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अडाणी समूह खरीद सकता है मुंबई हवाईअड्डे की 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी - अडाणी समूह

मामले से जुड़े दो सूत्रों ने बताया कि अडाणी समूह मायल में जीवीके समूह की 50.5 प्रतिशत और एयरपोर्ट्स कंपनी साउथ अफ्रीका और बिडवेस्ट समूह जैसे अन्य अल्पांश शेयरधारकों की 23.5 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद सकती है.

अडाणी समूह खरीद सकता है मुंबई हवाईअड्डे की 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी
अडाणी समूह खरीद सकता है मुंबई हवाईअड्डे की 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी
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Published : Aug 24, 2020, 7:49 PM IST

नई दिल्ली: अडाणी समूह मुंबई हवाईअड्डे की परिचालक कंपनी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (मायल) में जीवीके सूमह और उसकी अन्य सहयोगियों की हिस्सेदारी खरीदने को लेकर बातचीत कर रहा है. उद्योगपति गौतम अडाणी के अडाणी समूह का लक्ष्य देश की सबसे बड़ी हवाईअड्डा परिचालक कंपनी बनना है.

मामले से जुड़े दो सूत्रों ने बताया कि अडाणी समूह मायल में जीवीके समूह की 50.5 प्रतिशत और एयरपोर्ट्स कंपनी साउथ अफ्रीका और बिडवेस्ट समूह जैसे अन्य अल्पांश शेयरधारकों की 23.5 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद सकती है.

हालांकि अडाणी समूह और जीवीके समूह दोनों के प्रवक्ताओं ने इस बारे में कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया है. अडाणी समूह ने मार्च 2019 में दक्षिण अफ्रीका की बिडवेस्ट कंपनी की 13.5 प्रतिशत हिस्सेदारी 1,248 करोड़ रुपये खरीदने पर सहमति जतायी थी.

इस सौदे को जीवीके समूह ने अपने पहले इनकार का अधिकार यानी हिस्सेदारी खरीद पर पहले अधिकार के प्रावधान का उपयोग करते हुए मना कर दिया था. लेकिन जीवीके इस हिस्सेदारी की खरीद के लिए पैसे नहीं जुटा सका और मामला अदालत चला गया.

सूत्रों के मुताबिक जीवीके समूह की वित्तीय हालत सही नहीं है. ऐसे में अडाणी समूह को हिस्सेदारी बेचने पर विचार किया जा रहा है. बंदरगाह क्षेत्र में मजबूत पकड़ बनाने के बाद अडाणी समूह हवाईअड्डों पर दांव लगा रहा है.

ये भी पढ़ें: ड्राइविंग लाइसेंस व वाहनों के दस्तावेज 31 दिसंबर तक वैध माने जाएंगे

समूह को हाल ही में छह हवाईअड्डों के परिचालन का ठेका मिला है. इसमें लखनऊ, जयपुर, गुवाहाटी, अहमदाबाद, तिरुवनंतपुरम और मैंगलोर शामिल हैं. समूह की नजर अब देश के दूसरे सबसे व्यस्त हवाईअड्डे पर है.

सूत्रों का कहना है कि इसे लेकर पहले दौर की बातचीत हो चुकी है और संभव है कि हैदराबाद की जीवीके मायल से बाहर हो जाए.

मायल में एयरपोर्ट्स कंपनी साउथ अफ्रीका की 10 प्रतिशत और शेष 26 प्रतिशत हिस्सेदारी भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: अडाणी समूह मुंबई हवाईअड्डे की परिचालक कंपनी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (मायल) में जीवीके सूमह और उसकी अन्य सहयोगियों की हिस्सेदारी खरीदने को लेकर बातचीत कर रहा है. उद्योगपति गौतम अडाणी के अडाणी समूह का लक्ष्य देश की सबसे बड़ी हवाईअड्डा परिचालक कंपनी बनना है.

मामले से जुड़े दो सूत्रों ने बताया कि अडाणी समूह मायल में जीवीके समूह की 50.5 प्रतिशत और एयरपोर्ट्स कंपनी साउथ अफ्रीका और बिडवेस्ट समूह जैसे अन्य अल्पांश शेयरधारकों की 23.5 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद सकती है.

हालांकि अडाणी समूह और जीवीके समूह दोनों के प्रवक्ताओं ने इस बारे में कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया है. अडाणी समूह ने मार्च 2019 में दक्षिण अफ्रीका की बिडवेस्ट कंपनी की 13.5 प्रतिशत हिस्सेदारी 1,248 करोड़ रुपये खरीदने पर सहमति जतायी थी.

इस सौदे को जीवीके समूह ने अपने पहले इनकार का अधिकार यानी हिस्सेदारी खरीद पर पहले अधिकार के प्रावधान का उपयोग करते हुए मना कर दिया था. लेकिन जीवीके इस हिस्सेदारी की खरीद के लिए पैसे नहीं जुटा सका और मामला अदालत चला गया.

सूत्रों के मुताबिक जीवीके समूह की वित्तीय हालत सही नहीं है. ऐसे में अडाणी समूह को हिस्सेदारी बेचने पर विचार किया जा रहा है. बंदरगाह क्षेत्र में मजबूत पकड़ बनाने के बाद अडाणी समूह हवाईअड्डों पर दांव लगा रहा है.

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समूह को हाल ही में छह हवाईअड्डों के परिचालन का ठेका मिला है. इसमें लखनऊ, जयपुर, गुवाहाटी, अहमदाबाद, तिरुवनंतपुरम और मैंगलोर शामिल हैं. समूह की नजर अब देश के दूसरे सबसे व्यस्त हवाईअड्डे पर है.

सूत्रों का कहना है कि इसे लेकर पहले दौर की बातचीत हो चुकी है और संभव है कि हैदराबाद की जीवीके मायल से बाहर हो जाए.

मायल में एयरपोर्ट्स कंपनी साउथ अफ्रीका की 10 प्रतिशत और शेष 26 प्रतिशत हिस्सेदारी भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की है.

(पीटीआई-भाषा)

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