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देश के लिये इलेक्ट्रिक वाहन बड़ा अवसर: अमिताभ कांत - अमिताभ कांत इलेक्ट्रीक वाहन

कांत ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन एक उभरता अवसर है क्योंकि भारत में 72 प्रतिशत से अधिक दो-पहिया वाहन हैं जिसे इलेक्ट्रिक चालित बनाने का प्रयास होना चाहिए और साथ ही दुनिया के बाजारों के लिये इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्मित करना है."

देश के लिये इलेक्ट्रिक वाहन बड़ा अवसर: अमिताभ कांत
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Published : Jul 17, 2019, 7:28 PM IST

नई दिल्ली: नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत ने बुधवार को कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन खंड भारतीय विनिर्माताओं के लिये बड़ा अवसर है और उन्हें ये मॉडल न केवल घरेलू बाजार के लिये बल्कि निर्यात के लिये उत्पादित करने चाहिए.

'एंट्रप्रेन्युर 2019' के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कांत ने 2030 तक भारत की अर्थव्यवस्था 10,000 अरब डॉलर पहुंचाने के वृहद लक्ष्य पर भी जोर दिया.

कांत ने कहा, "इलेक्ट्रिक वाहन एक उभरता अवसर है क्योंकि भारत में 72 प्रतिशत से अधिक दो-पहिया वाहन हैं जिसे इलेक्ट्रिक चालित बनाने का प्रयास होना चाहिए और साथ ही दुनिया के बाजारों के लिये इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्मित करना है."

ये भी पढ़ें: सरकार ने 15वें वित्त आयोग का कार्यकाल 30 नवंबर तक बढ़ाया

नीति आयोग ने सभी तीन-पहिया और 150 सीसी से कम दो-पहिया वाहनों को क्रमश: 2023 तथा 2025 तक बिजली चालित बनाने का प्रस्ताव रखा है. अर्थव्यवस्था की आकार में वृद्धि के बारे में उन्होंने कहा कि आने वाले समय में स्टार्ट-अप और उद्यमशीलता महत्वपूर्ण होंगे.

कांत ने कहा, "देश की आबादी को गरीबी रेखा से ऊपर लाने के लिये भारत को 9-10 प्रतिशत सालाना की दर से वृद्धि करने की जरूरत है और यह वृद्धि तब तक संभव नहीं है जब तक हम उद्यमशीलता को नहीं बढ़ाते."

उन्होंने कहा कि इस वृद्धि में वैश्वीकरण और शहरीकरण आगे रहने वाला है. कांत ने कहा कि शहरीकरण के कारण कई अवसर उभर रहे हैं. देश में हर मिनट में 30 लोग शहरी भारत में पलायन कर रहे हैं. यह स्टार्ट-अप के लिये बड़ा अवसर है.

इसके अलावा जल चक्रण, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, इलेक्ट्रिक वाहन और कई अन्य क्षेत्रों में काफी अवसर हैं.

नई दिल्ली: नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत ने बुधवार को कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन खंड भारतीय विनिर्माताओं के लिये बड़ा अवसर है और उन्हें ये मॉडल न केवल घरेलू बाजार के लिये बल्कि निर्यात के लिये उत्पादित करने चाहिए.

'एंट्रप्रेन्युर 2019' के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कांत ने 2030 तक भारत की अर्थव्यवस्था 10,000 अरब डॉलर पहुंचाने के वृहद लक्ष्य पर भी जोर दिया.

कांत ने कहा, "इलेक्ट्रिक वाहन एक उभरता अवसर है क्योंकि भारत में 72 प्रतिशत से अधिक दो-पहिया वाहन हैं जिसे इलेक्ट्रिक चालित बनाने का प्रयास होना चाहिए और साथ ही दुनिया के बाजारों के लिये इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्मित करना है."

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नीति आयोग ने सभी तीन-पहिया और 150 सीसी से कम दो-पहिया वाहनों को क्रमश: 2023 तथा 2025 तक बिजली चालित बनाने का प्रस्ताव रखा है. अर्थव्यवस्था की आकार में वृद्धि के बारे में उन्होंने कहा कि आने वाले समय में स्टार्ट-अप और उद्यमशीलता महत्वपूर्ण होंगे.

कांत ने कहा, "देश की आबादी को गरीबी रेखा से ऊपर लाने के लिये भारत को 9-10 प्रतिशत सालाना की दर से वृद्धि करने की जरूरत है और यह वृद्धि तब तक संभव नहीं है जब तक हम उद्यमशीलता को नहीं बढ़ाते."

उन्होंने कहा कि इस वृद्धि में वैश्वीकरण और शहरीकरण आगे रहने वाला है. कांत ने कहा कि शहरीकरण के कारण कई अवसर उभर रहे हैं. देश में हर मिनट में 30 लोग शहरी भारत में पलायन कर रहे हैं. यह स्टार्ट-अप के लिये बड़ा अवसर है.

इसके अलावा जल चक्रण, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, इलेक्ट्रिक वाहन और कई अन्य क्षेत्रों में काफी अवसर हैं.

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नई दिल्ली: नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत ने बुधवार को कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन खंड भारतीय विनिर्माताओं के लिये बड़ा अवसर है और उन्हें ये मॉडल न केवल घरेलू बाजार के लिये बल्कि निर्यात के लिये उत्पादित करने चाहिए.

'एंट्रप्रेन्युर 2019' के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कांत ने 2030 तक भारत की अर्थव्यवस्था 10,000 अरब डॉलर पहुंचाने के वृहद लक्ष्य पर भी जोर दिया.

कांत ने कहा, "इलेक्ट्रिक वाहन एक उभरता अवसर है क्योंकि भारत में 72 प्रतिशत से अधिक दो-पहिया वाहन हैं जिसे इलेक्ट्रिक चालित बनाने का प्रयास होना चाहिए और साथ ही दुनिया के बाजारों के लिये इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्मित करना है."

नीति आयोग ने सभी तीन-पहिया और 150 सीसी से कम दो-पहिया वाहनों को क्रमश: 2023 तथा 2025 तक बिजली चालित बनाने का प्रस्ताव रखा है. अर्थव्यवस्था की आकार में वृद्धि के बारे में उन्होंने कहा कि आने वाले समय में स्टार्ट-अप और उद्यमशीलता महत्वपूर्ण होंगे.

कांत ने कहा, "देश की आबादी को गरीबी रेखा से ऊपर लाने के लिये भारत को 9-10 प्रतिशत सालाना की दर से वृद्धि करने की जरूरत है और यह वृद्धि तब तक संभव नहीं है जब तक हम उद्यमशीलता को नहीं बढ़ाते."

उन्होंने कहा कि इस वृद्धि में वैश्वीकरण और शहरीकरण आगे रहने वाला है. कांत ने कहा कि शहरीकरण के कारण कई अवसर उभर रहे हैं. देश में हर मिनट में 30 लोग शहरी भारत में पलायन कर रहे हैं. यह स्टार्ट-अप के लिये बड़ा अवसर है.

इसके अलावा जल चक्रण, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, इलेक्ट्रिक वाहन और कई अन्य क्षेत्रों में काफी अवसर हैं.

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