शिमला: जिले में साइबर ठगी का शिकार होने के बाद 23 साल के युवक ने आत्महत्या कर ली. मामला शिमला जिले के ठियोग का है, पुलिस को दी शिकायत में ठियोग के रहने वाले प्रेम लाल शर्मा ने बताया कि कुछ समय पहले उनकी बेटी के नाम एक लेटर आया था. जिसे बेटे विनीत ने खोला था, जिसपर आयुर्वेद केयर प्राइवेट लिमिटेड सिक्किम लिखा था. इस लेटर के अंदर एक कूपन था, जिसमें लकी नंबर 80830 लिखा हुआ था और पत्र पर एक हेल्पलाइन नंबर भी लिखा हुआ था. इस चिट्ठी में उन्हें लकी ड्रा का विजेता बताते हुए एक स्क्रैच कूपन भेजा गया था.
कूपन स्क्रैच करने पर निकली कार: शिकायतकर्ता के अनुसार लेटर के साथ जो कूपन था उसे उनके बेटे विनीत शर्मा ने स्क्रैच किया. इसे जैसे ही स्क्रैच किया गया, इसमें सोनेट कार सेकेंड प्राइज नाम से लॉटरी निकली. जिसके बाद पत्र में लिखे गए हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया. तो शातिर ठगों की तरफ कार के बदले कुछ औपचारिकताओं को पूरा करने और टैक्स के नाम प पैसों की मांग की.
शातिरों के झांसे में आ गया विनीत: शातिर ठगों ने कार के बदले विनीत से अलग-अलग बहाने रुपयों की मांग की. लॉटरी में कार निकलने पर विनीत ठगों के जाल में ऐसा फंसा कि वो ठगों की डिमांड पर पैसा देता रहा, उसे कतई भी एहसास नहीं हुआ कि उसके साथ ठगी हो रही है. ठगों के झांसे में आकर विनीत ने पहले 3,500, फिर 1 लाख 10 हजार 500 और फिर 26 हजार 600 रुपए गूगल पे कर दिए. इस तरह ठगों ने शातिराना अंदाज में लगभग एक लाख 40 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए. (cyber fraud in shimla) (cyber fraud in theog)
साइबर ठगी से आहत युवक ने की खुदकुशी: विनीत को जब इस ठगी का अहसास हुआ तो उसने खुदकुशी कर ली. मामले की जांच ठियोग पुलिस स्टेशन की ओर से की जा रही है. इस मामले में पुलिस ने धारा 420 IPC के तहत केस दर्ज कर लिया है. एसपी डॉ मोनिका ने बताया कि पुलिस मामले में जांच कर रही है उन्होंने लोगों से भी साइबर ठगों से सावधान रहने की अपील की है. मामला इसी साल अक्टूबर महीने का है, उस वक्त परिवार ने पुलिस को लिखित शिकायत दी थी. लेकिन अब पिता ने साइबर ठगी के बाद खुदकुशी की बात पुलिस को बताई है. जिस आधार पर ठियोग पुलिस ने मामला दर्ज किया है. (cyber Crime in Himachal) (Cyber Crime in Shimla) (Youth commits suicide after cyber fraud)
सावधानी ही है बचाव का तरीका: देश भर में पुलिस और साइबर एक्सपर्ट साइबर ठगों से बचने के लिए जागरुकता को ही एकमात्र हथियार बताते हैं. हालांकि साइबर ठग लोगों को निशाना बनाने के लिए अलग-अलग पैंतरे अपनाते रहते हैं. इसलिये किसी भी लॉटरी, डिस्काउंट, इनाम या मुफ्त में बेशकीमती तोहफों के झांसे में ना आएं. किसी भी स्कीम या ऑफर को अच्छी तरह से जांच परख लें. इसके अलावा साइबर एक्सपर्ट किसी भी अज्ञात नंबर पर रुपये ट्रांसफर ना करें. किसी अज्ञात शख्स को अपने बैंक खाते, डेबिट या क्रेडिट कार्ड से जुड़ी कोई भी जानकारी शेयर ना करें. आरबीआई की ओर से भी साइबर ठगी से बचने के लिए ऐसे दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं. तकनीक के दौर में साइबर ठग भी नए-नए पैंतरे आजमाते हैं इसलिये किसी भी अज्ञात वेब लिंक को क्लिक ना करें, किसी अज्ञान क्यूआर कोड को स्कैन करने से बचें. (New way of Cyber Crime) (suicide after being victim of cyber fraud)
ठगी हो तो क्या करें ?: अगर कभी भी आपके साथ साइबर ठगी हो तो जल्द से जल्द इसकी शिकायत नजदीकी साइबर थाने या फिर नजदीकी पुलिस स्टेशन में करें. साइबर ठगी होने पर NCRB के पोर्टल से लेकर अपने राज्य की साइबर सेल या साइबर पुलिस की वेबसाइट पर भी शिकायत कर सकते हैं. इसके अलावा टोल फ्री नंबर और मेल करके भी इसकी शिकायत की जा सकती है. ठगी होने पर तुरंत अपने बैंक खाते को लॉक करवाएं. अगर आप पुलिस में शिकायत करते हैं तो पुलिस भी बैंक को बोलकर आपके खाते को फ्रीज करवाती है ताकि ठग उस खाते से और पैसा न निकाल पाएं.
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