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स्टार्टअप कंपनियों को ग्रामीण क्षेत्रों को बदलने के लिए डिजिटल इंडिया का लाभ उठाना चाहिए: प्रसाद

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि डिजिटल इंडिया को समावेशन, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और उद्यमिता के लिए एक प्रकाश स्तंभ बनाना चाहिए. उन्होंने यहां सरकार की मोबाइल भुगतान एप भारत इंटरफेस फॉर मनी (भीम) का नया संस्करण 'भीम 2.0' पेश किया. इसमें कई नए फीचर जोड़े गए हैं.

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Published : Oct 21, 2019, 7:50 PM IST

स्टार्टअप कंपनियों को ग्रामीण क्षेत्रों को बदलने के लिए डिजिटल इंडिया का लाभ उठाना चाहिए : प्रसाद

नई दिल्ली: सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि स्टार्टअप कंपनियों को डिजिटल इंडिया जैसी पहल का लाभ ग्रामीण भारत को बदलने और छोटे शहरों में नए अवसर पैदा करने के लिए उठाया जाना चाहिए. प्रसाद यहां 'सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक मंत्रालय स्टार्टअप सम्मेलन' को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया को समावेशन, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और उद्यमिता के लिए एक प्रकाश स्तंभ बनाना चाहिए. उन्होंने यहां सरकार की मोबाइल भुगतान एप भारत इंटरफेस फॉर मनी (भीम) का नया संस्करण 'भीम 2.0' पेश किया. इसमें कई नए फीचर जोड़े गए हैं.

इसके अलावा उन्होंने एक 'भारतीय सॉफ्टवेयर उत्पाद पंजीकरण' मंच भी पेश किया. यह भारतीय सॉफ्टवेयर उत्पादों की जानकारियां इकट्ठा करने वाला एकल खिड़की मंच होगा.

प्रसाद ने कहा कि सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाली स्टार्टअप कंपनियों के लिए यह (ग्रामीण भारत) मोह में बांधने वाला क्षेत्र है. इनको प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए ताकि देश की बदलती डिजिटल यात्रा में उनकी क्षमता का उपयोग हो सके.

ये भी पढ़ें: निवेशकों को बनाए रखने के लिए प्रणाली बना रहा डीपीआईआईटी

उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि डिजिटल इंडिया मंच ग्रामीण भारत को बदले. तीसरी और चौथी श्रेणी के शहरों, कस्बों में आकांक्षाओं को जन्म दे."

यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) और जीएसटीएन (जीएसटी-नेटवर्क) की सफलता का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की एनआईसी और एसटीपीआई जैसी इकाइयों को भी प्रतिस्पर्धी बनना चाहिए.

नई दिल्ली: सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि स्टार्टअप कंपनियों को डिजिटल इंडिया जैसी पहल का लाभ ग्रामीण भारत को बदलने और छोटे शहरों में नए अवसर पैदा करने के लिए उठाया जाना चाहिए. प्रसाद यहां 'सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक मंत्रालय स्टार्टअप सम्मेलन' को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया को समावेशन, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और उद्यमिता के लिए एक प्रकाश स्तंभ बनाना चाहिए. उन्होंने यहां सरकार की मोबाइल भुगतान एप भारत इंटरफेस फॉर मनी (भीम) का नया संस्करण 'भीम 2.0' पेश किया. इसमें कई नए फीचर जोड़े गए हैं.

इसके अलावा उन्होंने एक 'भारतीय सॉफ्टवेयर उत्पाद पंजीकरण' मंच भी पेश किया. यह भारतीय सॉफ्टवेयर उत्पादों की जानकारियां इकट्ठा करने वाला एकल खिड़की मंच होगा.

प्रसाद ने कहा कि सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाली स्टार्टअप कंपनियों के लिए यह (ग्रामीण भारत) मोह में बांधने वाला क्षेत्र है. इनको प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए ताकि देश की बदलती डिजिटल यात्रा में उनकी क्षमता का उपयोग हो सके.

ये भी पढ़ें: निवेशकों को बनाए रखने के लिए प्रणाली बना रहा डीपीआईआईटी

उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि डिजिटल इंडिया मंच ग्रामीण भारत को बदले. तीसरी और चौथी श्रेणी के शहरों, कस्बों में आकांक्षाओं को जन्म दे."

यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) और जीएसटीएन (जीएसटी-नेटवर्क) की सफलता का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की एनआईसी और एसटीपीआई जैसी इकाइयों को भी प्रतिस्पर्धी बनना चाहिए.

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नई दिल्ली: सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि स्टार्टअप कंपनियों को डिजिटल इंडिया जैसी पहल का लाभ ग्रामीण भारत को बदलने और छोटे शहरों में नए अवसर पैदा करने के लिए उठाया जाना चाहिए. प्रसाद यहां 'सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक मंत्रालय स्टार्टअप सम्मेलन' को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया को समावेशन, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और उद्यमिता के लिए एक प्रकाश स्तंभ बनाना चाहिए. उन्होंने यहां सरकार की मोबाइल भुगतान एप भारत इंटरफेस फॉर मनी (भीम) का नया संस्करण 'भीम 2.0' पेश किया. इसमें कई नए फीचर जोड़े गए हैं.

इसके अलावा उन्होंने एक 'भारतीय सॉफ्टवेयर उत्पाद पंजीकरण' मंच भी पेश किया. यह भारतीय सॉफ्टवेयर उत्पादों की जानकारियां इकट्ठा करने वाला एकल खिड़की मंच होगा.

प्रसाद ने कहा कि सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाली स्टार्टअप कंपनियों के लिए यह (ग्रामीण भारत) मोह में बांधने वाला क्षेत्र है. इनको प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए ताकि देश की बदलती डिजिटल यात्रा में उनकी क्षमता का उपयोग हो सके.

उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि डिजिटल इंडिया मंच ग्रामीण भारत को बदले. तीसरी और चौथी श्रेणी के शहरों, कस्बों में आकांक्षाओं को जन्म दे."

यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) और जीएसटीएन (जीएसटी-नेटवर्क) की सफलता का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की एनआईसी और एसटीपीआई जैसी इकाइयों को भी प्रतिस्पर्धी बनना चाहिए.

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