नई दिल्ली : भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने अडाणी समूह को जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट का प्रबंधन संभालने के लिए तीन महीने का विस्तार दिया है. सूत्रों ने ईटीवी भारत को यह जानकारी दी. निजीकरण के तहत इन तीनों एयरपोर्ट का संचालन अडाणी समहू को मिला है.
बता दें कि एक दिन पहले ही अडाणी समूह की कंपनी अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (एएएचएल) ने मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) का प्रबंधन संभाला है. एएएचएल के पास अब एमआईएएल की 74% हिस्सेदारी है.
सूत्रों ने कहा कि अडाणी समूह द्वारा मुंबई एयरपोर्ट का अधिग्रहण करना आसान था, क्योंकि इसमें पहले से ही सभी जरूरी सुविधाएं थीं. जबकि अन्य हवाईअड्डे जो सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के माध्यम से दिए जाने हैं, उन्हें बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता है और इसमें कुछ लॉजिस्टिक मुद्दे भी हैं, जिनके लिए समय की आवश्यकता होती है.
अडाणी समूह ने मंगलवार को कहा था कि वह अगले एक महीने में नवी मुंबई एयरपोर्ट पर काम शुरू करेगा और अगले 90 दिनों में सभी वित्तीय अनुबंधों को पूरा करेगा. इस नए अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा का संचालन साल 2024 से शुरू होने का लक्ष्य रखा गया है.
सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण विमानन क्षेत्र में व्यवधान का हवाला देते हुए, अडाणी समूह ने जून में एएआई से भुगतान की समय सीमा को छह महीने के लिए स्थगित करने के लिए अप्रत्याशित घटना (force majeure) को लागू करने को कहा था.
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अप्रत्याशित घटना अनुबंधों में एक सामान्य खंड है जो अनिवार्य रूप से दोनों पक्षों को दायित्व से मुक्त करता है, जब कोई असाधारण घटना या परिस्थिति पार्टियों के नियंत्रण से बाहर हो. जैसे- युद्ध, दंगे, महामारी, तूफान, बाढ़ या भूकंप आदि, एक या दोनों पक्षों को अनुबंध के तहत अपने दायित्वों को पूरा करने से रोकते हैं.
19 जनवरी को, अडाणी समूह ने 50 वर्षों के लिए जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम हवाईअड्डों के संचालन, विकास और प्रबंधन के लिए AAI के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे. शर्तों के अनुसार, अडाणी समूह को अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के छह महीने के भीतर हवाई अड्डे का अधिग्रहण करना था.