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2029 तक एक मुस्लिम का प्रधानमंत्री बनना तय है: स्वामी यति नरसिंहानंद

हरिद्वार में तीन दिवसीय धर्म संसद का शुभारंभ हो गया है. संतों के अनुसार इस धर्म संसद में सनातन धर्म की रक्षा और संवर्धन को लेकर चर्चा की जाएगी. धर्म संसद के तीसरे और अंतिम दिन धर्म आदेश जारी कर प्रधानमंत्री को भेजा जाएगा.

Swami Yeti Narasimhananda
स्वामी यति नरसिंहानंद
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Published : Dec 17, 2021, 8:24 PM IST

हरिद्वार: सनातन धर्म की रक्षा (protection of sanatan dharma) और संवर्धन के लिए आज धर्मनगरी के वेद निकेतन धाम (Veda Niketan Dham) में तीन दिवसीय धर्म संसद का शुभारंभ (dharm sansad inaugurated) हुआ. जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद गिरि की देखरेख में धर्म संसद का शुभारंभ हुआ. इस धर्म संसद में सैकड़ों की तादाद में संत और आम लोग शामिल हो रहे हैं. तीसरे दिन धर्म संसद एक आदेश जारी करेगी, जो केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.

तीन दिवसीय धर्म संसद का शुभारंभ

जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद गिरि (Mahamandaleshwar Swami Yeti Narasimhanand Giri) ने कहा कि 2029 तक भारत का प्रधानमंत्री एक मुस्लिम का बनना (a muslim will be the prime minister)तय है. जिससे बचने के लिए यह संसद हिंदू धर्म की रक्षा (defense of hinduism) के लिए क्या किया जाए, इस पर विचार करने के लिए आहूत की गई है. अब इसकी जिम्मेदारी युवा संतों के हाथों में है, जो इस तीन दिवसीय धर्म संसद के बाद एक धर्म आदेश जारी करेंगे, जिसको केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा. ताकि सरकार यह निर्णय ले सकें. सनातन धर्म को बचाने के लिए क्या उपाय किए जाएं ?

ये भी पढ़ें: BJP के विजय संकल्प यात्रा रथों का आज हर की पैड़ी पर पूजन, 18 को नड्डा दिखाएंगे हरी झंडी

वहीं, स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा हिंदू धर्म की रक्षा करना और हिंदू राष्ट्र की स्थापना (Establishment of Hindu Rashtra) करना ही, इस धर्म संसद का मुख्य उद्देश्य है. धर्म संसद के तीसरे दिन एक धर्म आदेश जारी किया जाएगा, जिसमें धर्म की रक्षा और संवर्धन को रखा जाएगा और केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.

वहीं, धर्म संसद में आए स्वामी आनंद बाबा ने कहा सनातन धर्म के विनाश को हम कैसे बचा सकते हैं? इसके लिए ही यह धर्म संसद आहूत की गई है. उन्होंने कहा अब देश में या तो मानवता स्थापित होगी या फिर असुरत्व. दोनों चले ऐसा अब नहीं होगा.

ये भी पढ़ें: Video: UP के युवा पहलवान को सरेआम कुश्ती संघ के अध्यक्ष ने मारा थप्पड़

हरिद्वार: सनातन धर्म की रक्षा (protection of sanatan dharma) और संवर्धन के लिए आज धर्मनगरी के वेद निकेतन धाम (Veda Niketan Dham) में तीन दिवसीय धर्म संसद का शुभारंभ (dharm sansad inaugurated) हुआ. जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद गिरि की देखरेख में धर्म संसद का शुभारंभ हुआ. इस धर्म संसद में सैकड़ों की तादाद में संत और आम लोग शामिल हो रहे हैं. तीसरे दिन धर्म संसद एक आदेश जारी करेगी, जो केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.

तीन दिवसीय धर्म संसद का शुभारंभ

जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद गिरि (Mahamandaleshwar Swami Yeti Narasimhanand Giri) ने कहा कि 2029 तक भारत का प्रधानमंत्री एक मुस्लिम का बनना (a muslim will be the prime minister)तय है. जिससे बचने के लिए यह संसद हिंदू धर्म की रक्षा (defense of hinduism) के लिए क्या किया जाए, इस पर विचार करने के लिए आहूत की गई है. अब इसकी जिम्मेदारी युवा संतों के हाथों में है, जो इस तीन दिवसीय धर्म संसद के बाद एक धर्म आदेश जारी करेंगे, जिसको केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा. ताकि सरकार यह निर्णय ले सकें. सनातन धर्म को बचाने के लिए क्या उपाय किए जाएं ?

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वहीं, स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा हिंदू धर्म की रक्षा करना और हिंदू राष्ट्र की स्थापना (Establishment of Hindu Rashtra) करना ही, इस धर्म संसद का मुख्य उद्देश्य है. धर्म संसद के तीसरे दिन एक धर्म आदेश जारी किया जाएगा, जिसमें धर्म की रक्षा और संवर्धन को रखा जाएगा और केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.

वहीं, धर्म संसद में आए स्वामी आनंद बाबा ने कहा सनातन धर्म के विनाश को हम कैसे बचा सकते हैं? इसके लिए ही यह धर्म संसद आहूत की गई है. उन्होंने कहा अब देश में या तो मानवता स्थापित होगी या फिर असुरत्व. दोनों चले ऐसा अब नहीं होगा.

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