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रिहायशी मकानों को भी दिये जायेंगे ऊर्जा दक्षता निशान - ऊर्जा दक्षता निशान

बिजली मंत्री आर के सिंह ने मंगलवार को रिहायशी इमारतों के लिये ऊर्जा दक्षता लेबल की शुरूआत की. इस पहल का मकसद मकानों को ऊर्जा खपत के मामले में दक्ष बनाना है.

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Published : Feb 27, 2019, 10:34 AM IST

गुरूग्राम : अब घरों को भी उनकी ऊर्जा दक्षता के आधार पर निशान दिये जायेंगे. बिजली मंत्री आर के सिंह ने मंगलवार को रिहायशी इमारतों के लिये ऊर्जा दक्षता लेबल की शुरूआत की. इस पहल का मकसद मकानों को ऊर्जा खपत के मामले में दक्ष बनाना है.

इस ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम को बिजली मंत्रालय के अधीन आने वाले ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने तैयार किया है. यह कार्यक्रम मकान खरीदारों को यह बताएगा मकान कितना ऊर्जा दक्ष है और इससे उन्हें कितना लाभ होगा. राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मंगलवार से यहां शुरू बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों के दो दिवसीय (26 से 27 फरवरी) सम्मेलन के दौरान सिंह ने इस नये कार्यक्रम की शुरूआत की.

प्रस्तावित लेबलिंग कार्यक्रम से विभिन्न ऊर्जा दक्षता उपायों से बिजली की बचत होगी. एक अनुमान के मुताबिक इस कार्यक्रम के अंतर्गत आने वाले मकान अन्य परंपरागत आवास की तुलना में 40 प्रतिशत तक ऊर्जा की बचत होगी. बीईई के अनुसार 2030 तक ऐसे मकानों से 90 अरब यूनिट सालाना ऊर्जा बचत का अनुमान है. वहीं कार्बन डाई आक्साइड उत्सर्जन में 2030 तक 32 करोड़ टन सालाना की कमी आने का अनुमान है.
(भाषा)
पढ़ें : निफ्टी 50 में हिंदुस्तान पेट्रोलियम की जगह लेगी ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज

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गुरूग्राम : अब घरों को भी उनकी ऊर्जा दक्षता के आधार पर निशान दिये जायेंगे. बिजली मंत्री आर के सिंह ने मंगलवार को रिहायशी इमारतों के लिये ऊर्जा दक्षता लेबल की शुरूआत की. इस पहल का मकसद मकानों को ऊर्जा खपत के मामले में दक्ष बनाना है.

इस ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम को बिजली मंत्रालय के अधीन आने वाले ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने तैयार किया है. यह कार्यक्रम मकान खरीदारों को यह बताएगा मकान कितना ऊर्जा दक्ष है और इससे उन्हें कितना लाभ होगा. राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मंगलवार से यहां शुरू बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों के दो दिवसीय (26 से 27 फरवरी) सम्मेलन के दौरान सिंह ने इस नये कार्यक्रम की शुरूआत की.

प्रस्तावित लेबलिंग कार्यक्रम से विभिन्न ऊर्जा दक्षता उपायों से बिजली की बचत होगी. एक अनुमान के मुताबिक इस कार्यक्रम के अंतर्गत आने वाले मकान अन्य परंपरागत आवास की तुलना में 40 प्रतिशत तक ऊर्जा की बचत होगी. बीईई के अनुसार 2030 तक ऐसे मकानों से 90 अरब यूनिट सालाना ऊर्जा बचत का अनुमान है. वहीं कार्बन डाई आक्साइड उत्सर्जन में 2030 तक 32 करोड़ टन सालाना की कमी आने का अनुमान है.
(भाषा)
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गुरूग्राम : अब घरों को भी उनकी ऊर्जा दक्षता के आधार पर निशान दिये जायेंगे. बिजली मंत्री आर के सिंह ने मंगलवार को रिहायशी इमारतों के लिये ऊर्जा दक्षता लेबल की शुरूआत की. इस पहल का मकसद मकानों को ऊर्जा खपत के मामले में दक्ष बनाना है.

इस ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम को बिजली मंत्रालय के अधीन आने वाले ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने तैयार किया है. यह कार्यक्रम मकान खरीदारों को यह बताएगा मकान कितना ऊर्जा दक्ष है और इससे उन्हें कितना लाभ होगा. राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मंगलवार से यहां शुरू बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों के दो दिवसीय (26 से 27 फरवरी) सम्मेलन के दौरान सिंह ने इस नये कार्यक्रम की शुरूआत की.

प्रस्तावित लेबलिंग कार्यक्रम से विभिन्न ऊर्जा दक्षता उपायों से बिजली की बचत होगी. एक अनुमान के मुताबिक इस कार्यक्रम के अंतर्गत आने वाले मकान अन्य परंपरागत आवास की तुलना में 40 प्रतिशत तक ऊर्जा की बचत होगी. बीईई के अनुसार 2030 तक ऐसे मकानों से 90 अरब यूनिट सालाना ऊर्जा बचत का अनुमान है. वहीं कार्बन डाई आक्साइड उत्सर्जन में 2030 तक 32 करोड़ टन सालाना की कमी आने का अनुमान है.


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