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अशोक विश्वविद्यालय के संस्थापकों ने अपनी आत्मा से 'समझौता' किया : राजन

रघुराम राजन ने कहा कि सचाई यह है कि प्रोफेसर मेहता किसी संस्थान के लिए 'कांटा' थे. वह कोई साधारण कांटा नहीं हैं, बल्कि वह सरकार में उच्च पदों पर बैठे लोगों के लिए अपनी जबर्दस्त दलीलों से कांटा बने हुए थे.

अशोक विश्वविद्यालय के संस्थापकों ने अपनी आत्मा से 'समझौता' किया : राजन
अशोक विश्वविद्यालय के संस्थापकों ने अपनी आत्मा से 'समझौता' किया : राजन
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Published : Mar 20, 2021, 7:41 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि अभिव्यक्ति की आजादी अशोक विश्वविद्यालय की आत्मा है, लेकिन क्या अपनी आत्मा को बेचने से दबाव समाप्त हो जाएगा.

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री राजन अशोक विश्वविद्यालय से भानु प्रताप मेहता तथा अरविंद सुब्रमणयम के इस्तीफे पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे.

इससे पहले इसी सप्ताह सोनीपत का यह प्रमुख विश्वविद्यालय राजनीतिक टिप्पणीकार मेहता और अर्थशास्त्री सुब्रमण्यम के इस्तीफे के बाद विवादों के घेरे में आ गया था. यह विश्वविद्यालय उदार कला और विज्ञान विषयों में पाठ्यक्रम उपलब्ध करता है.

'लिंक्डइन' पर पोस्ट में राजन ने कहा कि भारत में इस सप्ताह अभिव्यक्ति की आजादी को गंभीर झटका लगा है. देश के बेहतरीन राजनीतिक टिप्पणीकार प्रोफेसर मेहता ने अशोक विश्विविद्यालय से इस्तीफा दे दिया है.

राजन ने कहा, 'सचाई यह है कि प्रोफेसर मेहता किसी संस्थान के लिए 'कांटा' थे. वह कोई साधारण कांटा नहीं हैं, बल्कि वह सरकार में उच्च पदों पर बैठे लोगों के लिए अपनी जबर्दस्त दलीलों से कांटा बने हुए थे.'

ये भी पढ़ें : 'अरे दीदी मोदी को क्रेडिट मत दीजिए, पर गरीब के पेट पर लात क्यों मार रही हैं?'

अशोक विश्वविद्यालय में हालिया घटनाक्रमों पर शिकॉगो विश्वविद्यालय, बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस के प्रोफेसर राजन ने कहा, 'अभिव्यक्ति की आजादी इस महान विश्विविद्यालय की आत्मा है. इसपर समझौता कर विश्वविद्यालय के संस्थापकों ने आत्मा को चोट पहुंचाई है.'

उन्होंने कहा, 'यदि आप अपनी आत्मा को 'बेचने' की मंशा रखते हैं, तो क्या इससे दबाव समाप्त हो जाएगा. यह निश्चित रूप से भारत के लिए एक बुरा घटनाक्रम है.'

मेहता के इस्तीफे के बाद प्रोफेसर सुब्रमण्यम ने भी विश्वविद्यालय से इस्तीफा दे दिया था.

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि अभिव्यक्ति की आजादी अशोक विश्वविद्यालय की आत्मा है, लेकिन क्या अपनी आत्मा को बेचने से दबाव समाप्त हो जाएगा.

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री राजन अशोक विश्वविद्यालय से भानु प्रताप मेहता तथा अरविंद सुब्रमणयम के इस्तीफे पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे.

इससे पहले इसी सप्ताह सोनीपत का यह प्रमुख विश्वविद्यालय राजनीतिक टिप्पणीकार मेहता और अर्थशास्त्री सुब्रमण्यम के इस्तीफे के बाद विवादों के घेरे में आ गया था. यह विश्वविद्यालय उदार कला और विज्ञान विषयों में पाठ्यक्रम उपलब्ध करता है.

'लिंक्डइन' पर पोस्ट में राजन ने कहा कि भारत में इस सप्ताह अभिव्यक्ति की आजादी को गंभीर झटका लगा है. देश के बेहतरीन राजनीतिक टिप्पणीकार प्रोफेसर मेहता ने अशोक विश्विविद्यालय से इस्तीफा दे दिया है.

राजन ने कहा, 'सचाई यह है कि प्रोफेसर मेहता किसी संस्थान के लिए 'कांटा' थे. वह कोई साधारण कांटा नहीं हैं, बल्कि वह सरकार में उच्च पदों पर बैठे लोगों के लिए अपनी जबर्दस्त दलीलों से कांटा बने हुए थे.'

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अशोक विश्वविद्यालय में हालिया घटनाक्रमों पर शिकॉगो विश्वविद्यालय, बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस के प्रोफेसर राजन ने कहा, 'अभिव्यक्ति की आजादी इस महान विश्विविद्यालय की आत्मा है. इसपर समझौता कर विश्वविद्यालय के संस्थापकों ने आत्मा को चोट पहुंचाई है.'

उन्होंने कहा, 'यदि आप अपनी आत्मा को 'बेचने' की मंशा रखते हैं, तो क्या इससे दबाव समाप्त हो जाएगा. यह निश्चित रूप से भारत के लिए एक बुरा घटनाक्रम है.'

मेहता के इस्तीफे के बाद प्रोफेसर सुब्रमण्यम ने भी विश्वविद्यालय से इस्तीफा दे दिया था.

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