नई दिल्ली: डेंगू एक ऐसी बीमारी है जो थोड़ी-सी लापरवाही के चलते गंभीर रूप से आपको बीमार कर सकती है. भारत में हर साल डेंगू से करीब 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है. वहीं, अगर मरीजों की बात करे तो यह आंकड़ा एक लाख से भी ज्यादा पहुंच जाता है.
आज नेशनल डेंगू डे है तो इस बाबत अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर डॉक्टर आशुतोष विश्वास से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.
ऐसे पनपता है डेंगू
डॉ. आशुतोष विश्वास ने बताया कि डेंगू के पनपने का मुख्य कारण यह है कि सात दिन से ज्यादा पानी के जमा होने से यह बिमारी पनपती है. देखा गया है कि गर्मी के दिनों में जिस तरीके से पानी की किल्लत होती है और लोग अपने उपयोग के लिए कई-कई दिनों तक पानी को इकट्ठा करके रखते हैं.
इस बाबत डेंगू उन साफ पानी में पनपने लगता है जिसके बाद से मच्छर काफी मात्रा में पनपने लगते हैं. उन्होंने बताया कि एक कप पानी में हजार से ज्यादा डेंगू का लारवा बनता हैं इसलिए बेहतर होगा कि आप सात दिन तक अगर आपके यहां किसी बर्तन में पानी जमा है तो उसे बदलते रहिए.
जून से लेकर नवंबर तक रहता है असर
डॉक्टर ने बताया कि डेंगू होने का सबसे ज्यादा असर जून माह से शुरू होता है और यह नवंबर अंत तक चलता है. उन्होंने बताया कि गर्मियों के दिन में लोग पानी को इकट्ठा करते हैं और इसके बाद बारिश शुरू होने लगती है, तभी आसपास के एरिया में पानी इकट्ठा होता है और उससे डेंगू के मच्छर पनपने लगते है. इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने आस-पास के इलाके में साफ-सफाई रखें.
जानिए डेंगू के क्या है मुख्य लक्षण
डॉक्टर ने डेंगू होने के लक्षणों के बारे में बताया कि तेज बुखार का होना, पेट में दर्द या उल्टी होना, आंख के पिछले हिस्से में दर्द होना, शरीर में चकत्ते पड़ना, और कई बार नाक और मुंह से खून निकलना ही डेंगू के मुख्य लक्षण होते है. इसलिए अगर आप को इनमें से कोई भी परेशानी होती है तो बेहतर होगा कि आप जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाकर इलाज कराएं.
डेंगू पर रोक लगाने के प्रयास
डॉ. आशुतोष विश्वास ने बताया कि डेंगू एक बेहद ही घातक बीमारी है. इसलिए जरूरी है कि हमें उचित कदम उठाने चाहिए. इसमें न केवल सरकार और स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है बल्कि आम जनता को भी इसमें सहयोग देना चाहिए.
उन्होंने बताया कि अस्पताल प्रबंधन की बात की जाए तो इसमें डायग्नोस्टिक सेंटर, डेंगू कॉर्नर, ब्लड बैंक, डॉक्टरों की स्पेशल टीम होना बेहद जरूरी है. खासकर सीजन के समय में डेंगू के मरीजों के लिए विशेष सुविधाएं दी जाएं जिससे कि उनका बेहतर उपचार हो सके.
क्या कहते हैं आकड़े
आंकड़ों की माने तो 2018 में 11192 मामले डेंगू के सामने आए थे, जिसमें 172 लोगों की मौत हुई थी. वहीं 2019 में अब तक की बात करें तो 4364 मामले सामने आ चुके हैं और इसमें तीन लोगों की मौत हो चुकी है.
फिलहाल नेशनल डेंगू डे पर डॉक्टर का कहना है कि बेहतर होगा कि आप अपने इलाके में ज्यादा से ज्यादा सफाई रखें और गर्मी के समय में जिस तरीके से आप पानी को इकट्ठा करके रखते हैं उससे जरूर बचें अगर आपको पानी इकट्ठा करना बेहद ही जरूरी है तो तीन दिन के अंदर पानी को अवश्य बदल लें. जिससे कि डेंगू जैसी घातक बीमारी से बचा जा सकता है.