नई दिल्ली: व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा पैदा की गई अनुचित प्रतिस्पर्धा की स्थिति के मुद्दे को शुक्रवार को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के समक्ष उठाया.
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा था कि सरकार वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट तथा अमेजन के खिलाफ बाजार बिगाड़ने वाली कीमत के मुद्दे की जांच कर रही है.
कैट के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को सीसीआई के चेयरमैन अशोक कुमार गुप्ता से मुलाकात की और इस मुद्दे को उठाया. इस बैठक में कैट ने गुप्ता को बताया कि ई-कॉमर्स कंपनियां किस तरह से देश के व्यापार को अनैतिक प्रतिस्पर्धा के जाल में फंसा रही हैं और किस प्रकार से ये कंपनियां अपने निवेशकों की मदद से भारी नुकसान के बावजूद भी पिछले कई वर्षों से अपने कारोबारी मॉडल को चला रही हैं.
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कैट ने बयान में बताया कि बैठक में सीसीआई के चेयरमैन ने कहा आयोग देश में एक समान व्यापारिक वातावरण स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है. यदि कोई भी किसी भी तरीके से कीमतों को प्रभावित करते हुए अस्वस्थ व्यापारिक पद्दति अपनाता है तो इस बारे में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने दावा किया कि अमेजन और फ्लिपकार्ट के अनुचित वाणिज्यिक व्यवहार की वजह से दिवाली तक करीब 40,000 मोबाइल बिक्री की दुकानें बंद होने के कगार पर हैं.
खंडेलवाल ने कहा कि एफएमसीजी, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल्स, गिफ्ट आइटम्स, गारमेंट्स, घड़ियां, फुटवियर जैसे अन्य व्यापारिक क्षेत्रों का व्यापार अक्टूबर महीने में लगभग 30 से 40 प्रतिशत गिर गया है. वहीं मोबाइल में यह व्यापार 60 प्रतिशत तक गिरा है.