नई दिल्ली: वाणिज्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि वस्तु निर्यात प्रोत्साहन योजना (एमईआईएस) के तहत निर्यात प्रोत्साहन निर्यातकों के लिये इस साल 31 दिसंबर तक के लिये ही उपलब्ध होगा. सरकार ने नई योजना ...निर्यात उत्पादों पर शुल्कों और करों से छूट (आरओडीटीईपी) की मंजूरी के बाद इस साल मार्च में कहा था कि नई योजना के क्रियान्वयन के बाद एमईआईएस को चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा.
एमईआईएस योजना के तहत सरकार उत्पाद और देश के आधार पर शुल्क लाभ उपलब्ध कराती है. योजना के तहत लाभ वस्तु मूल्य (एफओबी) के प्रतिशत के रूप में दिया जाता है. एमईआईएस अपने नाम जमा शुल्क-सीद को किसी को हस्तांरतित या सवयं मूल सीमा शुल्क समेत विभिन्न शुल्कों के भुगतान में इस्तमाल कर सकती है.
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक नोटिस में कहा, "यह स्पष्ट किया जाता है कि ....एमईआईएस योजना के तहत मौजूदा सूचीबद्ध जिंसों/शुल्क/एचएस कोड के लिये लाभ इस साल 31 दिसंबर तक के लिये उपलब्ध होगा."
इसमें कहा गया है कि मंत्रिमंडल ने आरओडीटीईपी योजना को मंजूरी दे दी है और यह एमईआईएस का स्थान लेगा. महानिदेशालय के अनुसार इस निर्णय के बाद उसे व्यापार से जुड़े सदस्यों से कई सवाल मिले हैं कि विदेश व्यापार नीति के तहत 31 मार्च 2020 के बाद किस प्रकार से एमईआईएस का लाभ मिलेगा क्योंकि इस योजना के एक साल के लिये 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया था.
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नोटिस में कहा गया है कि 31 दिसंबर 2020 से पहले अगर किसी जिंस या उत्पाद का मूल्य आरओडीटीईपी के तहत तय किया जाता है, उन उत्पादों को एमईआइ्रएस का लाभ नहीं मिलेगा. इसमें कहा गया है कि आरओडीटीईपी के बारे में विस्तृत जानकारी राजस्व विभाग के साथ विचार-विमर्श कर अधिसूचित की जाएगी.
(पीटीआई-भाषा)