नई दिल्ली: मुद्रास्फीति में राहत और भारत-पाकिस्तान के बीच छिड़े युद्ध जैसे हालात के बीच तनाव में कमी आने से उपभोक्ताओं का भरोसा अप्रैल में वापस लौट आया है.
आईपीएसओएस की हाल की रपट के मुताबिक, अप्रैल में उपभोक्ता विश्वास सूचकांक में सुधार देखा गया और अच्छी तेजी दर्ज की गई, जोकि 9.9 फीसदी रहा, जबकि मार्च में यह 6.8 फीसदी था.
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आईपीएसओएस के परिजात चक्रबर्ती ने कहा, "संकट के बादल छंट गए हैं, मुद्रास्फीति नियंत्रण में है, शेयर बाजार में तेजी आ रही है और चुनावी रैलियों में खुशनुमा वादे किए जा रहे हैं. इन सब से आशावाद बढ़ा है, देश का मूड उत्साहपूर्ण हो रहा है."
अप्रैल में उपभोक्ता विश्वास सूचकांक में सुधार: अध्ययन - उपभोक्ता विश्वास सूचकांक
आईपीएसओएस की हाल की रपट के मुताबिक, अप्रैल में उपभोक्ता विश्वास सूचकांक में सुधार देखा गया और अच्छी तेजी दर्ज की गई, जोकि 9.9 फीसदी रहा, जबकि मार्च में यह 6.8 फीसदी था.
नई दिल्ली: मुद्रास्फीति में राहत और भारत-पाकिस्तान के बीच छिड़े युद्ध जैसे हालात के बीच तनाव में कमी आने से उपभोक्ताओं का भरोसा अप्रैल में वापस लौट आया है.
आईपीएसओएस की हाल की रपट के मुताबिक, अप्रैल में उपभोक्ता विश्वास सूचकांक में सुधार देखा गया और अच्छी तेजी दर्ज की गई, जोकि 9.9 फीसदी रहा, जबकि मार्च में यह 6.8 फीसदी था.
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आईपीएसओएस के परिजात चक्रबर्ती ने कहा, "संकट के बादल छंट गए हैं, मुद्रास्फीति नियंत्रण में है, शेयर बाजार में तेजी आ रही है और चुनावी रैलियों में खुशनुमा वादे किए जा रहे हैं. इन सब से आशावाद बढ़ा है, देश का मूड उत्साहपूर्ण हो रहा है."
अप्रैल में उपभोक्ता विश्वास सूचकांक में सुधार: अध्ययन
नई दिल्ली: मुद्रास्फीति में राहत और भारत-पाकिस्तान के बीच छिड़े युद्ध जैसे हालात के बीच तनाव में कमी आने से उपभोक्ताओं का भरोसा अप्रैल में वापस लौट आया है.
आईपीएसओएस की हाल की रपट के मुताबिक, अप्रैल में उपभोक्ता विश्वास सूचकांक में सुधार देखा गया और अच्छी तेजी दर्ज की गई, जोकि 9.9 फीसदी रहा, जबकि मार्च में यह 6.8 फीसदी था.
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आईपीएसओएस के परिजात चक्रबर्ती ने कहा, "संकट के बादल छंट गए हैं, मुद्रास्फीति नियंत्रण में है, शेयर बाजार में तेजी आ रही है और चुनावी रैलियों में खुशनुमा वादे किए जा रहे हैं. इन सब से आशावाद बढ़ा है, देश का मूड उत्साहपूर्ण हो रहा है."
Conclusion: