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नेशनल डेंगू डे: बीमारी से बचाव के लिए जानिए एम्स के डॉक्टर की सलाह - health

नेशनल डेंगू डे पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टर आशुतोष विश्वास से ईटीवी भारत ने की खास बातचीत.

नेशनल डेंगू डे
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Published : May 16, 2019, 3:31 PM IST

नई दिल्ली: डेंगू एक ऐसी बीमारी है जो थोड़ी-सी लापरवाही के चलते गंभीर रूप से आपको बीमार कर सकती है. भारत में हर साल डेंगू से करीब 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है. वहीं, अगर मरीजों की बात करे तो यह आंकड़ा एक लाख से भी ज्यादा पहुंच जाता है.

नेशनल डेंगू डे पर ईटीवी भारत ने की खास बातचीत

आज नेशनल डेंगू डे है तो इस बाबत अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर डॉक्टर आशुतोष विश्वास से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.

ऐसे पनपता है डेंगू
डॉ. आशुतोष विश्वास ने बताया कि डेंगू के पनपने का मुख्य कारण यह है कि सात दिन से ज्यादा पानी के जमा होने से यह बिमारी पनपती है. देखा गया है कि गर्मी के दिनों में जिस तरीके से पानी की किल्लत होती है और लोग अपने उपयोग के लिए कई-कई दिनों तक पानी को इकट्ठा करके रखते हैं.

इस बाबत डेंगू उन साफ पानी में पनपने लगता है जिसके बाद से मच्छर काफी मात्रा में पनपने लगते हैं. उन्होंने बताया कि एक कप पानी में हजार से ज्यादा डेंगू का लारवा बनता हैं इसलिए बेहतर होगा कि आप सात दिन तक अगर आपके यहां किसी बर्तन में पानी जमा है तो उसे बदलते रहिए.

जून से लेकर नवंबर तक रहता है असर
डॉक्टर ने बताया कि डेंगू होने का सबसे ज्यादा असर जून माह से शुरू होता है और यह नवंबर अंत तक चलता है. उन्होंने बताया कि गर्मियों के दिन में लोग पानी को इकट्ठा करते हैं और इसके बाद बारिश शुरू होने लगती है, तभी आसपास के एरिया में पानी इकट्ठा होता है और उससे डेंगू के मच्छर पनपने लगते है. इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने आस-पास के इलाके में साफ-सफाई रखें.

जानिए डेंगू के क्या है मुख्य लक्षण
डॉक्टर ने डेंगू होने के लक्षणों के बारे में बताया कि तेज बुखार का होना, पेट में दर्द या उल्टी होना, आंख के पिछले हिस्से में दर्द होना, शरीर में चकत्ते पड़ना, और कई बार नाक और मुंह से खून निकलना ही डेंगू के मुख्य लक्षण होते है. इसलिए अगर आप को इनमें से कोई भी परेशानी होती है तो बेहतर होगा कि आप जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाकर इलाज कराएं.

डेंगू पर रोक लगाने के प्रयास
डॉ. आशुतोष विश्वास ने बताया कि डेंगू एक बेहद ही घातक बीमारी है. इसलिए जरूरी है कि हमें उचित कदम उठाने चाहिए. इसमें न केवल सरकार और स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है बल्कि आम जनता को भी इसमें सहयोग देना चाहिए.


उन्होंने बताया कि अस्पताल प्रबंधन की बात की जाए तो इसमें डायग्नोस्टिक सेंटर, डेंगू कॉर्नर, ब्लड बैंक, डॉक्टरों की स्पेशल टीम होना बेहद जरूरी है. खासकर सीजन के समय में डेंगू के मरीजों के लिए विशेष सुविधाएं दी जाएं जिससे कि उनका बेहतर उपचार हो सके.

क्या कहते हैं आकड़े
आंकड़ों की माने तो 2018 में 11192 मामले डेंगू के सामने आए थे, जिसमें 172 लोगों की मौत हुई थी. वहीं 2019 में अब तक की बात करें तो 4364 मामले सामने आ चुके हैं और इसमें तीन लोगों की मौत हो चुकी है.

फिलहाल नेशनल डेंगू डे पर डॉक्टर का कहना है कि बेहतर होगा कि आप अपने इलाके में ज्यादा से ज्यादा सफाई रखें और गर्मी के समय में जिस तरीके से आप पानी को इकट्ठा करके रखते हैं उससे जरूर बचें अगर आपको पानी इकट्ठा करना बेहद ही जरूरी है तो तीन दिन के अंदर पानी को अवश्य बदल लें. जिससे कि डेंगू जैसी घातक बीमारी से बचा जा सकता है.

नई दिल्ली: डेंगू एक ऐसी बीमारी है जो थोड़ी-सी लापरवाही के चलते गंभीर रूप से आपको बीमार कर सकती है. भारत में हर साल डेंगू से करीब 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है. वहीं, अगर मरीजों की बात करे तो यह आंकड़ा एक लाख से भी ज्यादा पहुंच जाता है.

नेशनल डेंगू डे पर ईटीवी भारत ने की खास बातचीत

आज नेशनल डेंगू डे है तो इस बाबत अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर डॉक्टर आशुतोष विश्वास से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.

ऐसे पनपता है डेंगू
डॉ. आशुतोष विश्वास ने बताया कि डेंगू के पनपने का मुख्य कारण यह है कि सात दिन से ज्यादा पानी के जमा होने से यह बिमारी पनपती है. देखा गया है कि गर्मी के दिनों में जिस तरीके से पानी की किल्लत होती है और लोग अपने उपयोग के लिए कई-कई दिनों तक पानी को इकट्ठा करके रखते हैं.

इस बाबत डेंगू उन साफ पानी में पनपने लगता है जिसके बाद से मच्छर काफी मात्रा में पनपने लगते हैं. उन्होंने बताया कि एक कप पानी में हजार से ज्यादा डेंगू का लारवा बनता हैं इसलिए बेहतर होगा कि आप सात दिन तक अगर आपके यहां किसी बर्तन में पानी जमा है तो उसे बदलते रहिए.

जून से लेकर नवंबर तक रहता है असर
डॉक्टर ने बताया कि डेंगू होने का सबसे ज्यादा असर जून माह से शुरू होता है और यह नवंबर अंत तक चलता है. उन्होंने बताया कि गर्मियों के दिन में लोग पानी को इकट्ठा करते हैं और इसके बाद बारिश शुरू होने लगती है, तभी आसपास के एरिया में पानी इकट्ठा होता है और उससे डेंगू के मच्छर पनपने लगते है. इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने आस-पास के इलाके में साफ-सफाई रखें.

जानिए डेंगू के क्या है मुख्य लक्षण
डॉक्टर ने डेंगू होने के लक्षणों के बारे में बताया कि तेज बुखार का होना, पेट में दर्द या उल्टी होना, आंख के पिछले हिस्से में दर्द होना, शरीर में चकत्ते पड़ना, और कई बार नाक और मुंह से खून निकलना ही डेंगू के मुख्य लक्षण होते है. इसलिए अगर आप को इनमें से कोई भी परेशानी होती है तो बेहतर होगा कि आप जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाकर इलाज कराएं.

डेंगू पर रोक लगाने के प्रयास
डॉ. आशुतोष विश्वास ने बताया कि डेंगू एक बेहद ही घातक बीमारी है. इसलिए जरूरी है कि हमें उचित कदम उठाने चाहिए. इसमें न केवल सरकार और स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है बल्कि आम जनता को भी इसमें सहयोग देना चाहिए.


उन्होंने बताया कि अस्पताल प्रबंधन की बात की जाए तो इसमें डायग्नोस्टिक सेंटर, डेंगू कॉर्नर, ब्लड बैंक, डॉक्टरों की स्पेशल टीम होना बेहद जरूरी है. खासकर सीजन के समय में डेंगू के मरीजों के लिए विशेष सुविधाएं दी जाएं जिससे कि उनका बेहतर उपचार हो सके.

क्या कहते हैं आकड़े
आंकड़ों की माने तो 2018 में 11192 मामले डेंगू के सामने आए थे, जिसमें 172 लोगों की मौत हुई थी. वहीं 2019 में अब तक की बात करें तो 4364 मामले सामने आ चुके हैं और इसमें तीन लोगों की मौत हो चुकी है.

फिलहाल नेशनल डेंगू डे पर डॉक्टर का कहना है कि बेहतर होगा कि आप अपने इलाके में ज्यादा से ज्यादा सफाई रखें और गर्मी के समय में जिस तरीके से आप पानी को इकट्ठा करके रखते हैं उससे जरूर बचें अगर आपको पानी इकट्ठा करना बेहद ही जरूरी है तो तीन दिन के अंदर पानी को अवश्य बदल लें. जिससे कि डेंगू जैसी घातक बीमारी से बचा जा सकता है.

Intro:डेंगू डे: हर साल एक लाख से ज्यादा आते है मामले सामने, जानिए बचाव के लिए एम्स के डॉक्टर की सलाह

नई दिल्ली: क्या आपको पता है डेंगू एक ऐसी बीमारी है जो आपकी थोड़ी सी लापरवाही के चलते गंभीर रूप से आप को बीमार कर सकती है. इतना ही नहीं डेंगू के चलते हर साल 100 से ज्यादा लोगों की मौत होती है. वही सालाना डेंगू के मरीजों की बात की जाए तो यह आंकड़ा एक लाख से भी ज्यादा पहुंच जाता है. दरअसल, आज नेशनल डेंगू डे है. भारत में सबसे पहले डेंगू कोलकाता में सामने आया था. विगत सालों में भारत में किस तरीके से डेंगू बढ़ता गया और इसके रोकथाम के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं.इस बाबत अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर डॉक्टर आशुतोष विश्वास से ईटीवी भारत ने विशेष बातचीत की.


Body:आखिर क्या है डेंगू के पनपने का कारण
डॉ.आशुतोष विश्वास ने बताया कि डेंगू एक जानलेवा बीमारी है. जो कि शरीर के लिए बेहद घातक साबित होती है.उन्होंने बताया कि डेंगू के पनपने का मुख्य कारण सात दिन से ज्यादा का पानी जमा होना होता है.उन्होंने बताया कि डेंगू का लारवा साफ पानी में होता है.यह देखा गया है कि गर्मी के दिनों में जिस तरीके से पानी की किल्लत होती है.लोग अपने उपयोग के लिए कई-कई दिन तक पानी को इकट्ठा करके रखते हैं. इस बाबत डेंगू उन साफ पानी में पनपने लगता है जिसके बाद यह मच्छर काफी मात्रा में पनप जाते हैं.उन्होंने बताया कि एक कप पानी में हजार से ज्यादा डेंगू का लारवा बन सकते हैं इसलिए बेहतर होगा कि आप सात दिन तक अगर आपके यहां किसी बर्तन में पानी जमा है तो उसे बदलते रहे.

जून से लेकर नवंबर तक रहता है इसका असर
डॉक्टर ने बताया कि डेंगू होने का सबसे ज्यादा असर जून माह से शुरू होता है और यह नवंबर अंत तक चलता है.उन्होंने बताया कि दरअसल गर्मियों के दिन में लोग पानी को इकट्ठा करते हैं और इसके बाद बारिश शुरू होने लगती है. तभी आसपास के एरिया में पानी इकट्ठा होता है और डेंगू मच्छर को पनपने का मौका मिलता है.इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने आस-पास के इलाके में सफाई रखें.

यह होते हैं मुख्य लक्षण
डॉक्टर ने डेंगू होने के लक्षणों के बारे में बताया कि इसमें सबसे ज्यादा यह देखा गया है कि तेज बुखार होना, पेट में दर्द उल्टी होना, आंख के पिछले हिस्से में दर्द होना, शरीर में चकत्ते पड़ना, और कई बार नाक और मुंह से खून निकलना होता है. इसलिए अगर आप को इनमें से कोई भी परेशानी होती है तो बेहतर होगा कि आप जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाकर उपचार कराएं.

क्या किए जा रहे हैं डेंगी पर रोक लगाने के प्रयास
प्रोफेसर डॉ. आशुतोष विश्वास ने बताया कि डेंगू मच्छर एक बेहद ही घातक बीमारी आज पूरे भारतवर्ष के लिए बन चुका है. इसलिए जरूरी है कि हमें उचित कदम उठाने चाहिए. इसमें न केवल सरकार और स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है बल्कि आम जनता को भी इसमें सहयोग निभाना होगा.उन्होंने बताया कि अस्पताल प्रबंधन की बात की जाए तो इसमें डायग्नोस्टिक सेंटर, डेंगू कॉर्नर, ब्लड बैंक, डॉक्टरों की स्पेशल टीम होना बेहद जरूरी है.उन्होंने बताया कि इस बाबत लगातार हम भी प्रयास करते हैं कि जितने भी अस्पताल अलग-अलग हिस्सों में है जिसमें निजी और सरकारी अस्पताल शामिल है.सीजन के समय में खासकर कि डेंगू के मरीजों के लिए विशेष सुविधाएं दी जाएं. जिससे कि उनका बेहतर उपचार हो सके.




Conclusion:यह हैं आंकड़े
आंकड़ों के अनुसार, 2018 में एक लाख 1192 मामले डेंगू के सामने आए थे, जिसमें 172 लोगों की मौत हुई थी.वहीं 2019 में अब तक की बात करें तो 4364 मामले सामने आ चुके हैं और इसमें तीन लोगों की मौत हो चुकी है. फिलहाल नेशनल डेंगू डे के अवसर पर डॉक्टर का कहना है कि बेहतर होगा कि आप अपने इलाके में ज्यादा से ज्यादा सफाई रखें और गर्मी के समय में जिस तरीके से आप पानी इकट्ठा करके रखते हैं उससे जरूर बचें अगर आपको पानी इकट्ठा करना बेहद ही जरूरी है तो तीन दिन के अंदर अवश्य पानी को बदल लें. जिससे कि डेंगू जैसी घातक बीमारी से बचा जा सकता है.
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