधि ताकि कंपनियों को दिवालिया कार्यवाही में मजबूर होने से रोका जा सके.
संबंधित अनुभाग ऋणदाताओं को डिफॉल्ट करने वाली संस्थाओं के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) से संपर्क करने का अधिकार देते हैं. आईबीसी की धारा सात में वित्तीय लेनदार द्वारा कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिज़ॉल्यूशन प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दी जाती है, जबकि सेक्शन 9 ऑपरेशनल क्रेडिटर्स को ऑपरेशनल लेनदार द्वारा इनसॉल्वेंसी प्रोसेस शुरू करने के लिए आवेदन दाखिल करने की अनुमति देता है.
जानकार बताते हैं कि कोरोना वायरस के प्रसार और देशव्यापी लॉकडाउन ने पूरे देश में व्यावसायिक गतिविधियों को सेक्टरों में पूरी तरह से रोक दिया है और व्यापार पर इसका प्रभाव गंभीर है. कुछ समय के लिए धारा 7, 9 और 10 आईबीसी की कार्यवाही को निलंबित करना आवश्यक हो गया है.
(आईएएनएस)