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केरल तट से 52 दिनों तक दूर रहेंगे मछली पकड़ने वाले 5 हजार जहाज, कारोबार पर पड़ेगा असर - Business News

ट्रॉलरों को केरल के तटीय जल से कम से कम 12 समुद्री मील दूर रखना होगा. हालांकि, 1988 के बाद से प्रतिवर्ष लगाए जाने वाला यह प्रतिबंध पारंपरिक मछुआरों पर लागू नहीं होगा.

केरल तट से 52 दिनों तक दूर रहेंगे मछली पकड़ने वाले 5 हजार जहाज, कारोबार पर पड़ेगा असर
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Published : Jun 9, 2019, 3:31 PM IST

तिरुवनंतपुरम: केरल के तट पर 52 दिन की पाबंदी रविवार मध्यरात्रि से शुरू होगी, जिसमें करीब 5,000 मछली पकड़ने वाले जहाजों (ट्रॉलर) को तट के पास रहने से रोक जाएगा क्योंकि इनकी मौजूदगी से मछलियों की प्रजनन प्रक्रिया में बाधा आ सकती है.

अधिकारी ने कहा, "इन नियमों को तोड़ने वाली किसी भी नाव पर 2 लाख 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा."

ये भी पढ़ें- बजट 2019: सुझावों के लिए अर्थशास्त्रियों और उद्योग मंडलों से मिलेंगी वित्त मंत्री

31 जुलाई की आधी रात को प्रतिबंध हटाए जाने तक, ट्रॉलरों को केरल के तटीय जल से कम से कम 12 समुद्री मील दूर रखना होगा. हालांकि, 1988 के बाद से प्रतिवर्ष लगाए जाने वाला यह प्रतिबंध पारंपरिक मछुआरों पर लागू नहीं होगा.

राज्य सरकार के एक मत्स्य अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि तटीय जल में मछली पकड़ने वालों (ट्रॉलरों) पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह वह समय है जब मछलियां प्रजनन करती हैं और उस प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी समुद्री धन को नष्ट करती है.

तटीय राज्य केरल में प्रतिबंध के परिणामस्वरूप मछली की कीमत बढ़ जाएगी. केरल में 200 से अधिक गांव समुद्र में मछली पकड़ने का कार्य करते हैं. यहां सात लाख से अधिक मछुआरे रहते हैं.

तिरुवनंतपुरम: केरल के तट पर 52 दिन की पाबंदी रविवार मध्यरात्रि से शुरू होगी, जिसमें करीब 5,000 मछली पकड़ने वाले जहाजों (ट्रॉलर) को तट के पास रहने से रोक जाएगा क्योंकि इनकी मौजूदगी से मछलियों की प्रजनन प्रक्रिया में बाधा आ सकती है.

अधिकारी ने कहा, "इन नियमों को तोड़ने वाली किसी भी नाव पर 2 लाख 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा."

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31 जुलाई की आधी रात को प्रतिबंध हटाए जाने तक, ट्रॉलरों को केरल के तटीय जल से कम से कम 12 समुद्री मील दूर रखना होगा. हालांकि, 1988 के बाद से प्रतिवर्ष लगाए जाने वाला यह प्रतिबंध पारंपरिक मछुआरों पर लागू नहीं होगा.

राज्य सरकार के एक मत्स्य अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि तटीय जल में मछली पकड़ने वालों (ट्रॉलरों) पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह वह समय है जब मछलियां प्रजनन करती हैं और उस प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी समुद्री धन को नष्ट करती है.

तटीय राज्य केरल में प्रतिबंध के परिणामस्वरूप मछली की कीमत बढ़ जाएगी. केरल में 200 से अधिक गांव समुद्र में मछली पकड़ने का कार्य करते हैं. यहां सात लाख से अधिक मछुआरे रहते हैं.

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केरल तट से 52 दिनों तक दूर रहेंगे मछली पकड़ने वाले 5 हजार जहाज

तिरुवनंतपुरम: केरल के तट पर 52 दिन की पाबंदी रविवार मध्यरात्रि से शुरू होगी, जिसमें करीब 5,000 मछली पकड़ने वाले जहाजों (ट्रॉलर) को तट के पास रहने से रोक जाएगा क्योंकि इनकी मौजूदगी से मछलियों की प्रजनन प्रक्रिया में बाधा आ सकती है.

अधिकारी ने कहा, "इन नियमों को तोड़ने वाली किसी भी नाव पर 2 लाख 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा."

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31 जुलाई की आधी रात को प्रतिबंध हटाए जाने तक, ट्रॉलरों को केरल के तटीय जल से कम से कम 12 समुद्री मील दूर रखना होगा. हालांकि, 1988 के बाद से प्रतिवर्ष लगाए जाने वाला यह प्रतिबंध पारंपरिक मछुआरों पर लागू नहीं होगा.

राज्य सरकार के एक मत्स्य अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि तटीय जल में मछली पकड़ने वालों (ट्रॉलरों) पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह वह समय है जब मछलियां प्रजनन करती हैं और उस प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी समुद्री धन को नष्ट करती है.

तटीय राज्य केरल में प्रतिबंध के परिणामस्वरूप मछली की कीमत बढ़ जाएगी. केरल में 200 से अधिक गांव समुद्र में मछली पकड़ने का कार्य करते हैं. यहां सात लाख से अधिक मछुआरे रहते हैं.


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