नई दिल्ली: दिल्ली कांग्रेस में इन दिनों सब ठीक नहीं चल रहा. चौधरी अनिल कुमार के दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के बाद से ही पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी मुख्यालय से दूरी बना ली है. किसी भी कार्यक्रम में वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी अब ना के बराबर रह गई है.
युवा नेतृत्व पर है जोर
चौधरी अनिल कुमार के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से ही उनका पूरा ध्यान युवा चेहरों पर है जिस कारण वरिष्ठ नेता खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. अभी के समय प्रदेश अध्यक्ष सहित पांचो उपाध्यक्ष और सभी पदाधिकारी युवा है और चौधरी अनिल कुमार का भी पूरा ध्यान युवा चेहरों पर है. जिस कारण पार्टी के कई पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सहित अन्य वरिष्ठ नेता खफा चल रहे हैं.
आलम यह है कि दिल्ली कांग्रेस के कई बड़े आयोजन में भी वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी अब ना के बराबर रह गई है. लंबे समय बाद कुछ दिनों पहले पूर्व मंत्री हारून यूसुफ ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. दिल्ली कांग्रेस से जुड़े पदाधिकारी दबी जबान में बताते हैं कि चौधरी अनिल कुमार के रवैया के कारण कई वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी मुख्यालय से दूरी बना ली है.
निगम चुनाव है चुनौती
वर्तमान समय में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार के लिए निगम चुनाव एक बड़ी चुनौती है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद सुभाष चोपड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद चौधरी अनिल कुमार को दिल्ली कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाया गया था. नगर निगम चुनाव से पहले वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी दूर करना अभी भी चौधरी अनिल कुमार के लिए एक बड़ी चुनौती है क्योंकि पिछले नगर निगम चुनाव में भी दिल्ली कांग्रेस मात्र कुछ सीटें जीतने में सफल रही थी.