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Sawan 2023 : जब बेलपत्र न मिले तो कैसे करें पूजा, क्या है बेलपत्र का विकल्प

बेलपत्र का शिव पूजा में खास महत्व है, लेकिन यदि आपको पूजा के लिए बेलपत्र न मिले तो क्या करना चाहिए..क्या आप जानते हैं कि बेलपत्र का विकल्प क्या है...

worship without Belpatra what is the alternative of Belpatra
बेलपत्र का विकल्प
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Published : Jul 7, 2023, 4:43 AM IST

नई दिल्ली : बेलपत्र बेल के पत्ते को कहते हैं, लेकिन इसके लिए एक खास नियम है, जिस पत्ते में तीन पत्तियां एक साथ जुड़ी होती हैं, उसे ही बेलपत्र माना जाता है. इसको लेकर कई तरह की पौराणिक कथाएं व मान्यताएं सुनायी जाती हैं, जिसमें तीन पत्तों को कहीं त्रिदेव तो कहीं तीन गुणों तो कहीं तीन आदि ध्वनियों से जोड़कर देखा जाता है. कुछ जगहों पर इसे भोलेनाथ के त्रिशूल से भी जोड़ा जाता है.

worship without Belpatra what is the alternative of Belpatra
बेलपत्र का विकल्प

तीन पत्तों की मान्यताएं
तीन पत्तों को कहीं त्रिदेव अर्थात सृष्टि के सृजनकर्ता, पालनकर्ता और विनाशकर्ता देवस्वरूप ब्रह्मा, विष्णु और शिव का स्वरूप कहा जाता है. कुछ जगहों पर ऐसा कहा जाता है कि बेलपत्र हमारे तीन गुणों सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण का प्रतिनिधित्व करता है. वहीं कुछ लोग ऐसा कहते हैं कि बेलपत्र तीन उन आदि ध्वनियों का प्रतिनिधित्व करता है, जिनकी सम्मिलित गूंज से ऊं (ओंकार) बनता है. वहीं कुछ लोग बेलपत्र की इन तीन पत्तियों को भोलेनाथ की तीनों आंखों से जोड़कर देखते हैं. वहीं कहीं-कहीं इसे उनके शस्त्र त्रिशूल का भी प्रतीक मानकर पूजा में इस्तेमाल किया जाता है.

इसीलिए शिवभक्तों को कहा जाता है कि आपके पास भोलेनाथ की पूजा के लिए कुछ भी न हो तो आप एक लोटे जल व बेलपत्र से खुश हो जाते हैं. इसीलिए भोलेनाथ के जलाभिषेक व रुद्राभिषेक में जल व बेलपत्र का खास महत्व है.

worship without Belpatra what is the alternative of Belpatra
बेलपत्र

जब बेलपत्र न मिले तो...
कभी-कभी ऐसी स्थिति आ जाती है कि हम पूजा की तैयारी करते हैं, लेकिन हमें बेलपत्र नहीं मिल पाता है. ऐसी स्थिति में हमारे सामने एक दुविधा आ जाती है कि बिना बेलपत्र के शिव जी की पूजा कैसे करें. ऐसी स्थिति में इन उपायों को भी अपना सकते हैं...

  1. शास्त्रों में ऐसा माना गया है कि बेलपत्र कभी भी अशुद्ध, अपवित्र, जूठा नहीं होता हैं. इसलिए आप पहले से चढ़ाए हुए बेलपत्र का भी दोबारा पूजा में इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे कोई दोष नहीं लगता है. न ही पूजा में किसी प्रकार का व्यवधान होता है, बल्कि आपको पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है.
  2. सावन के महीने में बेलपत्र न मिले तो ऐसे में आप चांदी का बेलपत्र बनवाकर भी भोले बाबा की पूजा कर सकते हैं और इसको धोकर दोबारा भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

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नई दिल्ली : बेलपत्र बेल के पत्ते को कहते हैं, लेकिन इसके लिए एक खास नियम है, जिस पत्ते में तीन पत्तियां एक साथ जुड़ी होती हैं, उसे ही बेलपत्र माना जाता है. इसको लेकर कई तरह की पौराणिक कथाएं व मान्यताएं सुनायी जाती हैं, जिसमें तीन पत्तों को कहीं त्रिदेव तो कहीं तीन गुणों तो कहीं तीन आदि ध्वनियों से जोड़कर देखा जाता है. कुछ जगहों पर इसे भोलेनाथ के त्रिशूल से भी जोड़ा जाता है.

worship without Belpatra what is the alternative of Belpatra
बेलपत्र का विकल्प

तीन पत्तों की मान्यताएं
तीन पत्तों को कहीं त्रिदेव अर्थात सृष्टि के सृजनकर्ता, पालनकर्ता और विनाशकर्ता देवस्वरूप ब्रह्मा, विष्णु और शिव का स्वरूप कहा जाता है. कुछ जगहों पर ऐसा कहा जाता है कि बेलपत्र हमारे तीन गुणों सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण का प्रतिनिधित्व करता है. वहीं कुछ लोग ऐसा कहते हैं कि बेलपत्र तीन उन आदि ध्वनियों का प्रतिनिधित्व करता है, जिनकी सम्मिलित गूंज से ऊं (ओंकार) बनता है. वहीं कुछ लोग बेलपत्र की इन तीन पत्तियों को भोलेनाथ की तीनों आंखों से जोड़कर देखते हैं. वहीं कहीं-कहीं इसे उनके शस्त्र त्रिशूल का भी प्रतीक मानकर पूजा में इस्तेमाल किया जाता है.

इसीलिए शिवभक्तों को कहा जाता है कि आपके पास भोलेनाथ की पूजा के लिए कुछ भी न हो तो आप एक लोटे जल व बेलपत्र से खुश हो जाते हैं. इसीलिए भोलेनाथ के जलाभिषेक व रुद्राभिषेक में जल व बेलपत्र का खास महत्व है.

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बेलपत्र

जब बेलपत्र न मिले तो...
कभी-कभी ऐसी स्थिति आ जाती है कि हम पूजा की तैयारी करते हैं, लेकिन हमें बेलपत्र नहीं मिल पाता है. ऐसी स्थिति में हमारे सामने एक दुविधा आ जाती है कि बिना बेलपत्र के शिव जी की पूजा कैसे करें. ऐसी स्थिति में इन उपायों को भी अपना सकते हैं...

  1. शास्त्रों में ऐसा माना गया है कि बेलपत्र कभी भी अशुद्ध, अपवित्र, जूठा नहीं होता हैं. इसलिए आप पहले से चढ़ाए हुए बेलपत्र का भी दोबारा पूजा में इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे कोई दोष नहीं लगता है. न ही पूजा में किसी प्रकार का व्यवधान होता है, बल्कि आपको पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है.
  2. सावन के महीने में बेलपत्र न मिले तो ऐसे में आप चांदी का बेलपत्र बनवाकर भी भोले बाबा की पूजा कर सकते हैं और इसको धोकर दोबारा भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

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