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नई सरकार के लिए 100 दिवसीय एजेंडा: डीपीआईआईटी का राष्ट्रीय खुदरा नीति बनाने का प्रस्ताव - राष्ट्रीय खुदरा नीति

फरवरी में, घरेलू एवं आंतरिक व्यापार विषय को उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय से लेकर डीपीआईआईटी को दे दिया गया है. मंत्रालय तेजी से उभरते खुदरा क्षेत्र को विनियमित करने के लिए नोडल एजेंसी थी.

नई सरकार के लिए 100 दिवसीय एजेंडा: डीपीआईआईटी का राष्ट्रीय खुदरा नीति बनाने का प्रस्ताव
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Published : May 29, 2019, 7:57 PM IST

नई दिल्ली: उद्योग एवं आतंरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने घरेलू व्यापार वृद्धि का समर्थन करने के लिए राष्ट्रीय खुदरा नीति बनाने का प्रस्ताव किया है. एक अधिकारी ने यह बात कही. विभाग ने नई सरकार के लिए 100 दिवसीय कार्य योजना तैयार की है. यह प्रस्ताव उसी का हिस्सा है. डीपीआईआईटी, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन काम करता है.

अधिकारी ने कहा, "खुदरा क्षेत्र के विकास का समर्थन करने के लिए राष्ट्रीय खुदरा नीति बनाई जाएगी. इससे 6.5 करोड़ छोटे कारोबारियों को लाभ होगा."

ये भी पढ़े: छोटे उद्यमियों को बिल, लेखा-जोखा बनाने का साफ्टवेयर मुफ्त में उपलब्ध करा रहा है जीएसटीएन

फरवरी में, घरेलू एवं आंतरिक व्यापार विषय को उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय से लेकर डीपीआईआईटी को दे दिया गया है. मंत्रालय तेजी से उभरते खुदरा क्षेत्र को विनियमित करने के लिए नोडल एजेंसी थी.

अधिकारी ने कहा कि, विभाग पहले से ई-वाणिज्य पर दिशानिर्देश तैयार करने की प्रक्रिया में है. ऐसे में वाणिज्य मंत्रालय को खुदरा व्यापार के लिए मानदंडों के साथ बाहर आना उचित होगा.

उन्होंने कहा कि खुदरा व्यापार के लिए नीति बनाते समय राज्य सरकारों समेत सभी हितधारकों के मत लिए जाएंगे क्योंकि खुदरा कारोबार दुकान एवं स्थापना अधिनियम द्वारा भी शासित होता है. इनका क्रियान्वयन राज्य सरकारें करती हैं.

नई दिल्ली: उद्योग एवं आतंरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने घरेलू व्यापार वृद्धि का समर्थन करने के लिए राष्ट्रीय खुदरा नीति बनाने का प्रस्ताव किया है. एक अधिकारी ने यह बात कही. विभाग ने नई सरकार के लिए 100 दिवसीय कार्य योजना तैयार की है. यह प्रस्ताव उसी का हिस्सा है. डीपीआईआईटी, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन काम करता है.

अधिकारी ने कहा, "खुदरा क्षेत्र के विकास का समर्थन करने के लिए राष्ट्रीय खुदरा नीति बनाई जाएगी. इससे 6.5 करोड़ छोटे कारोबारियों को लाभ होगा."

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फरवरी में, घरेलू एवं आंतरिक व्यापार विषय को उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय से लेकर डीपीआईआईटी को दे दिया गया है. मंत्रालय तेजी से उभरते खुदरा क्षेत्र को विनियमित करने के लिए नोडल एजेंसी थी.

अधिकारी ने कहा कि, विभाग पहले से ई-वाणिज्य पर दिशानिर्देश तैयार करने की प्रक्रिया में है. ऐसे में वाणिज्य मंत्रालय को खुदरा व्यापार के लिए मानदंडों के साथ बाहर आना उचित होगा.

उन्होंने कहा कि खुदरा व्यापार के लिए नीति बनाते समय राज्य सरकारों समेत सभी हितधारकों के मत लिए जाएंगे क्योंकि खुदरा कारोबार दुकान एवं स्थापना अधिनियम द्वारा भी शासित होता है. इनका क्रियान्वयन राज्य सरकारें करती हैं.

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नई दिल्ली: उद्योग एवं आतंरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने घरेलू व्यापार वृद्धि का समर्थन करने के लिए राष्ट्रीय खुदरा नीति बनाने का प्रस्ताव किया है. एक अधिकारी ने यह बात कही. विभाग ने नई सरकार के लिए 100 दिवसीय कार्य योजना तैयार की है. यह प्रस्ताव उसी का हिस्सा है. डीपीआईआईटी, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन काम करता है.

अधिकारी ने कहा, "खुदरा क्षेत्र के विकास का समर्थन करने के लिए राष्ट्रीय खुदरा नीति बनाई जाएगी. इससे 6.5 करोड़ छोटे कारोबारियों को लाभ होगा."

फरवरी में, घरेलू एवं आंतरिक व्यापार विषय को उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय से लेकर डीपीआईआईटी को दे दिया गया है. मंत्रालय तेजी से उभरते खुदरा क्षेत्र को विनियमित करने के लिए नोडल एजेंसी थी.

अधिकारी ने कहा कि, विभाग पहले से ई-वाणिज्य पर दिशानिर्देश तैयार करने की प्रक्रिया में है. ऐसे में वाणिज्य मंत्रालय को खुदरा व्यापार के लिए मानदंडों के साथ बाहर आना उचित होगा.

उन्होंने कहा कि खुदरा व्यापार के लिए नीति बनाते समय राज्य सरकारों समेत सभी हितधारकों के मत लिए जाएंगे क्योंकि खुदरा कारोबार दुकान एवं स्थापना अधिनियम द्वारा भी शासित होता है. इनका क्रियान्वयन राज्य सरकारें करती हैं.

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