नई दिल्ली/नोएडा: पिछले 13 दिन से लगातार नोएडा के सेक्टर 14ए स्थित चिल्ला बॉर्डर पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन भानु के पदाधिकारियों की बैठक शनिवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ हुई. बैठक के बाद किसान यूनियन ने नोएडा से दिल्ली जाने वाले रास्ते को खोल दिया और नोएडा से दिल्ली और दिल्ली से नोएडा जाने वाले रास्ते के बीच में धरने पर बैठे हुए है. इसी बीच किसान यूनियन भानु के पदाधिकारियों की अपनी बैठक हुई जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुछ नीतियों से नाखुश होकर दो राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने इस्तीफा देकर धरने से चले गए हैंं.
नाराज़ पदाधिकारियों ने दिया इस्तीफा
13 दिन चिल्ला बॉर्डर पर किसानों की मांग और कृषि कानून का विरोध भारतीय किसान यूनियन भानु के बैनर तले करने वाले दो यूनियन के राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने रविवार को इस्तीफा देकर धरने से चले गए. इस्तीफा देने वालों में किसान यूनियन भानु के राष्ट्रीय महासचिव महेंद्र सिंह चौरौली और राष्ट्रीय प्रवक्ता सतीश चौधरी है. दोनों पदाधिकारियों ने अपने सोशल नेटवर्किंग साइट पर लिखा है कि 'भारतीय किसान यूनियन भानु के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा लिए गए निर्णय से आहत हूं, जिस प्रकार कल भानु संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जो निर्णय लिया था वह किसानों के खिलाफ है. मैं इस निर्णय से दुखी हूं मैं इस निर्णय को किसान कौम के स्वाभिमान के खिलाफ गद्दारी मानता हूं ,मैं भारतीय किसान यूनियन भानु संगठन से त्यागपत्र देता हूं 'यह बातें महेंद्र सिंह चौरौली जोकि यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव थे उन्होंने लिखी हैं.
जबकि यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता सतीश चौधरी ने लिखा है कि 'भारतीय किसान यूनियन भानु के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा लिए गए निर्णय से आहत हूं , इस निर्णय को किसान कौम के सामान के खिलाफ गद्दारी मानता हूं. अतः में भारतीय किसान यूनियन भानु से त्यागपत्र देता हूं'. इन दोनों वरिष्ठ पदाधिकारियों के त्यागपत्र देने के बाद भी धरना चल रहा है. दोनों पदाधिकारियों के त्यागपत्र देने के संबंध में किसान यूनियन भानु के अन्य पदाधिकारियों पूछ गया तो उनका ढुलमुल जवाब मिला.
किसान यूनियन भानु के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का कहना
भारतीय किसान यूनियन भानु के राष्ट्रीय महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता के इस्तीफा दिए जाने के संबंध में जब किसान यूनियन भानू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अजब सिंह कसाना ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि इस्तीफा देने वाले दोनों पदाधिकारी पूर्व में किसान यूनियन टिकैत गुट में पदाधिकारी थे. कुछ महीने पूर्व ही वह किसान यूनियन भानु में आए और सीनियर पद पर पदाधिकारी बनाए गए. उन दोनों लोगों द्वारा इस्तीफा किसी बहकावे में आकर दिया गया है. यूनियन की तरफ से कोई मतभेद नहीं है वह अपनी मर्जी से गए हैं, कोई दबाव यूनियन में उनके ऊपर नहीं था. दोनों लोगों द्वारा लगाए जा रहे आरोप निराधार है.