हैदराबाद: रिजर्व बैंक ने बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट में 0.40 फीसदी की कटौती का ऐलान किया है. इससे आम लोगों की ईएमआई कम हो सकती है. आरबीआई की यह घोषणा व्यथित व्यक्तिगत वित्त परिदृश्य के लिए एक राहत की खबर है.
इसके आलावे आरबीआई लोगों को राहत देते हुए टर्म लोन मोरेटोरियम 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है. पहले यह 31 मई तक के लिए था. तीन महीने और बढ़ने से अब 6 महीने के मोरटोरियम की सुविधा हो गई है. यानी इन 6 महीने अगर आप अपनी ईएमआई नहीं चुकाते हैं तो आपका लोन डिफॉल्ट या एनपीए कैटेगरी में नहीं माना जाएगा.
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लगभग सभी खाद्य पदार्थों में निरंतर मूल्य वृद्धि हुई है, जिससे घरेलू खर्च बढ़ गए हैं. चिलचिलाती गर्मियों के कारण बिजली के बिलों में वृद्धि ने पहले ही घरेलू आय पर दबाव बढ़ा दिया है.
व्यक्तिगत वित्त विशेषज्ञों ने आरबीआई गवर्नर की तीन महीने के लिए ऋण चुकौती स्थगन के विस्तार के साथ-साथ रेपो दर में 40 आधार अंकों की कटौती की घोषणा का स्वागत किया है.
निजी वित्त विशेषज्ञ साई कृष्णा का कहना है कि यह कटौती ब्याज दरों को कम करेगी, जो व्यक्तियों को गृह ऋण, वाहन ऋण, स्वर्ण ऋण, क्रेडिट कार्ड भुगतान का लाभ उठाने में मदद करेगी. उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति 8.5% पर होम लोन प्रीमियम का भुगतान कर रहा था, तो अब इसे घटाकर 8.1% किया जाएगा. इससे प्रीमियम पर खर्च होने वाले कुछ पैसे बचेंगे और लोगों की जेब में कुछ और पैसा होगा लेकिन साथ ही सावधानी भी बरतनी होगी.
साईं कृष्णा ने अगस्त तक तीन और महीनों के लिए लोन स्थगन के बारे में बात करते हुए कहा कि लोन मोरटोरियम का फायदा केवल और केवल तभी उठाएं जब आपकी वित्तीय स्थिती बहुत कमजोर हो क्योंकि नौकरी छूटना या वेतन में कटौती इन दिनों बदसूरत हकीकत है. इसलिए, यदि हो सके तो प्रीमियम का भुगतान करना उचित है. यदि कोई लोन चुका सकता है तो उसे लोन चुकाते रहना चाहिए. इससे आपका वित्तीय बोझ कम होगा.
एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स के अध्यक्ष अनुज पुरी ने इसी तरह के विचार रखें. उन्होंने कहा कि संदेह से परे, रेपो दर में कटौती घर खरीदारों की भावनाओं को और भी अधिक बढ़ा देती है. पुरी ने कहा कि पिछले साल की तुलना में होम लोन की ब्याज दरें पहले से काफी कम हो गई हैं और वर्तमान में 7.15% से 7.8% के बीच सर्वकालिक कम औसत पर हैं.
(ईटीवी भारत रिपोर्ट)