नई दिल्ली: उत्तर भारत में आधे से अधिक किसानों का मानना है कि उन्हें उनकी फसल का सही दाम मिलना चाहिये.एक सर्वे रपट में यह भी कहा गया है कि कृषि उपजों के लिए मंडी की सुविधा और बेहतर बनाने को प्राथमिकता दी जानी चाहिये.
कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप कंपनी दिकृषि द्वारा किसान नेटवर्क एप पर किये गये इस सर्वेक्षण में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश तथा उत्तर भारत के 4,300 से अधिक किसानों से संपर्क किया गया. सर्वे के अनुसार किसानों की नई सरकार से अपेक्षाएं काफी ज्यादा हैं. वे चाहते है कि बाजार संबंधी बुनियादी ढांचे के विस्तार और नीतिगत सुधारों पर ध्यान दिया जाए.
ये भी पढ़ें- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग के संचालन परिषद की बैठक 15 जून को
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृतव में नई सरकार के सत्ता संभालने के बाद नई सरकार से उम्मीदों के बारे में पूछे जाने पर सर्वे में भाग लेने वाले 52.6 प्रतिशत किसानों ने कहा कि कि उन्हें उनकी फसल का सही दाम मिलना चाहिये.
सर्वे में 17.1 प्रतिशत किसानों ने कहा है कि सिंचाई के बेहतर साधनों की तंगी है और आज भी किसान सिंचाई व्यवस्था को लेकर जूझ रहे हैं.
सर्वेक्षण के अनुसार मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में नीम लेपित यूरिया की आपूर्ति की किसानों ने सराहना की है. सर्वेक्ष में 42.3 प्रतिशत किसानों ने कहा कि इस उपाय से यूरिया की सहज और पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद मिली है. इससे यूरिया की काला बाजारी, भ्रष्टाचार समाप्त हुआ है.
सरकार की किसान सम्मान निधि योजना को 39.3 प्रतिशत किसानों ने अच्छा बताया. मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में इस योजना को शुरू किया गया था. तब इसमें दो हेक्टेयर तक की जोत रखने वाले छोटे किसानों को सालभर में 6,000 रुपये तीन किस्तों में भुगतान करने की शुरुआत की गई. हालांकि, नई सरकार ने सत्ता संभालते ही इस योजना का दायरा बढ़ाते हुये सभी किसानों को इस योजना का लाभ देने का फैसला किया है.
किसानों को चाहिए उनकी फसल का सही मूल्य, बेहतर बाजार पहुंच को दी जानी चाहिये प्राथमिकता: अध्ययन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृतव में नई सरकार के सत्ता संभालने के बाद नई सरकार से उम्मीदों के बारे में पूछे जाने पर सर्वे में भाग लेने वाले 52.6 प्रतिशत किसानों ने कहा कि कि उन्हें उनकी फसल का सही दाम मिलना चाहिये.
नई दिल्ली: उत्तर भारत में आधे से अधिक किसानों का मानना है कि उन्हें उनकी फसल का सही दाम मिलना चाहिये.एक सर्वे रपट में यह भी कहा गया है कि कृषि उपजों के लिए मंडी की सुविधा और बेहतर बनाने को प्राथमिकता दी जानी चाहिये.
कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप कंपनी दिकृषि द्वारा किसान नेटवर्क एप पर किये गये इस सर्वेक्षण में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश तथा उत्तर भारत के 4,300 से अधिक किसानों से संपर्क किया गया. सर्वे के अनुसार किसानों की नई सरकार से अपेक्षाएं काफी ज्यादा हैं. वे चाहते है कि बाजार संबंधी बुनियादी ढांचे के विस्तार और नीतिगत सुधारों पर ध्यान दिया जाए.
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृतव में नई सरकार के सत्ता संभालने के बाद नई सरकार से उम्मीदों के बारे में पूछे जाने पर सर्वे में भाग लेने वाले 52.6 प्रतिशत किसानों ने कहा कि कि उन्हें उनकी फसल का सही दाम मिलना चाहिये.
सर्वे में 17.1 प्रतिशत किसानों ने कहा है कि सिंचाई के बेहतर साधनों की तंगी है और आज भी किसान सिंचाई व्यवस्था को लेकर जूझ रहे हैं.
सर्वेक्षण के अनुसार मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में नीम लेपित यूरिया की आपूर्ति की किसानों ने सराहना की है. सर्वेक्ष में 42.3 प्रतिशत किसानों ने कहा कि इस उपाय से यूरिया की सहज और पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद मिली है. इससे यूरिया की काला बाजारी, भ्रष्टाचार समाप्त हुआ है.
सरकार की किसान सम्मान निधि योजना को 39.3 प्रतिशत किसानों ने अच्छा बताया. मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में इस योजना को शुरू किया गया था. तब इसमें दो हेक्टेयर तक की जोत रखने वाले छोटे किसानों को सालभर में 6,000 रुपये तीन किस्तों में भुगतान करने की शुरुआत की गई. हालांकि, नई सरकार ने सत्ता संभालते ही इस योजना का दायरा बढ़ाते हुये सभी किसानों को इस योजना का लाभ देने का फैसला किया है.
किसानों को चाहिए उनकी फसल का सही मूल्य, बेहतर बाजार पहुंच को दी जानी चाहिये प्राथमिकता: अध्ययन
नई दिल्ली: उत्तर भारत में आधे से अधिक किसानों का मानना है कि उन्हें उनकी फसल का सही दाम मिलना चाहिये.एक सर्वे रपट में यह भी कहा गया है कि कृषि उपजों के लिए मंडी की सुविधा और बेहतर बनाने को प्राथमिकता दी जानी चाहिये.
कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप कंपनी दिकृषि द्वारा किसान नेटवर्क एप पर किये गये इस सर्वेक्षण में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश तथा उत्तर भारत के 4,300 से अधिक किसानों से संपर्क किया गया. सर्वे के अनुसार किसानों की नई सरकार से अपेक्षाएं काफी ज्यादा हैं. वे चाहते है कि बाजार संबंधी बुनियादी ढांचे के विस्तार और नीतिगत सुधारों पर ध्यान दिया जाए.
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृतव में नई सरकार के सत्ता संभालने के बाद नई सरकार से उम्मीदों के बारे में पूछे जाने पर सर्वे में भाग लेने वाले 52.6 प्रतिशत किसानों ने कहा कि कि उन्हें उनकी फसल का सही दाम मिलना चाहिये.
सर्वे में 17.1 प्रतिशत किसानों ने कहा है कि सिंचाई के बेहतर साधनों की तंगी है और आज भी किसान सिंचाई व्यवस्था को लेकर जूझ रहे हैं.
सर्वेक्षण के अनुसार मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में नीम लेपित यूरिया की आपूर्ति की किसानों ने सराहना की है. सर्वेक्ष में 42.3 प्रतिशत किसानों ने कहा कि इस उपाय से यूरिया की सहज और पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद मिली है. इससे यूरिया की काला बाजारी, भ्रष्टाचार समाप्त हुआ है.
सरकार की किसान सम्मान निधि योजना को 39.3 प्रतिशत किसानों ने अच्छा बताया. मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में इस योजना को शुरू किया गया था. तब इसमें दो हेक्टेयर तक की जोत रखने वाले छोटे किसानों को सालभर में 6,000 रुपये तीन किस्तों में भुगतान करने की शुरुआत की गई. हालांकि, नई सरकार ने सत्ता संभालते ही इस योजना का दायरा बढ़ाते हुये सभी किसानों को इस योजना का लाभ देने का फैसला किया है.
Conclusion: