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शरीर को फिट रखना कितना है जरूरी, जानिए फिटनेस एक्सपर्ट जिन्नी गोगिया से...

फिटनेस के बारे में एथलीट और फिटनेस एक्सपर्ट जिन्नी गोगिया चुग से ईटीवी भारत ने की खास बातचीत...

जिन्नी गोगिया चुग
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Published : Jun 10, 2019, 10:06 PM IST

नई दिल्ली: लोग फिट रहने के लिए ना जाने क्या- क्या करते हैं लेकिन जागरूकता की कमी और जानकारी का अभाव होने से कई तरीके अपनाने के बाद भी लोग शरीर को फिट नहीं रख पाते.

हर साल जून का महीना फिटनेस को लेकर खबरों में रहता है. 2015 में 21 जून को योग दिवस की शुरुआत हुई जिसके बाद शरीर को फिट रखने के लिए योग का सहारा लेने लगे. हमारे समाज में कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें खुद को फिट रखने की ललक ने इसी क्षेत्र में नाम कमाने का मौका भी दिया है. ऐसी ही एक शख्सियत हैं जिन्नी गोगिया चुग जिनसे ईटीवी भारत ने उनसे उनके करियर और फिटनेस के बारे में विस्तार से बातचीत की.

फिटनेस एक्सपर्ट जिन्नी गोगिया चुग

जिन्नी गोगिया चुग फिटनेस एथलीट और फिटनेस एक्सपर्ट हैं. वर्तमान में वे फिटनेस से जुड़ी ही एक कंपनी चला रही हैं. बता दें कि जिन्नी आइटीबीपी, सीआईएसएफ और सीआरपीएफ की महिला बटालियन को फिटनेस ट्रेनिंग भी दे चुकी हैं. साथ ही इन्होंने फिटनेस की बदौलत ही भारत के लिए चार स्वर्ण पदक भी जीते हैं.

फिटनेस के पैशन ने दिलाए देश को 4 गोल्ड
जिन्नी अपने करियर के बारे में बताती हैं कि मैं एक पब्लिक स्कूल टीचर थी, मेरा 15 साल का टीचिंग करियर रहा. मुझे पढ़ाई का बहुत शौक था और शायद यही कारण है कि मैंने एमए इंग्लिश किया, फिर एमएड किया और उसके बाद एमबीए भी. फिर एजुकेशन राइटर बन गई और फुल टाइम राइटिंग को कंसीडर किया. फिर एक पब्लिशिंग हाउस के साथ मिलकर एमए इंग्लिश की 11 रेफरेंस बुक भी लिखीं.

उसी दौरान मैंने सुबह के टाइम जिम ज्वाइन किया, क्योंकि पब्लिकेशन हाउस दोपहर को खुलता था. वहीं से मुझ में फिटनेस के क्षेत्र में पैशन जागा और मैंने चैंपियनशिप की तैयारियां शुरू की. मैंने वेट लिफ्टिंग ट्राई किया और मेरा सिलेक्शन हो गया. मैंने फिजिकल फिटनेस कॉलमनिस्ट के रूप में भी काम शुरू किया फिर मैं फिट इंडिया की ब्रांड एम्बेसडर बनी.

जिसके बाद उन्होंने आइटीबीपी, सीआईएसएफ और सीआरपीएफ की महिला बटालियन को ट्रेनिंग देने का काम शुरू किया. फिर वे पावर लिफ्टिंग करने लगीं. जब कॉमनवेल्थ साउथ अफ्रीका में हुआ, उसमें भारत की तरफ से वे चार सदस्यीय टीम के साथ गई थीं. जहां मास्टर कैटेगरी में उन्हें 4 गोल्ड मिले.

महिलाएं कैसे रहें स्वस्थ
जिन्नी से हमने यह भी जानने की कोशिश की कि वर्तमान समय में जिस तरह महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर जन जागरूकता का अभाव है. उसे किस तरह से निपटा जाए और उनमें फिटनेस की कमी के कारण जिस तरह शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) और मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) में इजाफा देखने को मिल रहा है, उसका क्या निदान है?

इस पर उनका कहना था कि एमएमआर और आईएफआर के ऊपर हमारी कंपनी फिनर्जी सर्व ने भी बहुत काम किया है. यह बेसिकली फिटनेस से ही वास्ता रखता है. क्योंकि अगर कोई मां शुरू से स्वस्थ रहे तो बच्चे के जन्म के समय वो अच्छी कंडीशन में होगा और मां भी स्वस्थ रहेगी.

अच्छे स्वास्थ्य के लिए क्या खाएं
जिन्नी गोगिया चुग ने यह भी बताया कि अभी के समय में लोगों के मन में जो सबसे ज्यादा कंफ्यूजन है, वह इसे लेकर है कि क्या खाएं, किस तरह फिट रहें. कब कौन सा खाना खाएं. जिन्नी ने बताया कि भारत में जो खाने की थाली है, वो कार्बोहाइड्रेट डोमिनेटेड है. वो चाहे रिक्शावाला हो या कोई भी, सब की थाली में ज्यादातर कार्बोहाइड्रेट वाले खाने ही होते हैं. लेकिन कोशिश करनी चाहिए कि थाली में सब कुछ बैलेंस मात्रा में हो, प्रोटीन हो, विटामिन हो, फ्रूट वेजिटेबल हो, सबकी एक संतुलित मात्रा हो.

योग की अहमियत
योग कितना जरूरी है इसे लेकर जब हमने उनसे पूछा तो उनका कहना था कि योग के तो बेशक कई सारे बेहतरीन फायदे हैं, लेकिन अगर फिटनेस पर ध्यान देना है, तो योग के अलावा भी कई सारे विकल्प मौजूद हैं. वो चाहे वेट ट्रेनिंग हो या रनिंग हो, अपने उद्देश्य के हिसाब से किसी का भी चुनाव किया जा सकता है.

भारत की एक बड़ी आबादी है, जो जिम नहीं जा सकती, ऐसे लोग खुद को कैसे फिट रखें, इस बारे में जब हमने पूछा तो जिन्नी का कहना था कि जिम तो जाना ही चाहिए लेकिन अगर नहीं जा सकते हैं, तो घर पर ही कुछ एक्सरसाइज कर सकते हैं. फिजिकल एक्टिविटी कर सकते हैं, लेकिन इसे सही गाइडेंस में करने की जरूरत है. आपको पता होना चाहिए कि अगले 25 मिनट पर आपको क्या करना है और इसके लिए खाने पीने पर भी ध्यान देने की जरूरत है.

नई दिल्ली: लोग फिट रहने के लिए ना जाने क्या- क्या करते हैं लेकिन जागरूकता की कमी और जानकारी का अभाव होने से कई तरीके अपनाने के बाद भी लोग शरीर को फिट नहीं रख पाते.

हर साल जून का महीना फिटनेस को लेकर खबरों में रहता है. 2015 में 21 जून को योग दिवस की शुरुआत हुई जिसके बाद शरीर को फिट रखने के लिए योग का सहारा लेने लगे. हमारे समाज में कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें खुद को फिट रखने की ललक ने इसी क्षेत्र में नाम कमाने का मौका भी दिया है. ऐसी ही एक शख्सियत हैं जिन्नी गोगिया चुग जिनसे ईटीवी भारत ने उनसे उनके करियर और फिटनेस के बारे में विस्तार से बातचीत की.

फिटनेस एक्सपर्ट जिन्नी गोगिया चुग

जिन्नी गोगिया चुग फिटनेस एथलीट और फिटनेस एक्सपर्ट हैं. वर्तमान में वे फिटनेस से जुड़ी ही एक कंपनी चला रही हैं. बता दें कि जिन्नी आइटीबीपी, सीआईएसएफ और सीआरपीएफ की महिला बटालियन को फिटनेस ट्रेनिंग भी दे चुकी हैं. साथ ही इन्होंने फिटनेस की बदौलत ही भारत के लिए चार स्वर्ण पदक भी जीते हैं.

