नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अगले पांच साल तक मवेशियों की बीमारियों के नियंत्रण का पूरा खर्च उठाने के लिए 13,343 करोड़ रुपये को मंजूरी दे दी. विशेष रूप से पशुओं में खुर पका और मुंह पका जैसी बीमारियों (एफएमडी) के उपचार के लिए पहले से मौजूद योजना के तहत इस धनराशि को मंजूरी दी गयी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान मंत्रिमंडल की पहली बैठक में इस बाबत फैसला किया गया. सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि यह योजना कृषक समाज के हित से जुड़ी है.
मवेशियों के टीकाकरण का पूरा खर्च उठाएगी मोदी सरकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान मंत्रिमंडल की पहली बैठक में मवेशियों की बीमारियों के नियंत्रण का पूरा खर्च उठाने के लिए 13,343 करोड़ रुपये को मंजूरी दे दी.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अगले पांच साल तक मवेशियों की बीमारियों के नियंत्रण का पूरा खर्च उठाने के लिए 13,343 करोड़ रुपये को मंजूरी दे दी. विशेष रूप से पशुओं में खुर पका और मुंह पका जैसी बीमारियों (एफएमडी) के उपचार के लिए पहले से मौजूद योजना के तहत इस धनराशि को मंजूरी दी गयी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान मंत्रिमंडल की पहली बैठक में इस बाबत फैसला किया गया. सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि यह योजना कृषक समाज के हित से जुड़ी है.
मवेशियों के टीकाकरण का पूरा खर्च उठाएगी मोदी सरकार, दी 13 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अगले पांच साल तक मवेशियों की बीमारियों के नियंत्रण का पूरा खर्च उठाने के लिए 13,343 करोड़ रुपये को मंजूरी दे दी. विशेष रूप से पशुओं में खुर पका मुंह पका जैसी बीमारियों (एफएमडी) के उपचार के लिए पहले से मौजूद योजना के तहत इस धनराशि को मंजूरी दी गयी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान मंत्रिमंडल की पहली बैठक में इस बाबत फैसला किया गया. सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि यह योजना कृषक समाज के हित से जुड़ी है.
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मंत्री ने कहा, "टीकाकरण के लिए योजना पहले से मौजूद है, जिसके तहत केंद्र और राज्य सरकारें 60:40 के अनुपात में योगदान देती हैं. केंद्र सरकार ने अब पूरा खर्च उठाने का निर्णय किया है."
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने देश में अगले पांच साल में इन बीमारियों पर पूरी तरह से नियंत्रण और उसके बाद उनके उन्मूलन के लिए 13,343 करोड़ रुपये को कोष को मंजूरी दे दी है.
पशुओं में उनके पैरों यानी खुर और मुख से जुड़ी बीमारियां (एफएमडी) और ब्रुसीलोसिस गायों, बैलों, भैंसों, भेड़, बकरियों एवं सुअरों में होने वाले आम रोग हैं.
Conclusion: