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मसौदा उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियमों पर सुझावों की समीक्षा कर रही सरकार - उपभोक्ता संरक्षण कानून

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव निधि खरे ने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियमों को अंतिम रूप देने से पहले 'संबंधित पक्ष' की परिभाषा सभी प्रावधानों की ठीक से समीक्षा की जाएगी. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि नियमों को कब तक अंतिम रूप दिया जाएगा.

उपभोक्ता संरक्षण
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Published : Aug 31, 2021, 3:57 PM IST

नई दिल्ली : उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय मसौदा उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियमों के सभी प्रावधानों पर हितधारकों के सुझावों की समीक्षा कर रहा है, जिसमें 'संबंधित पक्ष' की परिभाषा शामिल है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव निधि खरे ने बताया, 'हमें टिप्पणियां मिली हैं. उनकी अभी समीक्षा जारी है.'

उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 में प्रस्तावित प्रमुख संशोधनों में फर्जी फ्लैश सेल, भ्रामक बिक्री पर प्रतिबंध और मुख्य अनुपालन अधिकारी/ शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति शामिल है, जिस पर सरकार ने छह जुलाई तक सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी थीं.

बाद में उद्योग की मांग के चलते मंत्रालय ने उक्त तिथि को 21 जुलाई तक बढ़ा दिया.

खरे ने कहा कि नियमों को अंतिम रूप देने से पहले 'संबंधित पक्ष' की परिभाषा सभी प्रावधानों की ठीक से समीक्षा की जाएगी. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि नियमों को कब तक अंतिम रूप दिया जाएगा.

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव निधि खरे ने जून में कहा था कि उपभोक्ताओं को अधिकतम लाभ देने वाली छूट आधारित बिक्री जारी रहेगी, लेकिन ई-कॉमर्स मंच पर फर्जी फ्लैश सेल नहीं होगी. फ्लैश सेल से आशय भारी छूट के जरिए ग्राहकों को आकर्षित करना है.

यह भी पढ़ें- क्या उपभोक्ता संरक्षण कानून अपने उद्देश्यों को पूरा कर सकता है ?

इसके साथ ही खरे ने कहा था कि ई-कॉमर्स कंपनियों को नियमों के मसौदे के बारे में चिंतित होने की जरूरत नहीं है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि मंत्रालय ई-कॉमर्स मंच पर व्यापार को 'विनियमित नहीं करेगा' और ई-कॉमर्स कंपनियों को नियमों में प्रस्तावित बदलावों को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय मसौदा उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियमों के सभी प्रावधानों पर हितधारकों के सुझावों की समीक्षा कर रहा है, जिसमें 'संबंधित पक्ष' की परिभाषा शामिल है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव निधि खरे ने बताया, 'हमें टिप्पणियां मिली हैं. उनकी अभी समीक्षा जारी है.'

उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 में प्रस्तावित प्रमुख संशोधनों में फर्जी फ्लैश सेल, भ्रामक बिक्री पर प्रतिबंध और मुख्य अनुपालन अधिकारी/ शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति शामिल है, जिस पर सरकार ने छह जुलाई तक सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी थीं.

बाद में उद्योग की मांग के चलते मंत्रालय ने उक्त तिथि को 21 जुलाई तक बढ़ा दिया.

खरे ने कहा कि नियमों को अंतिम रूप देने से पहले 'संबंधित पक्ष' की परिभाषा सभी प्रावधानों की ठीक से समीक्षा की जाएगी. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि नियमों को कब तक अंतिम रूप दिया जाएगा.

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव निधि खरे ने जून में कहा था कि उपभोक्ताओं को अधिकतम लाभ देने वाली छूट आधारित बिक्री जारी रहेगी, लेकिन ई-कॉमर्स मंच पर फर्जी फ्लैश सेल नहीं होगी. फ्लैश सेल से आशय भारी छूट के जरिए ग्राहकों को आकर्षित करना है.

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इसके साथ ही खरे ने कहा था कि ई-कॉमर्स कंपनियों को नियमों के मसौदे के बारे में चिंतित होने की जरूरत नहीं है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि मंत्रालय ई-कॉमर्स मंच पर व्यापार को 'विनियमित नहीं करेगा' और ई-कॉमर्स कंपनियों को नियमों में प्रस्तावित बदलावों को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है.

(पीटीआई-भाषा)

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