नई दिल्ली: मारुति सुजुकी, हुंडई, महिंद्रा और महिंद्रा सहित प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियों ने शनिवार को अपनी जुलाई की बिक्री में गिरावट दर्ज की है. दूसरी ओर एमजी मोटर इंडिया ने कहा कि उसकी खुदरा बिक्री में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
जुलाई में मारुति की घरेलू बाजार में बिक्री बढ़ी, निर्यात घटा
कंपनी ने शनिवार को बयान में कहा कि घरेलू बाजार में उसकी बिक्री हालांकि 1.3 प्रतिशत बढ़कर 1,01,307 इकाई पर पहुंच गई. जुलाई, 2019 में यह आंकड़ा 1,00,006 इकाई का रहा था.
जुलाई में कंपनी की मिनी कारों...आल्टो तथा वैगन-आर की बिक्री 49.1 प्रतिशत बढ़कर 17,258 इकाई पर पहुंच गई, जो पिछले साल के समान महीने में 11,577 इकाई रही थी.
हालांकि, कंपनी की कॉम्पैक्ट कारों...स्विफ्ट, सेलेरियो, इग्निस, बलेनो और डिजायर की बिक्री इस दौरान 10.4 प्रतिशत घटकर 51,529 इकाई रह गई, जो एक साल पहले 57,512 इकाई रही थी. मध्यम आकार की सेडान सियाज की बिक्री घटकर 2,397 इकाई से 1,303 इकाई रह गई.
हालांकि, कंपनी के यूटिलिटी वाहनों...विटारा ब्रेजा, एस-क्रॉस और एर्टिगा की बिक्री 26.3 प्रतिशत बढ़कर 19,177 इकाई पर पहुंच गई, जो जुलाई, 2019 में 15,178 इकाई रही थी.
जुलाई महीने में कंपनी का निर्यात 27 प्रतिशत घटकर 6,757 इकाई रह गया. एक साल पहले समान महीने में कंपनी ने 9,258 वाहनों का निर्यात किया था.
एमजी मोटर की खुदरा बिक्री जुलाई में 40 प्रतिशत बढ़ी
एमजी मोटर इंडिया की खुदरा बिक्री जुलाई में 40 प्रतिशत बढ़कर 2,105 इकाई पर पहुंच गई. पिछले साल समान महीने में कंपनी ने 1,508 वाहन बेचे थे.
एमजी मोटर इंडिया के निदेशक-बिक्री राकेश सिदाना ने कहा, "कुल बाजार माहौल विभिन्न चरणों में लॉकडाउन की वजह से अनिश्चित बना हुआ है. विशेषरूप से चेन्नई क्षेत्र से कलपुर्जों की आपूर्ति प्रभावित हुई है."
उन्होंने कहा कि चुनौतियों के बावजूद जुलाई में उत्पादन जून के बराबर रहा है. कंपनी को उम्मीद है कि त्योहारी सीजन में स्थिति सुधरेगी.
टोयोटा किर्लोस्कर की बिक्री जुलाई में 48 प्रतिशत घटकर 5,386 इकाई पर
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) की घरेलू बाजार में बिक्री जुलाई माह में 48.32 प्रतिशत घटकर 5,386 इकाई रह गई. पिछले साल समान महीने में कंपनी ने घरेलू बाजार में 10,423 वाहन बेचे थे. जून में घरेलू बाजार में कंपनी की बिक्री 3,866 इकाई रही थी.
टीकेएम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (बिक्री एवं सेवा) नवीन सोनी ने बयान में कहा, "कई तरह की चुनौतियों के बावजूद जुलाई में कंपनी की खुदरा और थोक बिक्री जून की तुलना में बेहतर रही है."
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उन्होंने कहा कि अनलॉक के बाद जून पहला महीना रहा था. इसमें मांग फिर उबरी तथा खुदरा बिक्री अच्छी रही. इसकी वजह ग्राहकों के लंबित ऑर्डर तथा दबी मांग थी.
उन्होंने कहा कि पिछले महीने बेंगलुरु में लॉकडाउन की वजह से कंपनी को अस्थायी रूप से चार दिन के लिए अपना संयंत्र बंद करना पड़ा. इस वजह से उत्पादन भी तय योजना से कम रहा.
हुंदै की बिक्री जुलाई में 28 प्रतिशत घटी
हुंदै मोटर इंडिया लि. (एचएमआईएल) की कुल बिक्री जुलाई महीने में 28 प्रतिशत घटकर 41,300 इकाई रह गई. पिछले साल के समान महीने में कंपनी ने 57,310 वाहन बेचे थे.
कंपनी ने शनिवार को बयान में कहा कि घरेलू बाजार में उसकी बिक्री दो प्रतिशत घटकर 38,200 इकाई रह गई, जो जुलाई, 2019 में 39,010 वाहन रही थी. इसी तरह कंपनी का निर्यात 83 प्रतिशत घटकर 3,100 इकाई रह गया. पिछले साल के समान महीने में कंपनी ने 18,300 वाहनों का निर्यात किया था.
एचएमआईएल के निदेशक (बिक्री, विपणन एवं सेवा) तरुण गर्ग ने कहा कि कंपनी देश की अर्थव्यवस्था को उबारने में कुछ योगदान देने में सफल रही है. जुलाई में कंपनी की बिक्री में मुख्य रूप से नई क्रेटा एसयूवी, वेन्यू और नई वेरना तथा कॉम्पैक्ट कारों इलिट आई10 तथा नियोस का योगदान रहा.
जुलाई में महिंद्रा एंड महिंद्रा की बिक्री 36 प्रतिशत घटी
महिंद्रा एंड महिंद्रा की बिक्री जुलाई में 36 प्रतिशत घटकर 25,678 इकाई रह गई. इससे पिछले साल के समान महीने में कंपनी ने 40,142 वाहन बेचे थे.
कंपनी ने शनिवार को बयान में कहा कि जुलाई में घरेलू बाजार में उसकी बिक्री 35 प्रतिशत घटकर 24,211 इकाई रह गई, जो जुलाई, 2019 में 37,474 इकाई रही थी. समीक्षाधीन महीने में कंपनी का निर्यात 45 प्रतिशत घटकर 1,467 इकाई रहा, जो एक साल पहले समान महीने में 2,668 इकाई रहा था.
यात्री वाहन खंड (यूटिलिटी वाहन, कार और वैन) में कंपनी की बिक्री 34 प्रतिशत घटकर 11,025 इकाई रह गई, जो एक साल पहले समान महीने में 16,831 इकाई रही थी. वाणिज्यिक वाहन खंड में कंपनी की बिक्री 18 प्रतिशत घटकर 15,969 इकाई से 13,103 इकाई पर आ गई.
महिंद्रा एंड महिंद्रा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (ऑटोमोटिव खंड) विजय राम नाकरा ने कहा, "हमारी कुल वाहन बिक्री में वृद्धि का रुख दिखने लगा है. मांग में लगातार सुधार हो रहा है. विशेषरूप से ग्रामीण और अर्द्धशहरी क्षेत्रों की मांग अच्छी है."
(पीटीआई रिपोर्ट)