नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की चोरी रोकने के लिए ई-वे बिल प्रणाली में बदलाव किए हैं. इन बदलावों में ई-वे बिल निकालने के लिए पिन कोड पर आधारित दूरी की स्वत: गणना और एक इनवॉयस पर एक से अधिक ई-वे बिल निकालने की प्रक्रिया को रोकना शामिल है.
एक राज्य से दूसरे राज्य तक 50,000 रुपये से अधिक के माल के परिवहन के लिए ई-वे बिल प्रणाली एक अप्रैल, 2018 को जीएसटी की चोरी रोकने की पहल के तहत लागू किया गया था. राज्य के भीतर ही माल के परिवहन के लिए ई - वे बिल प्रणाली को चरणबद्ध तरीके से 15 अप्रैल से लागू किया गया.
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ई-वे बिल निकालने में गड़बड़ियां सामने आने के बाद राजस्व विभाग ने ट्रांसपोर्टरों तथा कंपनियों द्वारा ई वे बिल निकालने की प्रणाली में बदलाव करने का फैसला किया. ई-वे बिल पोर्टल के अनुसार नई विस्तारित प्रणाली में पिन कोड के आधार पर स्रोत और गंतव्य की दूरी की स्वत: गणना होगी.
प्रयोगकर्ता को माल के परिवहन के हिसाब से वास्तविक दूरी दर्ज करने की अनुमति होगी, लेकिन यह स्वत: निकाली गई दूरी से 10 प्रतिशत ही अधिक हो सकती है. इसके अलावा सरकार ने एक इनवॉयस पर एक से अधिक बिल निकालने की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है.
यानी एक ही इनवॉयस नंबर से कोई भी पक्ष चाहे माल भेजने वाला हो या पाने वाला या ट्रांसपोर्टर एक से अधिक बिल नहीं निकाल सकेगा. इस सुधरी प्रणाली में माल की आवाजाही के दौरान ई-वे बिल के विस्तार की अनुमति होगी. ई-वे बिल पोर्टल का विकास देश के प्रमुख सूचना सेवा संगठन नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) ने किया है.