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विश्व हिंदी दिवस : जानिए इस दिन से जुड़े रोचक तथ्य

16 वर्ष पहले आज ही के दिन हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार का फैसला लिया गया था. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने साल 2006 में प्रति वर्ष 10 जनवरी को हिन्दी दिवस मनाने की घोषणा की थी. आज पूरे देश के अलावा दुनियाभर के हिंदीभाषा प्रेमी विश्व हिंदी दिवस (world hindi day) मना रहे हैं. जानिए 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस का महत्व और इससे जुड़े रोचक तथ्य

world hindi day
विश्व हिंदी दिवस
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Published : Jan 10, 2022, 10:26 AM IST

नई दिल्ली : दुनियाभर में आज विश्व हिन्दी दिवस (world hindi day) मनाया जा रहा है. हिंदी भाषा का विकास करने और एक अंतरराष्ट्रीय भाषा के तौर पर इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गई. प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था. इसलिए इस दिन को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है.

इन देशों में भी हिंदी भाषा प्रेम
साल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पहले विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन किया था. 1975 के बाद से भारत के अलावा दूसरे देशों में भी विश्व हिंदी दिवस का आयोजन किया जाने लगा. बता दें कि मॉरीशस, ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस जैसे देशों में भी हिंदी भाषा प्रेमी रहते हैं, इन देशों में हिंदी दिवस के मौके पर कई कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है. नेपाल, गुयाना, सूरीनाम और त्रिनिदाद-टोबैगो जैसे देशों में भी हिंदी भाषा बोली जाती है. 2011 की जनगणना के मुताबिक भारत की 1.2 अरब आबादी में से 41.03 फीसदी की मातृभाषा हिंदी है.

क्या दो बार मनाते हैं हिंदी दिवस ?
आम तौर से विश्व हिंदी दिवस के मौके पर स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयो में निबंध, भाषण समेत कई प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, लेकिन कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण इस साल अधिकांश आयोजन वर्चुअल तरीके से होने की संभावना है. हिंदी दिवस से जुड़ा एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है जबकि 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है. ऐसे में अक्सर विश्व हिंदी दिवस को लेकर दुविधा भी होती है.

हिंदी भाषा को लेकर विद्वानों की राय
कवि सुमित्रानंदन पंत ने भी कहा था कि हिंदी भाषा राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलतम श्रोत है. इसके अलावा देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने भी कहा था कि जिस देश को अपनी भाषा और साहित्य पर गर्व नहीं, वह आगे नहीं बढ़ सकता.

गौरतलब है कि भारत की संविधान सभा ने हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया था. इसके बाद 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने एक मत से हिंदी को भारत की राजभाषा चुना. संविधान के अनुच्छेद 343 में यह प्रावधान किया गया है कि देवनागरी लिपि के साथ हिंदी भारत की राजभाषा होगी. पहला राष्ट्रीय हिंदी दिवस 14 सितंबर 1949 को मनाया गया था. विश्व में हिंदी भाषी करीब 80 करोड़ लोग हैं. यह दुनिया की तीसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है.

नई दिल्ली : दुनियाभर में आज विश्व हिन्दी दिवस (world hindi day) मनाया जा रहा है. हिंदी भाषा का विकास करने और एक अंतरराष्ट्रीय भाषा के तौर पर इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गई. प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था. इसलिए इस दिन को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है.

इन देशों में भी हिंदी भाषा प्रेम
साल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पहले विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन किया था. 1975 के बाद से भारत के अलावा दूसरे देशों में भी विश्व हिंदी दिवस का आयोजन किया जाने लगा. बता दें कि मॉरीशस, ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस जैसे देशों में भी हिंदी भाषा प्रेमी रहते हैं, इन देशों में हिंदी दिवस के मौके पर कई कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है. नेपाल, गुयाना, सूरीनाम और त्रिनिदाद-टोबैगो जैसे देशों में भी हिंदी भाषा बोली जाती है. 2011 की जनगणना के मुताबिक भारत की 1.2 अरब आबादी में से 41.03 फीसदी की मातृभाषा हिंदी है.

क्या दो बार मनाते हैं हिंदी दिवस ?
आम तौर से विश्व हिंदी दिवस के मौके पर स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयो में निबंध, भाषण समेत कई प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, लेकिन कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण इस साल अधिकांश आयोजन वर्चुअल तरीके से होने की संभावना है. हिंदी दिवस से जुड़ा एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है जबकि 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है. ऐसे में अक्सर विश्व हिंदी दिवस को लेकर दुविधा भी होती है.

हिंदी भाषा को लेकर विद्वानों की राय
कवि सुमित्रानंदन पंत ने भी कहा था कि हिंदी भाषा राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलतम श्रोत है. इसके अलावा देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने भी कहा था कि जिस देश को अपनी भाषा और साहित्य पर गर्व नहीं, वह आगे नहीं बढ़ सकता.

गौरतलब है कि भारत की संविधान सभा ने हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया था. इसके बाद 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने एक मत से हिंदी को भारत की राजभाषा चुना. संविधान के अनुच्छेद 343 में यह प्रावधान किया गया है कि देवनागरी लिपि के साथ हिंदी भारत की राजभाषा होगी. पहला राष्ट्रीय हिंदी दिवस 14 सितंबर 1949 को मनाया गया था. विश्व में हिंदी भाषी करीब 80 करोड़ लोग हैं. यह दुनिया की तीसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है.

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