बागलकोट (कर्नाटक) : बागलकोट जिले में पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा दिए गए मुआवजे के रुपये को एक महिला के द्वारा उनके वाहन में फेंककर आक्रोश जताने का मामला सामने आया है. घटना के मुताबिक शुक्रवार को बागलकोट के दौरे पर थे. इसीक्रम में वह छह जुलाई को केरूर कस्बे में हुए संघर्ष में घायलों का हालचाल जानने के लिए अस्पताल पहुंचे थे और उन्हें मुआवजा की राशि सौंपी थी. लेकिन सिद्धारमैया के अस्पताल से लौटने के दौरान घायलों के परिजन मुआवजे के लिए मिले रुपये लौटाने के लिए पहुंच गए. हालांकि सिद्धारमैया बिना पैसे वापस लिए गाड़ी में जाने की कोशिश कर रहे थे तभी एक महिला ने पुलिस के एस्कॉर्ट वाहन पर 2 लाख रुपए फेंककर अपने गुस्से का इजहार किया.
महिला का कहना था कि, 'वे (राजनेता) केवल चुनाव के दौरान वोट मांगने आते हैं और किसी भी समस्या पर ध्यान नहीं देते. उसने कहा चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम हो सभी के समान व्यवहार किया जाना चाहिए. महिला ने कहा कि भले ही हमने कुछ भी गलत नहीं किया हो, उन्होंने हमारे लोगों पर बिना वजह हमला किया गया है. उसने कहा कि वे आज मुआवजा देंगे, लेकिन हमारे घायल लोगों को एक साल तक बिस्तर पर आराम करना होगा. हमारी समस्याएं कौन रोज सुनता है?'
महिला ने कहा कि पैसा हमारी समस्या का समाधान नहीं है. हम भीख मांगकर परिवार का पालन-पोषण करने के लिए तैयार हैं. ऐसी घटनाएं किसी के साथ नहीं होनी चाहिए, चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान. बता दें कि कथित तौर पर एक छेड़खानी की घटना को लेकर बागलकोट जिले के केरूर शहर में तीन लोगों की चाकू मारकर हत्या करने और हिंसा के मामले में दोनों समुदायों के 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. साथ ही पुलिस ने इस सिलसिले में चार मामले दर्ज किए हैं और लोगों से शहर में शांति बनाए रखने की अपील की है.
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