फिटनेस के पैशन ने दिलाए देश को 4 गोल्ड
जिन्नी अपने करियर के बारे में बताती हैं कि मैं एक पब्लिक स्कूल टीचर थी, मेरा 15 साल का टीचिंग करियर रहा. मुझे पढ़ाई का बहुत शौक था और शायद यही कारण है कि मैंने एमए इंग्लिश किया, फिर एमएड किया और उसके बाद एमबीए भी. फिर एजुकेशन राइटर बन गई और फुल टाइम राइटिंग को कंसीडर किया. फिर एक पब्लिशिंग हाउस के साथ मिलकर एमए इंग्लिश की 11 रेफरेंस बुक भी लिखीं.

उसी दौरान मैंने सुबह के टाइम जिम ज्वाइन किया, क्योंकि पब्लिकेशन हाउस दोपहर को खुलता था. वहीं से मुझ में फिटनेस के क्षेत्र में पैशन जागा और मैंने चैंपियनशिप की तैयारियां शुरू की. मैंने वेट लिफ्टिंग ट्राई किया और मेरा सिलेक्शन हो गया. मैंने फिजिकल फिटनेस कॉलमनिस्ट के रूप में भी काम शुरू किया फिर मैं फिट इंडिया की ब्रांड एम्बेसडर बनी.

जिसके बाद उन्होंने आइटीबीपी, सीआईएसएफ और सीआरपीएफ की महिला बटालियन को ट्रेनिंग देने का काम शुरू किया. फिर वे पावर लिफ्टिंग करने लगीं. जब कॉमनवेल्थ साउथ अफ्रीका में हुआ, उसमें भारत की तरफ से वे चार सदस्यीय टीम के साथ गई थीं. जहां मास्टर कैटेगरी में उन्हें 4 गोल्ड मिले.

महिलाएं कैसे रहें स्वस्थ
जिन्नी से हमने यह भी जानने की कोशिश की कि वर्तमान समय में जिस तरह महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर जन जागरूकता का अभाव है. उसे किस तरह से निपटा जाए और उनमें फिटनेस की कमी के कारण जिस तरह शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) और मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) में इजाफा देखने को मिल रहा है, उसका क्या निदान है?

इस पर उनका कहना था कि एमएमआर और आईएफआर के ऊपर हमारी कंपनी फिनर्जी सर्व ने भी बहुत काम किया है. यह बेसिकली फिटनेस से ही वास्ता रखता है. क्योंकि अगर कोई मां शुरू से स्वस्थ रहे तो बच्चे के जन्म के समय वो अच्छी कंडीशन में होगा और मां भी स्वस्थ रहेगी.

अच्छे स्वास्थ्य के लिए क्या खाएं
जिन्नी गोगिया चुग ने यह भी बताया कि अभी के समय में लोगों के मन में जो सबसे ज्यादा कंफ्यूजन है, वह इसे लेकर है कि क्या खाएं, किस तरह फिट रहें. कब कौन सा खाना खाएं. जिन्नी ने बताया कि भारत में जो खाने की थाली है, वो कार्बोहाइड्रेट डोमिनेटेड है. वो चाहे रिक्शावाला हो या कोई भी, सब की थाली में ज्यादातर कार्बोहाइड्रेट वाले खाने ही होते हैं. लेकिन कोशिश करनी चाहिए कि थाली में सब कुछ बैलेंस मात्रा में हो, प्रोटीन हो, विटामिन हो, फ्रूट वेजिटेबल हो, सबकी एक संतुलित मात्रा हो.

योग की अहमियत
योग कितना जरूरी है इसे लेकर जब हमने उनसे पूछा तो उनका कहना था कि योग के तो बेशक कई सारे बेहतरीन फायदे हैं, लेकिन अगर फिटनेस पर ध्यान देना है, तो योग के अलावा भी कई सारे विकल्प मौजूद हैं. वो चाहे वेट ट्रेनिंग हो या रनिंग हो, अपने उद्देश्य के हिसाब से किसी का भी चुनाव किया जा सकता है.

भारत की एक बड़ी आबादी है, जो जिम नहीं जा सकती, ऐसे लोग खुद को कैसे फिट रखें, इस बारे में जब हमने पूछा तो जिन्नी का कहना था कि जिम तो जाना ही चाहिए लेकिन अगर नहीं जा सकते हैं, तो घर पर ही कुछ एक्सरसाइज कर सकते हैं. फिजिकल एक्टिविटी कर सकते हैं, लेकिन इसे सही गाइडेंस में करने की जरूरत है. आपको पता होना चाहिए कि अगले 25 मिनट पर आपको क्या करना है और इसके लिए खाने पीने पर भी ध्यान देने की जरूरत है.

Intro:2015 में 21 जून को योग दिवस की शुरुआत के बाद से ही हर साल जून का महीना फिटनेस को लेकर खबरों में रहता है. लोग फिट तो रहना चाहते हैं, लेकिन इस बारे में जन जागरूकता की कमी है और जानकारी का अभाव है. लेकिन हमारे समाज में कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें खुद को फिट रखने की ललक ने इसी क्षेत्र में नाम कमाने का मौका भी दिया. ऐसी ही एक शख्सियत हैं जिन्नी गोगिया चुग. ईटीवी भारत में उनसे उनके करियर और फिटनेस के बारे में विस्तार से बातचीत की.


Body:नई दिल्ली: जिन्नी गोगिया चुग फिटनेस एथलीट और फिटनेस एक्सपर्ट हैं. वर्तमान में वे फिटनेस से जुड़ी ही एक कंपनी कम्पनी चला रही हैं, फिनर्जी सर्व. जिन्नी, आइटीबीपी, सीआईएसएफ और सीआरपीएफ की महिला बटालियन को फिटनेस ट्रेनिंग दे चुकी हैं, वही इन्होंने फिटनेस की बदौलत ही भारत के लिए चार स्वर्ण पदक भी जीते हैं.

जिन्नी अपने करियर के बारे में बताते हुए कहती हैं कि मैं एक पब्लिक स्कूल टीचर थी, मेरा 15 साल का टीचिंग करियर रहा. मुझे पढ़ाई का बहुत शौक था और शायद यही कारण है कि मैंने एमए इंग्लिश किया, फिर एमएड किया और उसके बाद एमबीए भी. फिर एजुकेशन राइटर बन गई और फुल टाइम राइटिंग को कंसीडर किया. फिर एक पब्लिशिंग हाउसिंग के साथ मिलकर एमए इंग्लिश की 11 रेफरेंस बुक भी लिखी. उसी दौरान मैंने सुबह के टाइम जिम ज्वाइन किया, क्योंकि पब्लिकेशन हाउस दोपहर को खुलता था. वहीं से मुझमें फिटनेस के क्षेत्र में पैशन जाएगा और मैंने चैंपियनशिप की तैयारियां शुरू की. मैंने वेट लिफ्टिंग ट्राई किया और मेरा सिलेक्शन हो गया. मैंने फिजिकल फिटनेस कॉलमनिस्ट के रूप में भी काम शुरू किया. फिर मैं फिट इंडिया की ब्रांड मिस्टर बनी. उसी दौरान मैंने आइटीबीपी सीआईएसएफ और सीआरपीएफ की महिला बटालियन को ट्रेनिंग देने का काम शुरू किया. फिर मैं पावर लिफ्टिंग करने लगी. इनका अपना कॉमनवेल्थ साउथ अफ्रीका में हुआ, जिसमें भारत की तरफ से मैं चार सदस्य टीम के साथ गई थी. उसमें मास्टर कैटेगरी में मुझे 4 गोल्ड मिले.

वर्तमान समय में फिटनेस कितना जरूरी है और कितनी अहमियत रखता है, इस बारे में पूछे जाने पर जिन्नी गोगिया चुग ने बताया कि फिटनेस को पैशन के तरीके से नहीं, एक लाइफस्टाइल के तरीके से लिया जाना चाहिए. वह चाहे फिटनेस का कोई भी फॉर्म हो, योग हो, वेट ट्रेनिंग हो या मैंराथन रनिंग हो. किसी भी न किसी तरह की फिटनेस स्टाइल को अपनी लाइफ में जरूर शामिल करना चाहिए.

आइटीबीपी, सीआईएसफ, सीआरपीएफ की महिला बटालियन को ट्रेनिंग दे चुकीं जिन्नी गोगिया चुग से हमने यह भी जानने की कोशिश की कि वर्तमान समय में जिस तरह महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर जन जागरूकता का अभाव है, उसे किस तरह से निपटा जाए और उनमें फिटनेस की कमी के कारण जिस तरह शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) और मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) में इजाफा देखने को मिल रहा है, उसका क्या निदान है? इस पर उनका कहना था कि एमएमआर और आईएफआर के ऊपर हमारी कंपनी फिनर्जी सर्व ने भी बहुत काम किया है. यह मैं तो बेसिकली फिटनेस से ही वास्ता रखता है, क्योंकि अगर माएं शुरू से स्वस्थ रहें, तो बच्चों के जन्म के समय बच्चे भी अच्छी कंडीशन में होंगे और माएं भी स्वस्थ रहेंगी.

जिन्नी गोगिया चुग ने यह भी बताया कि अभी के समय में लोगों के मन में जो सबसे ज्यादा कंफ्यूजन है, वह इसे लेकर ही कि क्या खाएं, किस तरह फिट रहें, कब कौन सा खाना खाएं. उन्होंने बताया कि सीआईएसएफ, आईटीबीपी और सीआरपीएफ की महिला बटालियन भी ऐसे सवाल हमारे सामने लेकर आती थीं. जिन्नी ने बताया कि भारत में जो खाने की थाली है, वो कार्बोहाइड्रेट डोमिनेटेड है. वो चाहे रिक्शावाला हो या कोई भी, सब की थाली में ज्यादातर कार्बोहाइड्रेट वाले खाने ही होते हैं, लेकिन कोशिश करनी चाहिए कि थाली में सब कुछ बैलेंस मात्रा में हो, प्रोटीन हो, विटामिन हो, फ्रूट वेजिटेबल हो, सबकी एक संतुलित मात्रा हो.

योग कितना जरूरी है इसे लेकर जब हमने उनसे पूछा तो उनका कहना था कि योग के तो बेशक कई सारे बेहतरीन फायदे हैं, लेकिन अगर फिटनेस पर ध्यान देना है, तो योग के अलावा भी कई सारे विकल्प मौजूद हैं. वो चाहे वेट ट्रेनिंग हो या रनिंग हो, अपने उद्देश्य के हिसाब से किसी का भी चुनाव किया जा सकता है. भारत की एक बड़ी आबादी है, जो जीम नहीं जा सकती, ऐसे लोग खुद को कैसे फिट रखें, इस बारे में जब हमने पूछा तो जिन्नी का कहना था कि जिम तो जाना ही चाहिए, लेकिन अगर नहीं जा सकते हैं, तो घर पर ही कुछ एक्सरसाइज कर सकते हैं, फिजिकल एक्टिविटी कर सकते हैं. लेकिन इसे सही गाइडेंस में करने की जरूरत है. आपको पता होना चाहिए कि अगले 25 मिनट पर आपको क्या करना है और इसके लिए खाने पीने पर भी ध्यान देने की जरूरत है.


Conclusion:फिटनेस यूं तो हमेशा से ही एक जरूरी चर्चा का विषय रहा है, लेकिन 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद फिटनेस को काफी महत्व दिया गया. यहां तक कि प्रधानमंत्री ने भी फिटनेस चैलेंज ऐसेप्ट किया. कई सारे मंत्रियों ने भी अपने फिट रहने के राज से जुड़े वीडियो सार्वजनिक किए थे. आगामी योग दिवस को लेकर अभी से तैयारियां शुरू हैं और फिटनेस पर भी चर्चा शुरू है, ऐसे समय में जिन्नी गोगिया चुग की ये बातें काफी अहमियत रखती हैं.
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